बदलते जमाने में जिस तरह लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा है, उसे देखते हुए यह बेहद जरूरी हो गया है कि लोग अपनी फिटनेस को बरकरार रखने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाए। आमतौर पर, फिटनेस गोल्स को पूरा करने में जिसकी सबसे ज्यादा दरकार होती है, वह है फिटनेस ट्रेनर। फिटनेस ट्रेनर वह व्यक्ति होता है, जो आपके शरीर और स्वास्थ्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए न केवल आपको सही एक्सरसाइज की जानकारी देता है। बल्कि अपनी गाइडेंस में आपके सभी फिटनेस गोल्स को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करता है। अगर आप भी इस चाहें तो इस फील्ड में कॅरियर की बेहतरीन संभावनाएं खोज सकते हैं-
क्या होता है काम:
एक फिटनेस ट्रेनर का काम महज अपने क्लाइंट को एक्सरसाइज करवाने तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि उसे अपने क्लाइंट को हमेशा मोटिवेट भी करना होता है, ताकि व्यक्ति खुद को फिट करने की राह पर हरदम कदम बढ़ाता रहे। वहीं आपको सेफ्टी रूल्स के बारे में भी पता होना चाहिए। कभी-कभी एक्सरसाइज के दौरान लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याएं जैसे सिर में दर्द, उल्टी, चक्कर आना, यहां तक कि बेहोश भी हो जाते हैं, इसलिए फिटनेस ट्रेनर को इन विपरीत स्थितियों से बेहतरीन तरीके से निपटना आना चाहिए। वहीं एक फिटनेस ट्रेनर के लिए सबसे जरूरी होता है कि क्लाइंट उसकी सर्विसेज से पूरी तरह संतुष्ट हो। इसलिए आप व्यायाम कराने के साथ-साथ क्लाइंट को यह भी बताएं कि उनकी बॉडी कैसी है और एक्सरसाइज उनके शरीर पर किस तरह काम करेगी।
स्किल्स
चूंकि एक फिटनेस ट्रेनर को अलग-अलग तरह के लोगों के साथ काम करना होता है, इसलिए न सिर्फ उसके कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होने चाहिए, बल्कि उसके अंदर धैर्य भी होना चाहिए। साथ ही यह एक ऐसी इंडस्ट्री है, जहां पर आपको दूसरों को फिट करने से पहले खुद को फिट करना होता है, क्योंकि आपको देखकर ही क्लाइंट आपकी क्वालिटी का अंदाजा लगाते हैं और काम देते हैं। वहीं आपको हर तरह की एक्सरसाइज, फिटनेस टूल्स, डाइट व ह्यूमन बॉडी टाइप के बारे में भी पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। इन सबके अतिरिक्त आपमें भी भरपूर स्टेमिना व एनर्जी होनी चाहिए ताकि क्लाइंट भी उसी एनर्जी से अपने फिटनेस गोल्स पूरे करे।
योग्यता
इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए आप फिटनेस संबंधित कोर्स कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि दो-तीन माह से लेकर दो-तीन साल तक हो सकती है। आप चाहें तो एक्सरसाइज सांइज या फिजिकल एजुकेशन में बैचलर या मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद आसानी से जॉब की तलाश कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त अगर आप फिटनेस से संबंधित ही किसी एक क्षेत्र जैसे वेट लिफटिंग आदि में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो उससे संबंधित कोर्स भी अलग से चलाए जाते हैं। वहीं एक फिटनेस ट्रेनर के लिए फर्स्ट एड में सर्टिफिकेशन कोर्स भी जरूरी है ताकि आपको सीपीआर की पूरी जानकारी हो। अपने काम के दौरान आपको इसकी आवश्यकता पड़ सकती है।
संभावनाएं
एक फिटनेस ट्रेनर के लिए संभावनाओं का आसमान खुला है। आप बहुत से फाइव स्टार होटल्स, हेल्थ रिजॉर्ट, स्पा, स्पोटर्स एंड फिटनेस क्लब, जिम आदि में जॉब की तलाश कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सरकारी क्षेत्र में भी फिटनेस ट्रेनर के लिए काम की कमी नहीं है। आप सरकार द्वारा संचालित कई तरह के इंस्टीट्यूट व स्पॉर्टस बॉडीज में भी जॉब ढूंढी जा सकती है। वहीं आजकल स्पोर्ट्स और फिटनेस की बढ़ती डिमांड के चलते स्कूल, कॉलेज व यूनिवर्सिटी में भी फिटनेस इंस्टक्टर की भी भारी डिमांड है। आप चाहें तो बतौर फिटनेस टीचर भी कार्य कर सकते हैं।
आमदनी
एक फिटनेस ट्रेनर की आमदनी बहुत सी बातों पर निर्भर करती है। मसलन, शुरूआती दौर में इस क्षेत्र में आपकी आमदनी 10000 से 15000 मासिक होती है। लेकिन समय और अनुभव के बाद आपकी आमदनी में भी इजाफा होता है। इसके अतिरिक्त सेंटर की रेप्यूटेशन, लोकेलटी व क्लाइंट्स की संख्या भी आपकी आमदनी को प्रभावित करती है। वहीं अगर आप बतौर सेलेब्रिटी फिटनेस ट्रेनर या फिर खुद का एक फिटनेस क्लब खोलते हैं तो आपकी आमदनी लाखों में भी हो सकती है।
प्रमुख संस्थान:
- लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज आॅफ फिजिकल कॉलेज, तिरूवंतपुरम
- सिम्बायोसिस इंस्ट्टियूट आॅफ हेल्थ साइंस, पुणे
- के11 एकेडमी आॅफ फिटनेस साइंस,
- इन्दिरा गांधी इंस्टीटयूट आॅफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, दिल्ली
- गोल्ड जिम फिटनेस इंस्टीट्यूट, मुम्बई
- इंडियन एकेडमी आॅफ फिटनेस ट्रेनिंग, कर्नाटक
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