World Asthma Day: अस्थमा को नजरअंदाज न करें: हनीप्रीत इन्सां

honeypreet_insan

सरसा। हर वर्ष 2 मई को विश्‍व अस्‍थमा दिवस मनाया जाता है। आज बढ़ते प्रदूषण की वजह से अस्‍थमा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और बच्‍चों की इम्‍यूनिटी कमजोर होने की वजह उन्‍हें ये बीमारी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। चाइल्ड अस्थमा सांस से संबंधित स्थिति है जो दुनिया भर के लाखों बच्चों को प्रभावित करती है।

बच्चों को यह बीमारी विशेष रूप से कठिन लग सकती है क्योंकि इसमें सांस लेने में समस्या, छाती में जकड़न, खांसी और घरघराहट के कारण उनके लिए खेलना, व्यायाम करना या अन्य गतिविधियों में शामिल होना मुश्किल हो सकता है। वहीं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी हनीप्रीत इन्सां ने ट्वीट के जरिये लिखा,‘ जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए श्वसन स्वास्थ्य आवश्यक है। आइए अस्थमा की देखभाल को प्राथमिकता दें और अस्थमा प्रबंधन के पूरक के लिए सुलभ चिकित्सा सहायता को बढ़ावा दें।

क्या है अस्थमा रोग-

अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से रोगी को सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। दरअसल, अस्थमा होने पर श्वास नलियों में सूजन आने की वजह से श्वसन मार्ग सिकुड़ जाता है। श्वसन नली में सिकुड़न पैदा होने की वजह से रोगी में सांस लेने में परेशानी, सांस लेते समय आवाज आना, सीने में जकड़न, खांसी जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। समय रहते अगर पीड़ित व्यक्ति को अगर अस्थमा का सही उपचार न मिले तो स्थिति काफी गंभीर भी हो सकती है।

अस्‍थमा के लक्षण

  • बलगम वाली खांसी या सूखी खांसी।-
  • सीने में जकड़न जैसा महसूस होना।
  • सांस लेने में कठिनाई।
  • सांस लेते समय घरघराहट की आवाज ।
  • ठंडी हवा में सांस लेने से हालत गंभीर होना।

अस्‍थमा से बचाव

  •  प्रदूषण से बचाव के लिए घर से बाहर निकलने समय चेहरे पर मास्‍क जरूर लगाएं।
  • बारिश में नमी बढ़ने के साथ संक्रमण की संभावना भी ज्यादा बनी रहती है। ऐसे में अपना ध्यान रखें।
  • सूर्य नमस्‍कार, प्राणायाम, भुजंगासन जैसे योग करके अस्‍थमा को कंट्रोल किया जा सकता है।
  • अस्‍थमा रोगी को अपनी डाइट में हरी पत्‍तेदार सब्जियों के अलावा विटामिन ए, सी और ई युक्‍त खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए।

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