लखनऊ (एजेंसी)। योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश मातृ अर्पण योजना शुरू की है, जिसे अब तेजी से क्रियान्वित किए जाने की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। नगर विकास विभाग की ओर से नगरीय क्षेत्रों में योजना के क्रियान्वयन के संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन दिशा निर्देशों के अनुसार किसी नगरीय निकाय में विकास कार्य के लिए दानदाता 60 प्रतिशत अंश देगा तो 40 प्रतिशत सरकार की ओर से दिया जाएगा। ये 40 प्रतिशत या उससे कम राशि की व्यवस्था कार्य से संबंधित विभागों के बजट प्रावधानों की जाएगी। Yogi Government
मातृ अर्पण योजना के तहत 30 दिन में मिलेगी कार्य की मंजूरी
इसके अतिरिक्त दानदाता के द्वारा संबंधित कार्य के लिए दान की गई राशि इस योजना के तहत खुलवाए गए एस्क्रो अकाउंट में जमा कराई जाएगी। दान की राशि जमा करवाने के 30 दिनों के अंदर संबंधित कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित जिलाधिकारी द्वारा संपन्न कराई जाएगी एवं कार्य की प्रगति की रिपोर्ट शासन को दी जाएगी। योजना का प्रस्ताव नगर निगमों द्वारा नगर आयुक्तों के माध्यम से तथा अन्य नगरीय निकायों (नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत) के अधिशासी अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारियों के माध्यम से शासन को प्रेषित किया जाएगा। Yogi Sarkar
निर्देशों के अनुसार, यदि कोई दानदाता स्कूल व इंटर कॉलेज की कक्षाओं या स्मार्ट क्लास के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध कराता है तो शेष धनराशि बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग के बजट से प्रदान की जाएगी। इसी तरह सामुदायिक भवन के लिए नगर विकास विभाग से, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के लिए चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग से, पुस्तकालय और खेलकूद के लिए व्यायाम भवन और उपकरण हेतु खेलकूद एवं युवा कल्याण विभाग से धनराशि ली जाएगी।
वहीं सीसीटीवी कैमरा, सर्विलांस सिस्टम, फायर सर्विस स्टेशन के विकास के लिए गृह विभाग को, अंत्येष्टि स्थल के विकास और जल की व्यवस्था एवं सीवरेज, एसटीपी आदि के लिए नगर विकास विभाग शेष धनराशि देगा। बस स्टैंड और सोलर एनर्जी स्ट्रीट लाइट और पेयजल योजनाओं, आरओ प्लांट के लिए अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत व नगर विकास विभाग सहायक की भूमिका में होगा। Yogi Government
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