Yogi Adityanath : खनन को लेकर योगी सरकार ने जारी किए ये सख्त निर्देश!

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योगी आदित्यनाथ (सांकेतिक फोटो)

Yogi Adityanath : दूसरे राज्यों में मिट्टी ले जाने की इजाजत नहीं

लखनऊ (एजेंसी)। जन सामान्य और किसानों द्वारा साधारण मिट्टी का खनन किए जाने के संबंध में योगी सरकार की ओर से महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत आॅनलाइन व्यवस्था का उपयोग करते हुए 100 घन मीटर तक की मिट्टी की मात्रा स्वयं के खेतों से खनन व परिवहन के लिए उपयोग में लाई जा सकती है। यहां यह उल्लेखनीय है कि किसी भी दशा में दूसरे प्रदेश में इस प्रदेश से मिट्टी की खुदाई कर परिवहन की अनुमति नहीं दी जाएगी। योगी सरकार की ओर से तहसील व थाने के कर्मियों से इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने को निर्देशित किया गया है। Uttar Pradesh News

ज्ञातव्य है कि शासन के संज्ञान में लगातार इस तरह की शिकायतें आ रही थीं कि जन-सामान्य द्वारा अपने निजी कार्य अथवा सामुदायिक कार्य के लिए अपने खेत से मिट्टी खुदाई कर ले जाने पर पुलिस व प्रशासन के द्वारा परमिट की मांग करते हुए रोका जा रहा है। इसी संबंध में शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कमिश्नर व एसएसपी और एसपी को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि शासन के आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। Uttar Pradesh News

‘खुद के खेत से उठा सकते हैं 100 घन मीटर तक मिट्टी’ | UP News

निर्देश में कहा गया है कि भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के द्वारा 100 घनमीटर तक खनन के परिवहन के लिए आॅनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। इस कार्य के लिए संबंधित व्यक्ति को यूपीमाइनमित्र.इन पर अपनी आवश्यक सूचना भरते हुए रजिस्टर करना है और रजिस्ट्रेशन की प्रति के साथ वह स्वयं की भूमि पर मिट्टी खनन व परिवहन कर सकता है। 100 घनमीटर मिट्टी से अधिक खनन व परिवहन के लिए अनुज्ञा/परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता है।

सामान्यत: एक ट्रैक्टर ट्राली से तीन घनमीटर साधारण मिट्टी का परिवहन किया जाता है, जिसके आधार पर 100 घनमीटर साधारण मिट्टी के परिवहन के लिए लगभग 33 ट्रैक्टर ट्रालियों का प्रयोग किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली 1963 के नियम-3 के अंतर्गत 2 मीटर की गहराई तक सामान्य मिट्टी को निकालने को खनन के अंतर्गत नहीं माना गया है। इस कार्य पर पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का भी पर्यवेक्षण रहता है। Uttar Pradesh News

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