चिंताजनक। सर्दी के साथ-साथ जानलेवा वायरस पसार रहा पांव

Worrying. Along with cold Deadly virus spread speedily

भिवानी में कोरोना से तीन और मरीजों की मौत (Deadly Virus)

  • विभाग ने संक्रमितों के घरों को किया सेनेटाइज

भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। शहर के मानान पाना निवासी कोरोना पॉजिटिव 40 वर्षीय युवक, शहर के बड़ चौक निवासी 77 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर व गांव खैरपुरा निवासी 77 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। इनमें मानान पाना वाले युवक की मौत मंगलवार सुबह रोहतक पीजीआई में, रिटायर्ड प्रोफेसर की गुडगांव में तो खैरपुरा वाले बुजुर्ग की सोमवार को हिसार के एक निजी अस्पताल में मौत हुई है। मानान पाना वाले युवक के शव का रोहतक में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया तो वहीं खैरपुरा वाले बुजुर्ग का अंतिम संस्कार भिवानी नगर परिषद की टीम ने किया है। यह जानकारी सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलोत ने दी।

पहला मामला:

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर के मानान पाना निवासी 40 साल का अजय नामक युवक अपने घर पर 2 गायें रखता था। इसलिए वह खुद ही उन गायों का दूध निकालने के अलावा अन्य लोगों की गायों का दूध निकालने का काम करता था। इसके लिए वह रोजाना सुबह 6 बजे इस काम में लग जाता था। इसी के चलते वह ठंड की चपेट में आ गया और उसकी छाती में बलगम जम गया। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्हें उपचार के लिए करीब एक सप्ताह पहले सिविल अस्पताल ले जाया गया।

अजय के बड़े भाई मुकेश ने बताया कि उसके बाद विभाग ने उसके भाई को दवाइयां देकर घर पर ही आराम करने की सलाह दी। मगर 19 नवंबर उसके भाई की तबीयत और खराब हो गई। इसलिए वे उसे सिविल अस्पताल लेकर गए तो वहां से उसके भाई को रोहतक रैफर कर दिया। वहां उसी दिन उसके भाई का रैपिड एंटीजन किट से कोरोना का सैंपल लिया तो उसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। तब से उसका भाई रोहतक में ही उपचाराधीन था। मगर मंगलवार सुबह करीब 5 बजे उसके भाई को अचानक दिल का दौरा पड़ा और सुबह करीब 5:20 बजे उसके भाई ने रोहतक में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

दूसरा मामला:

मूल रूप से गांव खैरपुरा और इस समय भिवानी में रह रहे 77 साल के निहाल सिंह को अस्थमा की पुरानी बीमारी थी और उनका हिसार के एक निजी अस्पताल से इलाज चल रहा था। पिछले दिनों सांस लेने में दिक्कत होने के चलते उन्हें 15 नवंबर को शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां उनका कोरोना सैंपल ले उन्हें हिसार के एक निजी अस्पताल में रैफर कर दिया। इसके बाद 17 नवंबर को उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई। इसकी जानकारी मिलने पर उन्हें उक्त अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड के आई.सी.यू. में शिफ्ट कर दिया। मगर उक्त मरीज को सोमवार सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ा और सोमवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मगर जिला स्वास्थ्य विभाग के पास उनके निधन की जानकारी मंगलवार सुबह आई है।

तीसरे मामला:

शहर के बड़ चौक निवासी 77 साल के रिटायर्ड प्रोफेसर रामकुमार की 2 नवंबर को ही रैपिड किट में कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। उस समय उन्हें खांसी, बुखार, जुकाम और सांस लेने में दिक्कत थी। इसलिए परिजन उन्हें उसी दिन हिसार के एक निजी अस्पताल में ले गए। मगर वहां उनकी हालत में सुधार नहीं होने पर परिजन उन्हें 6 नवंबर को गुडगांव के खांडसा स्थित एक अस्पताल में लेकर गए। वे तब से वहीं पर उपचाराधीन थे। मगर सोमवार सुबह उन्हें भी अचानक दिल का दौरा पड़ा। बताया जाता है कि वे पिछले 2 साल से शूगर के मरीज के थे। इस बात को ध्यान में रखते हुए डाक्टरों ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन मरीज सर्वाइव नहीं कर पाया और उन्होंने सोमवार सुबह करीब सवा 11 बजे उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

इसलिए नगर परिषद की टीम ने इन तीनों मृतकों के मकानों को सेनेटाइज किया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों मृतकों के संपर्क में आए उनके परिजनों के कोरोना सैंपल लिए हैं। बताया जाता है कि मानान पाना वाले मृतक के परिवार के 3 सदस्य 21 नवंबर को ही कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं।

 

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