कीटनाशक के प्रभाव में आए युवक को मिला जीवनदान

insecticidal

 हेमोपरफ्यूजन चारकोल फिल्टर से रक्त को जहर मुक्त किया गया (insecticidal)

हिसार(सच कहूँ न्यूज)। खेती में उपयोग होने वाले कीटनाशक के प्रभाव में (insecticidal) आए एक 16 साल के युवक को गंभीर अवस्था में क्षेत्र के स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टरों ने किसी अन्य सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी । अपने बच्चे को बचाने की उम्मीद के साथ बच्चे के माता-पिता बच्चे को हिसार के सपरा मल्टीस्पेशल्टी हॉस्पिटल में ले आए ,जहां बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण ठाकुर ने बच्चे को जीवनदान दिया।

विशेष मशीनों में के उपयोग से बच्चों के शरीर से रक्त को जहर मुक्त कर दिया

इस संदर्भ में जानकारी देते हुए डॉ प्रवीण ठाकुर ने बताया कि डायलिसिस की नई तकनीक हेमोपरफ्यूजन चारकोल फिल्टर का उपयोग करके उन्होंने बच्चे के रक्त से जहर को पूर्ण रूप से निकाल दिया । डॉक्टर ने बताया कि हेमोपरफ्यूजन करने के बाद डॉक्टरों की टीम ने 36 घंटे तक अपनी विशेष निगरानी में रखते हुए सीआरआरटी के द्वारा विशेष मशीनों में के उपयोग से बच्चों के शरीर से रक्त को जहर मुक्त कर दिया। अस्पताल के डॉक्टरों का मानना है कि यह तकनीक हरियाणा में केवल हिसार के सपरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में स्थित एलकेसीसी एडवांस्ड डायलिसिस सेंटर में ही उपलब्ध है।
-सपरा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. तरूण सपरा ने पत्रकारों को बताया कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हानिकारक कीटनाशक दवाइयों को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए ।

 

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