World Health Day हर वर्ष 7 अप्रैल को मनाया जाता है ताकि बढ़ती स्वास्थ्य चिंताओं को (World Health Day) उजागर किया जा सके। इसका उद्देश्य स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देना भी है। एक स्वस्थ जीवन जीना कठिन नहीं है लेकिन इसके लिए कुछ गंभीर प्रतिबद्धताओं और निरंतर प्रयासों की आवश्यकता होती है। ये प्रयास बहुत बड़े मील के पत्थर नहीं हैं, लेकिन आपके दिन-प्रतिदिन के जीवन में कुछ छोटे बदलाव हैं। इस विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, आज आपको पूज्य गुरु संत डॉॅ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के स्वस्थ प्रथाओं को अपनाना चाहिए।
नाश्ता कभी न छोड़ें | World Health Day
सुबह का नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण खाना होता है। अपने दिन की शुरूआत करने के लिए आपको उच्च ऊर्जा वाले स्वस्थ नाश्ते का सेवन करना चाहिए। नाश्ता आपको शेष दिन के लिए इष्टतम ऊर्जा देता है। सुनिश्चित करें कि आप अपने नाश्ते में केवल स्वस्थ चीजें शामिल करें जो पोषक तत्वों से भरी हुई हैं। कभी भी उन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें जो भारी या तैलीय हों।
आलस्य से बाहर निकले कसरत करें | World Health Day
आप में से अधिकांश लोग आसानी से व्यायाम छोड़ देते हैं। हर कोई नियमित रूप से व्यायाम नहीं करता है। यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपकी सूची में एक व्यायाम होना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए न्यूनतम 30 मिनट का व्यायाम आवश्यक है। तो अब व्यायाम छोड़ देने और आलस्य से बाहर निकालने के लिए कोई बहाना न बनाएं।
पनीर से निकले पानी को ना फेंके | World Health Day
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो भी माता-बहनें, भाई पनीर की सब्जी बनाती है या बनाते है, पनीर से निकले पानी को फेंके ना, या तो उस पानी में सब्जी बना ले या उसे अपनी इच्छानुसार नमक डालकर पी भी सकते है, क्योंकि उसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है।
मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए | World Health Day
डम्बल लें या चारपाई उठा लें और उसे ऊपर-नीचे करें। जिम है तो ठीक है, नहीं तो बॉडी वेट ही डम्बल है, दंड बैठक, पुशअप करें, जिम की जरूरत ही नहीं रहेगी। यह धीरे-धीरे करना चाहिए, ताकि शरीर के किसी भी भाग में झटका लगने का डर नहीं रहे। हर खेल में स्पीड होना जरूरी है और स्पीड बढ़ाने के लिए जोगिंग दौड़ लगानी चाहिए।
एक्सरसाइज
एक्सरसाइज इस तरह से करनी चाहिए कि बॉडी सिर से लेकर पैर तक पसीने से नहीं लें, यह शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक है। सीढ़ियां भाग-भाग के चढ़ो। सांस धौंकनी की तरह चलना चाहिए। आपको फील होना चाहिए कि आपका हार्ट बोल रहाहै। ऐसा करने से आपको दिल की कोई बीमारी नहीं लगेगी व बहुत सी अन्य बीमारियां भी खुद ही उड़ जाएंगी। ऐसा अगर आप लगातार करने लग गए तो बीमारियां तो दूर जाएंगी ही, आपका वजन भी कम होगा।
जानें ये भी एक्सरसाइज
- ट्राइसेप के लिए ये बहुत अच्छी एक्सरसाइज है। बेंच डिप्स लगाने के लिए आपको एक फ्लैट बैंच की जरूरत पड़ेगी। आपको बेंच पर हाथों की मदद से पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठना है और फिर ऊपर तक आ जाना है।
- इसके लिए सबसे पहले एक बेंच या कुर्सी का चुनाव करें।
- पैरों को आगे की तरफ फैलाएं और पंजों को जमीन से थोड़ा ऊपर उठा लें।
- अब हाथों को कुर्सी या बेंच के ऊपर रखकर शरीर को धीरे-धीरे आगे की तरफ खिसकाएं।
- शरीर को नीचे की ओर धकेलना शुरू करें। इस वक्त आपकी कोहनी झुकनी चाहिए लेकिन कूल्हे जमीन से टच न हो सकें।
- अब शुरूआती स्थिति में वापस शरीर को धकेलना शुरू करें।
- इस प्रक्रिया को प्रति सेट 8-10 बार दोहराएं। इसके आप 3 सेट कर सकते हैं।
पूज्य गुरु जी ने स्वस्थ रहने के टिप्स बताते हुए फरमाया कि सूर्य निकलने से पहले जागो। अगर हो सके तो प्रात: 2 से 5 बजे के बीच जागो और एक घंटा मालिक का नाम जपो। पूज्य गुरु जी ने बताया कि सुबह के समय नाश्ता थोड़ा अच्छा यानि हेवी लें, दोपहर को कम तथा रात को हल्का खाएं। आप जी ने फरमाया कि सुबह राजा की तरह यानि ज्यादा खाएं, दोपहर में रानी की तरह कम खाएं और रात को भिखारी की तरह यानि गुजारे लायक खाएं। खाने को पीयो यानि अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं और पानी को खाओ यानि घूंट-घूंट कर धीरे धीरे पीएं। रात को सोने से पहले ब्रश करें तो दांत मजबूत रहेंगे और मुंह में बदबू भी नहीं आएगी।
आप जी ने फरमाया कि तली हुई चीजों में स्वाद होता है, ताकत नहीं। इसलिए स्वस्थ खाएं और स्वस्थ रहें। खाना खाते समय अल्लाह, वाहेगुरू, राम को याद करें और ‘धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा’ का नारा लगाएं। यह नारा अनमोल नियामत है तथा दोनों जहानों में कबूल होता है। आप जी ने फरमाया कि हर अच्छा काम करने से पहले मालिक को याद करें। सही समय पर भोजन करेंं। आठों पहर मत खाएं तथा टाईम फिक्स करें। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अपने बेटे, बेटियों, मां-बाप, परिवार के लिए भी समय निश्चित करें। रोबट बनकर न घूमें व परिवार के लिए समय अवश्य निकालें। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि खूब सोओ, पर इतना भी नहीं कि सोते ही रहो। चार घंटे सोने के लिए पर्याप्त हंै, इससे ज्यादा छह या आठ घंटे की नींद बहुत है।
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