पंजाब कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई अहम फैसले, स्लम ड्वैलर्स एक्ट-2020 को मंजूरी
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प्रदेश में एक लाख नौकरी देने के फैसले पर भी लगी मोहर
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छात्रवृत्ति योजना के तहत आय सीमा ढाई से 4 लाख की
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मंत्रीमंडल ने टिशू कल्चर बेस्ड सीड पटैटो बिल को मंजूरी
(सच कहूँ/अश्वनी चावला) चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। पंजाब में अब झुग्गी-झोपड़ी वाले भी घर के मालिक कहला सकेंगे। साथ ही इन्हें मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया करवाया जाना यकीनी बनाया जाएगा। दरबसल, बुधवार को पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट ने पंजाब स्लम ड्वैलर्स (प्रोप्रायटरी राइट्स) एक्ट 2020 के नियमों को नोटिफाई करने को मंजूरी दे दी है। जल्द ही इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता के अनुसार स्थानीय निकाय विभाग पहले ही बसेरा-मुख्यमंत्री झुग्गी झोंपड़ी विकास प्रोग्राम तैयार किया था। इसका आधार पंजाब स्लम ड्वैलर्स (प्रोप्रायटरी राइट्स) एक्ट 2020 की धारा 17 के उपबंध थे। एक्ट को लागू करने के लिए शहरी स्थानीय निकाय के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही थी। यह प्रोग्राम सभी के हितों के समावेश और सभी शहरों को बराबरी वाले झुग्गी-झोपड़ी मुक्त पंजाब की कल्पना करता है। खास ध्यान दिया जा रहा है कि हर नागरिक की प्राथमिक नागरिक सेवाओं, सामाजिक सहूलियतों और विशेष आश्रय तक पहुंच हो। शहरी क्षेत्रों के वृद्धि और विकास और प्रवासी जनसंख्या की आमद के नतीजे के तौर पर हाल ही के पिछले दशकों में पंजाब में सरकारी जमीन पर कई अनधिकृत झुग्गी बस गई, जिससे सरकार के लिए शहरवासियों के साथ इन झुग्गी के निवासियों को प्राथमिक सहूलितें प्रदान करना एक चुनौती बना हुआ है।
2022 तक 1 लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना
पंजाब कैबिनेट ने राज्य में एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव के समय नौकरियां देने का वादा किया था। इस वादे को पूरा करने के लिए कैबिनेट ने सरकारी विभागों, बोर्डों व निगमों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए एक राज्य रोजगार योजना 2020-22 को मंजूरी दी। यहां चरणबद्ध तरीके से भर्तियां की जाएंगी।
रिटायर्ड होने वाले डॉक्टरों का कार्यकाल 31 दिसंबर तक बढ़ाया
बैठक में लिये गये अन्य फैसले के तहत राज्य में कोविड संकट में रिटायर होने वाले डाक्टरों और मैडीकल स्पैशलिस्टों को एक अक्तूबर से 31 दिसंबर तक सेवा काल में तीन माह की वृद्धि और फिर से नौकरी पर रखने को मंजूरी दे दी है। यह फैसला पंजाब में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर किया गया है। देश भर में 72 लाख मामलों में से 1.25 लाख मामले राज्य में सामने आए हैं और इस बीमारी की लपेट में आने वालों के अलावा मौतों की संख्या भी दिनों -दिन बढ़ती जा रही है। डाक्टरों और पैरा -मैडीकल अमले की भर्ती प्रक्रिया जारी है। भर्ती में कुछ समय लग सकता है। इसी के चलते राज्य सरकार ने मौजूदा समय नौकरी कर रहे डाक्टरों /स्पैशलिस्टों की सेवाएं फिलहाल जारी रखने का फैसला किया है।
कैबिनेट ने नई छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी
पंजाब कैबिनेट ने केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना के स्थान पर डॉ. बीआर अंबेडकर एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी है। यह योजना अनुसूचित जाति के छात्रों को सरकारी और निजी संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद करेगी। एक अन्य फैसले में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 छात्रवृत्ति योजना के लिए आय सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर चार लाख कर दिया है। इस फैसले से अब अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।
महिलाओं को भर्ती में 33 फीसदी आरक्षण
पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य सिविल सेवाओं में सीधी भर्ती के तहत महिलाओं को तेंतीस प्रतिशत आरक्षण देने को आज मंजूरी दे दी। राज्य की सामाजिक सुरक्षा एवं महिला बाल विकास मंत्री अरूणा चौधरी ने मंत्रिमंडल के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है। उन्होंने आज यहां कहा कि महिला सशक्तिकरण और समाज में समानता का माहौल बनाने की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हमेशा प्राथमिकता दी है। पंजाब सिविल सेवाएं (महिलाओं के लिए पदों का आरक्षण) नियम, 2020 को कैबिनेट की मंजूरी के साथ समूह बोर्डों और कॉपोर्रेशनों समेत सभी सरकारी नौकरियों में ग्रुप ए, बी, सी और डी पदों के लिए सीधी भर्ती के समय औरतों को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, जिससे राज्य की औरतों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार के और ज्यादा मौके मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि अमरिन्दर सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए सभी वायदे पूरे करने के लिए वचनबद्ध है और महिलाओं को समर्थ बनाने के लिए ऐसे और फैसले नजदीकी भविष्य में लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री के यत्नों के स्वरूप पंजाब पंचायती राज (संशोधन) एक्ट और पंजाब नगरपालिका (संशोधन) एक्ट बनाकर पंचायती राज संस्थाओं और म्यूंसीपल संस्थाओं के मतदान में औरतों को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था।
आलू के बीज की गुणवत्ता में सुधार और किसानों की आय में होगी वृद्धि
आलू उत्पादकों की आय को बढ़ाने के लिये बड़ा कदम उठाते हुये पंजाब मंत्रिमंडल ने टिशू कल्चर पर आधारित प्रौद्यौगिकी के जरिये आलू के मानक बीज के उत्पादन और आलू के बीज और इसकी अगली वैरायटी की सर्टीफिकेशन का फैसला लिया है। इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर ंिसह की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया । बैठक में टिशू कल्चर बेस्ड सीड पटैटो बिल, 2020 को मंजूरी दे दी जिससे आलू उत्पादकों की आलू के मानक बीज की माँग को पूरा किया जा सके और देश में राज्य का आलू बीज के एक्सपोर्ट (निर्यात) हब के तौर पर विकास किया जा सके।
इस कदम से आलू के उत्पादन को उत्साहित करने में मदद मिलेगी जिससे आलू की फÞसल की काश्त अधीन और ज्यादा क्षेत्रफल आने से फÞसली विभिन्नता को बल मिलेगा। राज्य में एक लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की काश्त की जाती है जिससे आलू के चार लाख टन बीज की माँग पैदा हुई है। सैंट्रल पटैटो रिर्सच इंस्टीट्यूट, शिमला से आलू के मानक बीज की सप्लाई बहुत कम है। कुछ व्यापारी इस पर पंजाब के बीज का मार्का लगा कर गÞैर-कानूनी ढंग से घटिया किस्म का आलू बीज सप्लाई कर रहे हैं।
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