पंजुआना में ऑनलाइन सत्संग में की थी पूज्य गुरु जी से बात
- उपचार करवाने के साथ-साथ परिवार की हर संभव मदद कर रही साध-संगत
ओढां (राजू)। छोटी सी उम्र में वह नशे की इस कदर आदी हुई कि अगर उसे नशा नहीं मिलता तो वह घर में उत्पात मचाना शुरू कर देती थी। घर के सदस्य भी उसकी इस लत से इस कदर परेशान थे कि उन्हें कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि आखिर क्या किया जाए। उक्त परिवार की ये दशा पड़ोस में रहने वाली डेरा सच्चा सौदा की एक महिला अनुयायी से देखी नहीं गई। उक्त महिला ने अपने गुरु की प्रेरणा पर चलते हुए उक्त बालिका को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के आॅनलाइन सत्संग में लेकर आई। जहां पूज्य गुरु जी के पावन वचनों से बालिका को जीने की एक नई राह मिल गई। नशे के बगैर कुछ पल भी न रहने वाली ये बालिका आज बिना नशा किए सभ्य जिंदगी जीने की शुरुआत कर चुकी है। इस नाबालिगा से जब सच कहूँ संवाददाता राजू ओढां ने बातचीत की तो उसने एक स्वर में कहा कि पूज्य गुरु जी के पावन वचनों ने उसे जीने की एक नई राह दिखा दी।
मैं गलत संगत में पड़ गई थी। नशे के बगैर मुझसे उठा भी नहीं जाता था। पूज्य गुरु जी के पावन वचनों से मुझे जिंदगी की सही राह मिल गई है। अब नशा करने की मन में भी नहीं आती। मैं मेडिटेशन भी करती हूँ। पूज्य गुरु जी ना मिलते तो पता नहीं क्या होता। मैं पूज्य गुरु जी की कोटि-कोटि आभारी हूँ। साध-संगत मेरी पूरी संभाल कर रही है। अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ।
रेखा (काल्पनिक नाम)।
समझ नहीं आ रहा था कि हम क्या करें। एक तो बेटी के घर की आर्थिक स्थिति कमजोर ऊपर से दोहती की ये नशे की लत। हम काफी परेशान थे। मैं आभारी हूँ पूज्य गुरु जी की, जिनकी प्रेरणा से मेरी दोहती नशे की इस दलदल से आजाद हो गई। मेरा पूरा परिवार पूज्य गुरु जी का कोटि-कोटि आभारी है।
महेंद्र कौर (रेखा की नानी)।
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