सरसा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आॅनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया, ‘कल साध-संगत ने एक दिन में पूरे हरियाणा को लगभग 5 घंटे में साफ किया क्या ये छोटी-सी बात है। पर इसमें मसाला नहीं है। कैसा मसाला चाहिए, दुनिया की गंदगी साफ की, हम कल देख रहे थे टॉयलट साफ कर रहे थे बच्चे, यहां बहुत गंदगी थी हाथों से बाहर फेंक रहे थे। टॉयलट सीट को साफ कर रहे थे, जो कि सांझी जगहों पर लगी होती है, क्या ये छोटी-सी बात है, कभी धरातल पर उतरके देखिए और करके देखिए आपको पता चल जाएगा।
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तो बड़ी हैरानी होती है, बड़ा अजीब लगता है कि वो चीज नजर नहीं आती तो आज का दौर बेपरवाह जी ने बदलना चाहा कि लोग राम का नाम जपे, ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, ईश्वरी की भक्ति करें, उसकी याद में हमेशा परमानंद है लेकिन बहुत कम लोग है पूरी जनसंख्या के अनुसार जो आज इसे फॉलो करते हैं, बहुत कम लोग है जो वो नजारे लूट पाते हैं जो उन्होंने बताया। आदमी का दायरा तंग हो चुका है। छोटी सोच नैरो माइंड, चिट्टी दीवार पर घूमती है, वो हाल आज आदमी का है। ताजा-ताजा प्लास्टर किया हो आम भाषा में जिसे आप पलस्तर कहते है, दीवार पर चिट्टी घूमती है उसको लगता है मौका है बिल बना लो, पुरानी दीवार पर घूमती है कहीं तरेड़ मिल जाए मैं घूस जाऊं ऐसा ही आज का दौर है, आज आदमी मसालेदार चीज झूठ तूफान बुराई किसी की निंदा, किसी की चुगली, किसी को बुरा कहना, उसमें मजा लेना पसंद करते हैं और उसी को बताना पसंद करते हैं। और जो लोग दिन-रात लगके मानवता का भला कर रहे हैं।
पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि नशे छुड़वाना, बुराइयां छुड़वाना मतलब क्या-क्या गिनवाये जो आज ऐसे भक्त जन कर रहे हैं अपने आप में जो बेमिसाल है पर कहते हैं कि इसमें तो मसाला नहीं है, बड़ी हैरानीजनक वाली बात है कि आज झूठ तूफान के युग में लोगों को झूठ बुराई की बातें ज्यादा पसंद आती है। अरे कभी ये सोचा करो, आप भी लग चलिए अपने-अपने घरों को साफ कर लिजिए ताकि साध-संगत को ये सफाई महाअभियान की जरूरत ना पड़े, ये करना ही ना पड़े, घर के सामने गली थोड़ी ही साफ करके तो देखिए कभी शर्म आती है हाथ में झाडू पकड़ते और कल आपने देखा होगा हमारे बच्चे छोटे से लेकर बड़ा यानि छोटा बच्चा, उससे बड़ा, बुजुर्ग सब लगे हुए थे क्योंकि ऊंच-नीच को हम नहीं मानते। सभी धर्मों के लोग लगे हुए थे। क्योंकि सारे धर्मों में ये बताया गया है कि यहां वातावरण स्वच्छ होगा वहां दिमाग में विचार भी अच्छे आएंगे, स्वस्थ आएंगे।
जहां वातावरण स्वच्छ होगा परम पिता परमात्मा की ओम हरि अल्लाह राम की वहीं याद आएगी। वातावरण दूषित है, खानपान दूषित हो गया, देखना दूषित है, सुनना दूषित है तो आदमी बचेगा कैसे, हमारे धर्मों के पवित्र ग्रंथों में बड़ा कुछ लिखा हुआ है। तो उसी का ही एक अंग था जो कल साध-संगत ने निभाया कहा, गुरु जी आपको तोहफा देंगे और कोई कुछ कहे या ना कहे, हमें नहीं पता लेकिन हम अपने उन बच्चों को बेइंतहा आशीर्वाद देते हैं। जिन्होंने सिफ 5 घंटे में इतने बड़े हरियाणा को चकाचक कर दिया एक महायज्ञ को पूरा किया है तो भगवान आपको खुशियों से मालोमाल जरूर करेंगे। जो भी इस सेवा में इनवोल थे चाहे वो किसी के रूप में क्यों नहीं थे।
बच्चों मांगना है तो राम जी से मांगिये, अपनी तारीफ की फिक्र नहीं करते हमारे बच्चे उनका काम ये हमारा ऐम है मानवता की भलाई करनी है। तो करनी है। रोकने वाले रोकते है, टोकने वाले टोकते है, बोलने वाले बोलते है, लेकिन वो तो देखते ही नहीं झाडू चलाते चले जाते है सफाई करते चले जाते हैं। भलाई करते चले जाते हैं। और किसी को कुछ नहीं कहते और भलाई करके, झाडू टांगा और चलते बनते है। वाकई ऐसा ही होना चाहिए।
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