हाई प्रोफाइल सीट पर भाजपा व कांग्रेस के बीच ही दिखाई दे रही है सीधी जंग
भाजपा ने एक बार फिर पुराने उम्मीदवार सांसद कृष्णपाल गुर्जर पर खेला है दांव
बसपा+लोसुपा ने मनधीर सिंह मान को सौंपी है कमान
आप, जजपा व इनेलो को नहीं मिल रहे उम्मीदवार
फरीदाबाद सच कहूँ/राजेन्द्र दहिया । लोकसभा चुनाव 2019 की जंग को लेकर फरीदाबाद के मतदाता मायूस हंै। मतदाताओं को किसी भी राजनीतिक दल से किसी भी तरह की अपेक्षाएं नहीं हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक दल और उनके नेता व उम्मीदवार अपनी व्यक्तिगत व पारिवारिक उन्नति को लेकर जितने गंभीर रहते आए हैं उतने ही वह साधारण जनता के प्रति उदासीन साबित हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने सांसद कृष्णपाल गुर्जर को ही बिना बदले फिर से उम्मीदवार बनाया है। इसके साथ ही बसपा और लोक सुरक्षा पार्टी ने मनधीर मान को फरीदाबाद से मैदान में उतारा है। कांग्रेस के उम्मीदवार की घोषणा होने का इंतजार है।
हांलाकि राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना टिकट की दौड में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। वैसे महेन्द्र प्रताप, जेपी नागर, कर्ण दलाल, ललित नागर जैसे कई और नाम भी तैर रहे हैं। सबसे दयनीय स्थिति आईएनएलडी और जजपा व आम आदमी पार्टी की बनी है। इन दलों के कार्यकर्ताओं में कांग्रेस और बीजेपी में शामिल होने की जैसे होड़ सी लगी है। इनमें से किसी भी दल के पास सक्रिय कार्यकतार्ओं का अकाल सा पड़ता दिखाई पड रहा है। इनमें से एक पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओें की संख्या दहाई का आंकड़ा तक पार नहीं कर पा रही है।
कांग्रेस भी अवतार सिंह भड़ाना को उतारने की तैयारी में
जहां तक प्रत्याशी खडेÞ करने की बात है, वह इनके संगठन की हालत देखकर ही सहज अनुमान लगाया जा सकता है। इन्हें किसी ऐसे मजबूत व नामचीन नाम की सख्त जरूरत है जिसके बूते बेहतरीन प्रदर्शन किया जा सके। जबकि इन पार्टियों के भीतर किसी भी ऐसे चेहरे का अभाव है। लोगों का यहां तक भी कहना है कि लोकसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन इन पार्टियों के अस्तित्व पर संकट हो सकता है। अब रही बात मतदाताओं की तो उनका स्पष्ट कहना है कि कांग्रेस और भाजपा के नेताओं और कारगुजारियों में फर्क करना मूर्खता ही होगा। इनमें से किसी की भी जीत या हार से इलाके की समस्याओं और हालात में किसी भी तरह के परिवर्तन की उम्मीद करना फिजूल है। नेता इन दोनों पार्टियों में इस तरह घुमते रहते हैं जैसे एक पार्क से घुमते हुए किसी दूसरे पार्क में टहल आना।
कांग्रेस भी अवतार सिंह भड़ाना को उतारने की तैयारी में
अब तक दो दलों के घोषित उम्मीदवारों में बसपा+लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के उम्मीदवार मनधीर सिंह मान को लेकर बड़ी ही रोचक स्थिति सामने आ रही है। लोकसुरक्षा पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों ही हरियाणा में गैर जाट की राजनीति की बातें खुलकर करते आए हैं लेकिन फरीदाबाद में इस गठबंधन ने जाट प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। कांग्रेस की तरफ से जिन नामों के बारे में चर्चाएं सामने आ रही हैं, उनमें से एकआध को छोडकर सभी को जनता जांचे परख चुकी है। मतदाताओं की मानें तो इनमें से कई नेता तो ऐसे हैं जो कभी भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे और मतदाता उन्हें हराते-जिताते आए हैं। लोगों का कहना है कि अगर वही नेता और वही कारगुजारियां हैं तो फिर कोई किसी भी तरह के बदलाव की उम्मीद कर भी कैसे सकता है।
कृष्णपाल गुर्जर पर भी उठ रहे सवाल
भाजपा उम्मीदवार कृष्णपाल गुर्जर को लेकर अधिकांश मतदाताओं में भारी रोष है। गूजर के खिलाफ जहां तहां पोस्टर बाजी व पार्टी की ही सभाओं में विरोध और हुडदंग भी अनेक बार सामने आता रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि गुर्जर को भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी होने का लाभ तो मिल सकता है जहां तक व्यक्तिगत छवि का सवाल है उसे लेकर अनेकों सवाल खडेÞ हो रहे हैं।
यह है 2014 का जनादेश
बीजेपी सांसद ने 2014 में तीन बार फरीदाबाद और एक बार मेरठ से सांसद रहे कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना को 4,66,873 वोट से हराया था। कृष्ण पाल को कुल 57.7 फीसद मत के साथ 6,52,516 वोट मिल थे, जबकि अवतार सिंह भड़ाना को 1,85,643 वोट पड़े थे। कांग्रेस को महज 16.5 फीसद वोट पड़े थे। तीसरे नंबर पर रहे इनेलो के उम्मीदवार आर के आनंद को 1,32,472 वोट मिले थे।
फरीदाबाद में हैं 9 विधानसभा क्षेत्र
फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंदर 9 विधानसभा क्षेत्र हैं, हाथिन, होडल, पलवल, पृथला, फरीदाबाद एनआईटी, बडकल, बल्लबगढ़, फरीदाबाद और तिगांव है। इनमें से तीन-तीन सीट पर कांग्रेस और बीजेपी का कब्जा है, जबकि दो सीट इनेलो के खाते में है और पृथला से बीएसपी के टेक चंद शर्मा विधायक हैं।
1977 से पहले गुरुग्राम लोकसभा का हिस्सा था फरीदाबाद
साल 1977 से पहले यह फरीदाबाद का गुड़गांव (गुरुग्राम) लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था। 1976 में हुए नए परिसीमन में गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र को खत्म कर उसके आधे हिस्से को महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया था, और बाकी हिस्से को लेकर फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र के नाम से एक नया लोकसभा क्षेत्र का गठन कर दिया गया। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से पहली बार जनता पार्टी के धर्मवीर वशिष्ठ जीत हासिल की थी, उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार खुर्शीद अहमद को हराया था।
यह है मौजूदा सांसद का रिपोर्ट कार्ड
61 साल के कृष्ण पाल गुर्जर ने कानून की पढ़ाई की है। 16वीं लोकसभा में इनकी सक्रियता शानदारी रही। इन्होंने लोकसभा में 30 डिबेट में हिस्सा लिया और अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठाए जबकि अगर विकास की बात की जाए तो गुर्जर ने अपने सांसद निधि कोष के 93 फीसद फंड का इस्तेमाल अपने संसदीय क्षेत्र में किया है।
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