World Blood Donor Day: 2022 तक डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालुओं ने 9 लाख 77 हजार 738 यूनिट किया रक्तदान

World Blood Donor Day 2023
World Blood Donor Day 2023 डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु रक्तदान कर बचा रहे लोगों का जीवन, पा रहे सुकून फाइल फोटो

World Blood Donor Day: जिदंगी में उस वक्त बड़ा सुकून पाते हैं, जब किसी जरूरतमंद को देकर खून आते है…। आज विश्व रक्तदान दिवस है और ये पंक्तियां डेरा सच्चा सौदा के रक्तदानियों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। क्योंकि पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए ‘‘ट्रयू ब्लड पंप’’ के नाम से दुनिया भर में चर्चित डेरा सच्चा सौदा के रक्तदानी बिना किसी स्वार्थ और बिना पैसे लिए अनजान लोगों के लिए ब्लड डोनेट कर रहे हैं।

बात आंकड़ों की करें तो साल 2022 तक डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी 9 लाख 77 हजार 738 यूनिट रक्त दान कर असंख्य लोगों का अमूल्य जीवन बचा चुके हैं। यानी 4 लाख 39 हजार 982 लीटर रक्त दान कर चुके हैं। इसके अलावा 2007 में शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में बने पूज्य बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लड बैंक में अब तक एक लाख 77 हजार 822 यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। रक्तदान के क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा का नाम चार बार गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुका है।

रक्तदान के लिए आज सारे संसार में सिरमौर है सरसा | World Blood Donor Day

जब चर्चा रक्तदान सहित समाज भलाई कार्यों की हो तो सरसा का नाम ना आए, ये नामुमकिन है। क्योंकि रक्तदान के क्षेत्र में सरसा आज भी विश्व में सिरमौर बना हुआ है। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉॅ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने रक्तदान को लेकर जो रीत चलाई आज सारा देश उसका अनुसरण कर रहा है। खास पहलू तो यह है कि यहां के रक्तदाताओं को चलते फिरते ट्रयू ब्लड पंप की उपाधि मिली हुई है, जो जब भी, जहां भी, किसी को जरूरत पड़ती है, वहां रक्तदान करने के लिए पहुंच जाते हैं।

इसके अलावा हर तीन महीने के पश्चात डेरा अनुयायी रक्तदान जरूर करते हैं। बच्चों, खुद व परिवार में किसी का जन्मदिन, परिवार में आने वाले खुशी-गम के अवसरों को भी डेरा श्रद्धालु रक्तदान करके ही मनाते हंै। इसके अलावा भारतीय सेना, पुलिस प्रशासन, थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज व देश का चौथा स्तंभ पत्रकार समाज को निरंतर रक्त उपलब्ध करवा रहा है। रक्तदान की जो अलख पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी ने जगाई थी उसका नतीजा है कि आज देश में रक्त के अभाव में होने वाली मौतों में कमी आई है।

डेरा के रक्तदान के क्षेत्र में बनाए विश्व कीर्तिमानों की वजह से दुनिया में प्रसिद्ध है सरसा के रक्तदानी | World Blood Donor Day 2023

सर्वधर्म संगम डेरा सच्चा सौदा का नाम चार बार रक्तदान के लिए गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। सबसे पहले 7 दिसंबर 2003 को शाह सतनाम जी धाम सरसा में आयोजित रक्तदान कैंप में 15432 यूनिट रक्तदान किया गया। जो रक्तदान के लिए डेरा सच्चा सौदा का पहला गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड है।

दूसरा 10 अक्टूबर 2004 को राजस्थान में पूज्य गुरु जी की पावन अवतार स्थली श्री गुरुसर मोडिया में लगाए गए कैंप में 8 घंटे में 17921 यूनिट रक्तदान हुआ, वह भी वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ है। 8 अगस्त 2010 को पूज्य गुरु जी के 43वें अवतार दिवस के उपलक्ष्य में शाह सतनाम जी धाम सरसा के सचखंड हाल में एक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 43732 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया, जो कि डेरा सच्चा सौदा का रक्तदान के क्षेत्र में तीसरा वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इसके अतिरिक्त रक्तदान के प्रति आमजन में जागरूकता पैदा करने के लिए 24 नवम्बर 2013 को 10,563 लोगों ने विशालकाय रक्त बूंद की मानव श्रृंखला बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।

डेरा सच्चा सौदा के नाम रक्तदान के कीर्तिमान

  • 7 दिसम्बर 2003 को 8 घंटों में सर्वाधिक 15,432 यूनिट रक्त दान।
  • 10 अक्तूबर 2004 को17921 यूनिट रक्त दान।
  • 8 अगस्त 2010 को मात्र 8 घंटों में 43,732 यूनिट रक्त दान।
  • 12 अप्रैल 2014 को देश के विभिन्न स्थानों पर एक साथ 75777 यूनिट रक्तदान।

रक्तदान करके अगर किसी की जान बचाई जा सकती है, तो यह बहुत पुण्य का काम है। मानवता के नाते मनुष्य को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती, बल्कि पहले की अपेक्षा अच्छा रक्त बनता है और शरीर में ताजगी महसूस होती है।’’
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां

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14 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व रक्तदाता दिवस

विश्व रक्तदान दिवस, शरीर विज्ञान में नोबल पुरस्कार प्राप्त कर चुके वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन की याद में पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य रक्तदान को प्रोत्साहित करना और उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। इसी दिन 14 जून 1868 को वैज्ञानिक कार्ल लैंडस्टाईन का जन्म हुआ था। उन्होंने इन्सानी रक्त में एग्ल्युटिनिन की मौजूदगी के आधार पर ब्लड ग्रुप ए, बी और ओ समूह की पहचान की थी। खून के इस वर्गीकरण ने चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसी खोज के लिए कार्ल लैंडस्टाईन को सन् 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था।

रक्तदान करने के ये हैं लाभ

  • रक्तदान से हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है। रक्तदान से नसों में खून का थक्का नहीं जम पाता है।
  • नियमित रक्तदान से खून पतला बना रहता है और शरीर में खून का बहाव सही रहता है।
  • रक्तदान से वजन कम करने में मदद मिलती है। साल में कम से कम दो बार रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
  • रक्तदान से शरीर में एनर्जी आती है, क्योंकि शरीर में नया खून बनता है। इससे शरीर भी स्वस्थ होता है।
  • रक्तदान से लीवर से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है। रक्तदान से आयरन मात्रा संतुलित होती है।
  • एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से आपके शरीर से 650 कैलोरीज कम होती है। जिससे बर्न हर्ट अटैक की संभावना कम होती है।
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