चिंताजनक। अमीरों ने मुफ्त इलाज के लालच में बनवाए फर्जी कार्ड

Worrying. The rich made fake cards in the greed of free treatment

आयुष्मान भारत योजना में घोटालों से भरा हरियाणा

  • फर्जी कार्ड बनवाने वाले 94 हजार परिवारों तक पहुंची सरकार
सच कहूँ/अश्वनी चावला चंडीगढ़। गरीब व जरूरतमंदों का मुफ्त में इलाज करवाने के मकसद से बनी स्कीम आयुष्मान भारत अब बड़े स्तर पर घोटालों की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। आयुष्मान भारत को लेकर हरियाणा प्रदेश घोटालों से ही भरा पड़ा है। प्रदेश का एक भी जिला ऐसा नहीं है, जिसमें आयुष्मान भारत के तहत फर्जी तरीके से कार्ड न बनाए गए हों। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की मुस्तैदी के चलते पहले साल में ही इन सभी फर्जी कार्ड बनवाने वाले परिवारों की पहचान कर ली गई और उनके कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। परंतु इसके बावजूद आयुष्मान भारत स्कीम में ऐसी कमियां दिखाई जरुर दे रही हैं।
हरियाणा में 22 लाख आयुष्मान कार्ड में से 94078 ऐसे हैं, जोकि गलत तरीके से दस्तावेजों में छेड़छाड़ करते हुए बनाए गए हैं। जिसका फायदा उठाते हुए काफी लोगों ने मेडिकल क्लेम भी ले लिया है। इससे अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है, क्योंकि अगर प्रदेश के सभी 22 जिलों में पहले साल में ही इतने बड़े स्तर पर फर्जी कार्ड बन सकते हैं तो आने वाले समय में इस घोटाले को कितने बड़े स्तर पर अंजाम दिया जा सकता है। अब अधिकारियों ने आयुष्मान भारत में सभी तरह की खामियों को दूर करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है, ताकि फर्जी तरीके से बनने वाले कार्डों पर नकेल कसी जा सके।

क्या है आयुष्मान भारत योजना?

देशभर में गरीबी रेखा के अधीन रहने वाले लोगों को अच्छे स्तर पर इलाज नहीं मिलने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से आयुष्मान भारत की शुरूआत 2 साल पहले की थी। जिसके तहत 2011 में हुए सर्वे को आधार बनाया गया है। इस सर्वे में जिस भी परिवार के पास न तो मोटर गाड़ी है और न ही अपना मकान है और उसके साथ एक लिमिट से आमदनी भी कम है तो ऐसी विषम परिस्थितियों में अपना और अपने परिवार का इलाज करवाने में असमर्थ लोगों को आयुष्मान भारत के तहत दर्ज किया जा रहा है। जिसमें 5 लाख रुपये तक का इलाज सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में मुफ्त मिलेगा।

मनोहर लाल खट्टर और अनिल विज का जिला भी नहीं अछूता

फर्जी तरीके से आयुष्मान भारत में कार्ड बनवाने वाले लोगों से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का जिला भी अछूता नहीं रहा है। मुख्य मंत्री मनोहर लाल के गृह जिले करनाल में 4880 ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने सरकार के अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकते हुए फर्जी तरीके से आयुष्मान भारत स्कीम के तहत अपना बीमा कार्ड बनवा रखा था। ऐसे में ही गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का जिला अंबाला भी इसी सूची में शामिल है। फर्जी तरीके से कार्ड बनवाने वालों की सूची में अंबाला चौथे नंबर पर शुमार है। अंबाला में फर्जी तरीके से बनाए गए आयुष्मान भारत के कुल कार्ड की गिनती 6170 बताई जा रही है और अंबाला ही ऐसा जिला है, जहां पर इन फर्जी तरीके से कार्ड बनाने वाले परिवारों ने मेडिकल क्लेम भी लिया है।
फर्जी दस्तावेज के जरिए आयुष्मान भारत के कार्ड बनवाने वाले परिवारों को हरियाणा ने ही बड़े स्तर पर ट्रैक किया है और उसके साथ ही उनके कार्ड भी रद्द किए हैं। हर सिस्टम में गलत काम करने वाले होते हैं, परंतु उन्हें समय पर पकड़ लेना ही मुख्य होता है, जो कि हरियाणा ने किया है।
अशोक मीणा, आयुष्मान भारत हरियाणा के सीईओ

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