पुणे (एजेंसी) । महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के महाड़ तहसील में लगातार हो रही बारिश के कारण हुए भूस्खलन में अब तक 129 लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 40 शव मलबे के नीचे से निकाले हैं। रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी मौके पर पहुंच गयी हैं। जबकि पुणे मंडल के तहत 84,452 लोगों को शुक्रवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया क्योंकि राज्य में भारी बारिश का कहर जारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
भूस्खलन में मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की मदद: ठाकरे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को राज्य में मूसलाधार बारिश और भूस्खलन में मारे गए लोगों के वारिसों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। राज्य सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ठाकरे ने शोक संतप्त परिवारों के दुख को साझा किया। राज्य में 10 अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुयी हैं। रायगढ़ जिले में महाड तालुका के तलीउ और माधलीवाड़ी, रत्नागिरी जिले में गोवाले सखर सुतरवाड़ी, केवनाले, पोलादपुर के साथ-साथ खेड़, सतारा जिले के पाटन तालुका में मीरगांव, उसी जिले के वाई तालुका में अंबेघर, हुंबराली, ढोकवाले और कोंडवाली और मोजेजोर शामिल हैं। ठाकरे ने प्रत्येक मृतक के उत्तराधिकारियों को पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। साथ ही इन हादसों में घायलों का इलाज का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
कोल्हापुर जिले में बाढ़ जैसी स्थिति
सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक के अलमाटी बांध से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे कोल्हापुर जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है। पश्चिमी महाराष्ट्र की तीन बड़ी नदियाँ, कोल्हापुर में पंचगंगा, सांगली में कृष्णा और सतारा में कोयाना नदी कई इलाकों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। लगातार बारिश, जलभराव और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के कारण मुंबई-गोवा और पुणे-बेंगलुरु राजमार्गों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
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