‘विलुप्ति की कगार पर पहुंच रहे आद्र क्षेत्रों को बचाना जरूरी’
- हम जंगलों की तुलना में तीन गुना तेजी से खो रहे आद्रभूमि: परमजीत
भिवानी (सच कहूँ न्यूज)। विलुप्ति की कगार पर पहुंच रहे आद्र क्षेत्रों के बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस वर्ष जिला भर में गांव बीरण को चुना गया था। इसी कड़ी में वीरवार को जिला के गांव बीरण स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाया गया। इस दौरान उपस्थित लोगों को इस दिवस की महत्ता पर विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता इंस्पेक्टर परमजीत, सब इंस्पेक्टर ज्योति, वन दरोगा पवन कुमार, लेक्चरर मेनका एवं गांव के सरपंच सुल्तान सिंह ने शिरकत की।
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इस दौरान कार्यक्रम की शुरूआत पर स्वागत गीत गाने वाले बच्चों को उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि वेटलैंड यानी नमभूमि या आद्रभूमि, जमीन का वह हिस्सा जहां पानी और भूमि आपस में मिलते है, उसे वेटलैंड कहा जाता है। वेललैंड या आर्द्रभूमि की मिट्टी किसी झील, नदी, तालाब के किनारे का वह हिस्सा है, जहां बहुत ज्यादा मात्रा में नमी पाई जाती है। ये कई मायनों में बहुत फायदेमंद होती है। हर वर्ष 2 फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाए जाने का उद्देश्य उन आर्द्र क्षेत्रों पर प्रकाश डालना है, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि 1700 के दशक के बाद से दुनिया के लगभग 90 प्रतिशत आर्द्रभूमि खराब हो गई तथा हम जंगलों की तुलना में तीन गुना तेजी से आर्द्रभूमि खो रहे हैं। ये कई जलीय जीव, जंतुओं का आवास होते हैं। इतना ही नहीं ये प्रवासी पक्षियों के रहने के भी अनुकूल होते हैं। इनके लुप्त होने से पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ी चीजों को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य सुरेश कुमार, पंच कृष्ण सैनी, ओमप्रकाश सैनी, मुकेश यादव, राजू जांगड़ा, संदीप, जगदीप, राजा, बिलु, होशियार सिंह, जगवीर सिंह, रणधीर सिंह, जोगेंद्र सिंह, मेनका, मोनिका, पिंकी, प्रवीण, अलका जांगड़ा, सुमन मोर, राजेश्वर, सुनील, प्रमोद, राजपाल, देवेंद्र सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
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