लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी स्वामित्व योजना के तहत 10 लाख से अधिक ग्रामीणों को डिजिटल माध्यम से उनके आवास का मालिकाना हक दिलाने वाला दस्तावेज (ग्रामीण आवासीय अभिलेख यानी घरौनी प्रमाण पत्र) सौंपेंगे।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया गया कि इस चरण में योगी कल एक कार्यक्रम में 10,81,062 ग्रामीणों को घरौनी सौंपेगे। इस योजना का लाभ पाने वाले ग्रामीणों को घरौनी प्रमाण पत्र मिलने से काफी राहत मिलेगी। इससे उनके लिए बैंक से लोन प्राप्त करना आसान हो जाएगा। अन्य आवश्यक सेवाओं को प्राप्त करने में भी घरौनी के दस्तावेज उनके काम आ सकेंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार स्वामित्व योजना के तहत सभी 75 जनपदों में घरौनियां तैयार किए जाने का कार्य बड़ी तेजी से कर रही है। सरकार ने अभिलेखों को तैयार करने के लिए 1,10313 ग्रामों को चिन्हित किया है।
23287 ग्रामों में कुल 3,42,8305 घरौनियां हुए तैयार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 24 अप्रैल, 2020 से शुरू की गई स्वामित्व योजना का लाभ उप्र सरकार द्वारा राज्य की ग्रामीण जनता को भी दिलाने के लिये इस योजना के तहत 20 जून तक प्रदेश के कुल 68641 गांवों में ड्रोन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। इनमें से 23287 ग्रामों में कुल 3,42,8305 घरौनियां तैयार हो चुकी हैं। योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अभिलेखों का निर्माण हो जाने पर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति संबंधी विवाद काफी कम हो जाएंगे।
सरकार का दावा है कि स्वामित्व का अभिलेख बन जाने पर न्यायालय में चल रहे विवादों का निस्तारण जल्द होगा। आबादी क्षेत्र का प्रारंभिक डाटा मिलने पर सरकार विकास की योजनाओं को आसानी से संचालित करा सकेगी। इन अभिलेखों के तैयार हो जाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय तरलता एवं वित्तीय सुदृढ़ता के साथ ही विकास की प्रक्रिया को भी गति मिलेगी।
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