साध-संगत ने पर्यावरण संरक्षण का उठाया बीड़ा
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन दिशा निर्देश में डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने पर्यावरण संरक्षण का बीड़ा उठाया है। साध-संगत द्वारा हर साल पूज्य गुरु जी के पावन अवतार दिवस व स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में लाखों पौधे रोपित किए जाते हैं, जो अब वृक्ष बनकर वातावरण को स्वच्छ वायु की सौगात दे रहे हैं। इसके अलावा भी डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत विभिन्न अवसरों जैसे शादी, जन्मदिन, सालगिरह व अन्य शुभ अवसरों पर भी पौधारोपण करती रहती है, जो कि जमाने के लिए बेमिसाल है।
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पौधारोपण में हैं चार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
धरती सजी रहे वृक्ष से, पेड़ों की फैली छांव हो…पर्यावरण संरक्षण के इसी संदेश के साथ आज डेरा सच्चा सौदा ने विश्व स्तर पर पहचान बना ली है। पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भले ही देशभर में अनेकों संस्थाएं एवं सामाजिक संगठन कार्यरत हैं लेकिन डेरा सच्चा सौदा का कोई सानी नहीं। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज हम आपको बताने जा रहे हैं पर्यावरण संरक्षण में डेरा सच्चा सौदा का क्या है योगदान और डेरा अनुयायी किस तरह से प्रकृति की सार संभाल में लगे हैं। पूज्य गुरू जी के पावन आह्वान पर डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों यानि प्रकृति प्रेमियों ने देश व दुनिया को हरा-भरा करने का बीड़ा उठाया है।
15 अगस्त 2009 को मात्र एक घंटे में लगाए थे 938007 पौधे
पर्यावरण संरक्षण मुहिम के तहत दुनियाभर में किए गए पौधारोपण में अब तक चार विश्व रिकॉर्ड भी डेरा सच्चा सौदा के नाम हैं, जिनमें एक दिन में सर्वाधिक 15 अगस्त 2009 को मात्र एक घंटे में 9 लाख 38 हजार 7 पौधे लगाने के लिए। दूसरे रिकार्ड में 15 अगस्त 2009 को 8 घंटों में 68 लाख 73 हजार 451 पौधे रोपित करने के लिए, तीसरा रिकार्ड 15 अगस्त 2011 को मात्र एक घंटे में साध-संगत द्वारा 19,45,535 पौधे रोपित करके बनाया तथा चौथा रिकार्ड 15 अगस्त 2012 को मात्र 1 घंटे में साध-संगत ने 20 लाख 39 हजार 747 पौधे लगाए बनाया। इन पर्यावरण प्रहरियों के जीवन का ध्येय केवल पर्यावरण संरक्षण ही बन चुका है। पर्यावरण के ऐसे कर्मठ पहरेदारों के जज्बे को सलाम हम करते हैं।
बच्चों की तरह करें पौधों की संभाल
पौधा एक दोस्त की भांति होता है, इसकी पूरी संभाल करनी चाहिए। पौधे प्रदूषण व बीमारियों से राहत प्रदान करते हैं, जिससे समूह सुष्टि का भला होता है। इसीलिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं और उनकी संभाल भी अपने बच्चों की तरह करें।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां।
फसलों के अवशेष जलाने से परहेज
डेरा सच्चा सौदा से जुड़े श्रद्धालु किसान भी फसलों के अवशेष न जलाकर अनोखे तरीके से पर्यावरण की रक्षा कर रहे हैं। डेरा प्रेमी किसानों ने पूज्य गुरू जी के आह्वान पर खेतों में पराली व अन्य अवशेष न जलाने का संकल्प लिया है। इससे न केवल वातावरण शुद्ध होता है अपितु जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है।
वायु प्रदूषण से हर साल 55 लाख मौतें
वायु प्रदूषण के कारण हर साल पूरी दुनिया में करीब 55 लाख लोगों की असमय मौत हो जाती है। अगर हवा को साफ करने के लिए कुछ किया नहीं गया तो 2050 तक सालाना 60 लाख से ज्यादा लोगों की मौत वायु प्रदूषण की वजह से हो सकती है। एक ताजा शोध के अनुसार अकेले भारत और चीन में वायु प्रदूषण के कारण पूरी दुनिया की 55 फीसदी मौतें होती हैं। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, 2013 में चीन में वायु प्रदूषण के कारण 16 लाख जबकि भारत में 14 लाख लोगों की मौत हुई। भारत, चीन, कनाडा और अमेरिका के अनुसंधानकर्ताओं की टीम के अनुसार, उत्सर्जन में कमी लाने के लगातार प्रयास किए जाने के बावजूद अगले दो दशकों में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ेगी। अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द अडवांसमेंट आॅफ साइंस (एएएएस) की बैठक में यह शोध पेश किया गया।
वाह! ट्री ट्रांसप्लांट का गजब फार्मूला
पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने ट्री ट्रांसप्लांट की एक ऐसी अनोखी तकनीक इजाद की है जिसके तहत साबुत यानि पूरे के पूरे वृक्ष को एक स्थान से खुदाई कर दूसरे स्थान पर सुरक्षित रोपा जा रहा है। ट्री ट्रांसप्लांट के इस अद्भुत फार्मूले को यदि केंद्र व राज्य सरकारें भी लागू कर दें तो विकास परियोजनाओं के नाम पर पेड़ों की बलि लेने की रिवायत पर तो अंकुश लगेगा ही साथ ही प्रतिवर्ष कटने वाले लाखों पेड़ों को बचाकर हरियाली को भी कायम रखा जा सकेगा। यहां बता दें कि डेरा सच्चा सौदा से संबंधित सभी आश्रमों व संस्थानों में निर्माण कार्यों के दौरान बाधा उत्पन्न करने वाले पेड़ों को काटा नहीं जाता बल्कि ट्री ट्रांसप्लांट के तहत पेड़ को खोदकर दूसरी जगह रोपित कर दिया जाता है।
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