मिशन इंसानियत। विनाशकारी बाढ़, भूकंप व अन्य आपदा पीड़ितों की मदद के लिए सबसे पहले आगे आया डेरा सच्चा सौदा
- जून 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ पीड़ित 10 हजार परिवारों को बांटा एक माह का राशन
- सितंबर 2014 में जम्मू-कश्मीर में 7123 बाढ़ पीड़ित परिवारों को बांटी राहत सामग्री
- अप्रैल 2015 में नेपाल में 5 हजार से अधिक परिवारों को बांटा राशन
सरसा। इन्सानियत पर जब-जब मुसीबत आई तब-तब डेरा सच्चा सौदा ने पीड़ितों के लिए मदद का हाथ सबसे पहले आगे बढ़ाया। वर्ष 2000 में गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हो या वर्ष 2005 में राजस्थान में सूखे का प्रकोप। लेह-लद्दाख में आई दिल दहला देने वाली प्राकृतिक आपदा हो या जून 2013 में उत्तराखंड में आई जलप्रलय। इन प्राकृतिक आपदाओं ने माताओं से उनके बेटे, बहनों से भाई तो सुहागिनों से उनका सुहाग छीन लिया। दु:ख की इस घड़ी में डेरा सच्चा सौदा भला कहां पीछे रहने वाला था।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन दिशा-निर्देशन में डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जवान बिना किसी देरी के इन आपदाग्रस्त इलाकों में पहुंचे तथा बचाव एवं राहत कार्यों में प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मदद करते हुए आपदा पीड़ितों के आंसू पोंछे और तब तक जुटे रहे जब तक की हालात सामान्य नहीं हो गए।
वर्ष 2013 में 16-17 जून की रात उत्तराखंड में आई विनाशकारी बाढ़ पीड़ितों की सुध लेते हुए पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 33 कैंटर राहत सामग्री के साथ 200 से अधिक शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों के साथ 15 सदस्यीय विशेषज्ञ चिकित्सक दल को चलता-फिरता मोबाइल अस्पताल ‘फरिश्ता’ सहित वहां भेजा।
इन सेवादारों ने सबसे अधिक तबाही झेलने वाले रूद्रप्रयाग, केदारघाटी और गुप्तकाशी जिलों के दुर्गम पहाड़ों में स्थित गांवों कालीमठ, लुवारा, लमगौंडी, नारायणकोटी, मैखंडा, खुमैरी, व्यूंग, कोरखी, धानी, जामू, गौरीकुंड, तरसाली, फाटा, नाला, हयूना, टीनसोली, सिंगोली, हुमेरा, शेरसी, रामपुर, क्योरी, जासधर, देवसाल और फलीपसालक में 10,000 परिवारों को घर-घर जाकर राशन वितरित किया तथा इन गांवों में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाकर 2250 लोगों का इलाज किया, वहीं उन्हें नि:शुल्क दवाएं भी दी गई।
सेवादारों ने क्षत-विक्षत हो चुकी सड़कों को स्वयं दुरूस्त करते हुए वहां से नए रास्ते बनाकर राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाई। इसके अलावा हेलीकॉप्टर की सहायता से भी राहत सामग्री पीड़ितों के घरों तक पहुंचाई गई। डेरा सच्चा सौदा के इस प्रयास की उत्तराखंड के कृषि, शिक्षा, चिकित्सा, शिक्षा एवं सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह रावत, स्थानीय प्रशासन, विधायक के साथ-साथ आमजन ने भी भरपूर प्रशंसा की। वहीं पीड़ित लोगों ने सेवादारों और पूज्य गुरू जी का इस मदद के लिए तहेदिल से धन्यवाद किया।
कुदरती कहर से बर्बाद कश्मीर का बांटा दर्द
- शाह सतनाम जी मोबाईल अस्पताल फरिश्ता द्वारा 9755 मरीजों की स्वास्थ्य जांच
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले श्रीनगर में सितंबर 2014 में कुदरत का गुस्सा इस कदर फूटा कि भयानक बरसात के बाद अचानक आई विनाशकारी बाढ़ ने सब कुछ तहस-नहस कर डाला। यहां भी डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार सबसे पहले पहुंचे तथा बाढ़ का पानी निकालने में पूरी ताकत झोंक डाली व अपनी जान पर खेलकर सैकड़ों जानें बचाई। धर्म, जाति, मजहब से परे हट डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जवान भारतीय सेना के जवानों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में बाढ पीड़ितों का दर्द बांटने के साथ-साथ उनके आंसू पोंछते रहे जैसे कि वे उनके कोई अपने ही हों। अनंतनाग, कुलगांव व श्रीनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव एवं राहत अभियान करीब 12 दिनों तक खूब जोरों पर चला।
डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा बाढ पीड़ितों की मदद के लिए भेजी गई राहत सामग्री की खेप का भारतीय सेना व स्थानीय आर्मड पुलिस,प्रशासन के सहयोग से शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के जवान प्रभावित इलाकों में घर-घर जाकर राहत सामग्री का वितरण करने में जुटे रहे। इस दौरान कुलगांव, श्रीनगर व अनंतनाग जिलों के प्रभावित इलाकों में 7123 पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री का वितरण किया गया साथ ही शाह सतनाम जी मोबाईल अस्पताल फरिश्ता व साथ आई।
पांच चिकित्सकों व पैरामेडीकल स्टॉफ की 25 सदस्यीय टीम द्वारा गांव-गांव जाकर नि:शुल्क मेडीकल शिविर लगाकर 9755 बाढ पीड़ितों की स्वास्थ्य जांच कर फ्री दवाईयां भी वितरित की। इसके अलावा शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आॅफ मेडीकल साइंस में बाढ़ पीड़ितों के लिए 57 यूनिट रक्तदान कर भी मानवता का फर्ज निभाया। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा में लगे रक्तदान शिविर में बाढ पीड़ितों के लिए 600 यूनिट रक्तदान भी उपलब्ध कराया गया है।
नेपाल भूकंप पीड़ितों को भी बांटी राहत
- 3332 भूकंप पीड़ितों को लगाकर दिए टैंट
- 7669 मरीजों की स्वास्थ्य जांच
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में बरपे कुदरती कहर के बाद सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने मोर्चा संभालते हुए 5 हजार से अधिक भूकंप पीड़ित परिवारों को राशन वितरित किया साथ ही अपना आशियाना गंवा चुके 3332 भूकंप पीड़ितों को टैंट लगाकर अस्थाई आशियाने बनाकर दिए। इस दौरान 7669 मरीजों की स्वास्थ्य जांच भी की गई। सेवादारों ने भूकंप में तबाह हो चुके शहीद जगत प्रकाश जंग शाह संस्कृत विद्यालय व नुवाकोट जिले के देवीघाट स्थित श्री रणभुवनेश्वरी उच्च माध्यमिक विद्यालय के पुनर्निर्माण का कार्य पूरा कर देवीघाट की जनता को समर्पित किया। इस स्कूल में डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग द्वारा 10 नए कमरों का निर्माण करवाने के साथ अन्य क्षतिग्रस्त कमरों व चारदीवारी की मरम्मत कराई गई थी।