Gurugram: गुरुग्राम, संजय कुमार मेहरा। कैंसर के प्रति जागरुकता बढ़ाने और विश्व कैंसर दिवस के उपलक्ष्य में फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से पर्ल एकेडमी के सहयोग से फैशन शो-टुगेदर वी विन आयोजित किया गया। यह फैशन शो कैंसर जैसे रोग को हरा चुके लोगों के बुलंद हौंसलों का जश्न मनाने के मकसद से आयोजित किया गया इस फैशन शो में रैम्प वॉक करने वाले मॉडल फैशन जगत की हस्तियां न होकर कैंसर सरवाइवर्स थे, जो इस महा रोग को अपनी संकल्प शक्ति और साहस के दम पर पछाड़ चुके हैं। इस मौके पर फोर्टिस गुरुग्राम के लगभग 10 आंकोलॉजिस्ट भी मौजूद रहे। उन्होंने उनकी रिकवरी के सफर में कैंसर को बराबर की टक्कर दी थी। यह फैशन शो इन योद्धाओं के इरादों का जश्न तो था ही, साथ ही आगामी 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के मद्देनजर कैंसर के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए भी था।
कैंसर सरवाइवर्स और मेडिकल प्रोफेशनल्स समेत लगभग 35 प्रतिभागियों ने रैम्प वॉक की और तीन अलग-अलग पहलुओं को प्रस्तुत किया-द फाइट, द हीलिंग और द विक्ट्री। द्धद फाइट में बोल्ड डिजाइनों के जरिए मरीजों के शुरूआती संघर्ष को दशार्या गया था, जबकि द हीलिंग में उनकी रिकवरी और रोग के बाद उनके नएपन को दिखलाने के लिए सॉफ्ट और सूदिंग एस्थेटिक्स का सहारा लिया गया था। द विक्ट्री में रोग को पराजित करने और उसके बाद पैदा हुए खुशी तथा साहस के भाव को दशार्या गया था। इस फैशन शो में रैम्प वॉक करने वाले कैंसर सरवाइवर आलोक गोयनका ने अपने अनुभवों को सांझा किया। उन्होंने कहा कि दोबारा जिंदगी के प्रति उसी उत्साह और उमंग को वापस पा लिया है, जो मुझे लगा था कि मैं खो चुका हूं। यह रनवे मेरे लिए उस युद्धक्षेत्र के समान है, जिससे गुजरते हुए मैं जीत के द्वार तक पहुंचा हूं। जहां पहुंचकर मैंने अपने मन के डर और संशय को पीछे छोड़ दिया है। सरवाइवर सीमा कुमारी ने कहा कि उम्मीद उस किरण की तरह है, जिसने मुझे सबसे अंधकारमय दौर में राह दिखायी। यह केवल एक अहसास नहीं है, बल्कि उस उत्साह की खुराक की तरह है जो आपको लड़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित करती है। एक अन्य कैंसर सरवाइवर और मोटरसाइक्लिस्ट संजय डावर ने कहा कि सरवाइवल का मतलब यह नहीं कि केवल जिंदा रहा जाए, बल्कि यह उत्साहपूर्वक जिंदगी जीने का नाम है।