लखनऊ। आगरा में दलित महिला के शव को चिता से हटाने की घटना की तीव्र भर्त्सना करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया “ यूपी में आगरा के पास एक दलित महिला का शव वहाँ जातिवादी मानसिकता रखने वाले उच्च वर्गों के लोगों ने इसलिए चिता से हटा दिया, क्योंकि वह शमशान-घाट उच्च वर्गों का था, जो यह अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय भी है।” उन्होने कहा “ इस जातिवादी घृणित मामले की यूपी सरकार द्वारा उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिये तथा दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि प्रदेश में ऐसी घटना की फिर से पुनरावृति ना हो सके, बीएसपी की यह पुरजोर माँग है। ”
गौरतलब है कि पिछली 20 जुलाई को सोमवार को अछनेरा क्षेत्र के एक गांव में दलित महिला का अंतिम संस्कार कथित तौर पर अगड़ी जाति के कुछ लोगों ने रूकवा दिया था। मामले को हल करने के लिये पुलिस भी पहुंची लेकिन दबंगों के आगे उसे भी झुकना पड़ा जिसके बाद दलित महिला के शव को चिता से उतार लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं। बसपा अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली में एक दलित डाक्टर की कोरोना से हुयी मौत पर दुख व्यक्त करते हुये उनके परिवार की मदद करने की अपील सरकार से की है।
उन्होने कहा “ मध्यप्रदेश के दलित परिवार में जन्मे दिल्ली के एक डाक्टर की कोरोना से हुई मौत अति-दुःखद। दिल्ली सरकार को भी अपनी जातिवादी मानसिकता को त्यागकर उसके परिवार की पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये, जिन्होंने कर्जा लेकर उसे डाक्टरी की पढ़ाई कराई।”
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