नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। युवाओं में तम्बाकू के अत्यधिक सेवन की प्रवृत्ति का स्वास्थ्य, समाज और वित्तीय संसाधनों पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों को रेखांकित करते हुए विशेषज्ञों ने इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया है। टाटा मेमोरियल सेंटर के सर्जन और वहां के कैंसर महामारी विज्ञान विभाग के उप निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) पंकज चतुवेर्दी का कहना है कि युवाओं को तम्बाकू के सेवन बचाने की जरूरत है क्यों कि इस आदत के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र पर बड़ा गंभीर दबाव है।
उन्होंने बताया कि भारत में हर साल साढे़ तेरह लाख लोग तम्बाकू सेवन के कारण स्वास्थ्य खराब होने से मरते हैं। वह इस विषय पर एक परिचर्चा में मुख्य वक्ता थे। डा चतुवेर्दी ने कहा, ‘जब कोई युवा व्यक्ति, दुर्भाग्य से तम्बाकू के अत्यधिक सेवन के कारण स्वास्थ्य पर बुरे असर के कारण मरता है तो उसका परिवार और उसके दोस्तों का जीवन प्रभावित होता है।
युवापीढ़ी को इस खतरे के प्रति किया जाए जागरूक
उन्होंने कहा, ‘चिंता की बात है कि यह कोई छोटी संख्या नहीं है। भारत में, प्रति वर्ष 13.5 लाख लोगों की मृत्यु तम्बाकू सेवन के कारण स्वास्थ्य खराब होने के कारण होती है। उन्होंने तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों, कैंसर का स्वास्थ्य पर बोझ, वर्तमान तम्बाकू खपत परिदृश्य और तंबाकू के सेवन से निपटने में भारतीय युवाओं की भूमिका पर अपनी राय जताई। उन्होंने युवापीढ़ी को इस खतरे के प्रति जागरूक किए जाने की जरुरत पर बल दिया।
चर्चा का आयोजन दिल्ली की संस्था एमएएसएच प्रोजेक्ट फाउंडेशन ने किया था जिसमें तंबाकू की खपत के लिए आयु सीमा बढ़ाने, तंबाकू सेवान की प्रवृत्ति में मीडिया और विज्ञापन की भूमिका, तंबाकू उत्पादों की सुलभता जैसे मुद्दों पर चर्चा की गयी। वीडिया कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस चर्चा में ओडिशा अधिवक्ता निक्की गार्गी ने अपनी तंबाकू की लत पर काबू पाने में अपने अनुभवों को साझा किया। दिल्ली स्थित एमएएसएच प्रोजेक्ट फाउंडेशन ने टाटा मेमोरियल सेंटर के साथ साझेदारी में पूरे भारत के 120 से अधिक युवाओं के नेटवर्क के साथ तंबाकू मुक्त भारत अभियान चला रहा है।
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