नारी शक्ति बोली-तीनों कृषि कानून रद्द करने ही होंगे

Farmer-Protest

किसान महिला दिवस : 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के लिए की रिहर्सल

  • टोल प्लाजा पर वाहनों का भी आवागमन पूरी तरह से रहा फ्री

चंडीगढ़। रोहतक (सच कहूँ/नवीन मलिक)। केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को लेकर कोई समाधान नहीं निकलने के चलते अब महिलाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को किसान महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं ने सिंघु बॉर्डर, कुंडली बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर के साथ-साथ अंबाला, करनाल, भिवानी, रोहतक, झज्जर, सरसा सहित विभिन्न जिलों में क्रमिक अनशन स्थलों का नेतृत्व किया और मंच से ऐलान किया कि किसी भी कीमत पर यह तीन काले कानून स्वीकार नहीं किए जाएंगे। अगर सरकार ने इन कानूनों को तुरंत प्रभाव से मंगलवार को होने वाली बैठक में रद्द नहीं किया तो 26 जनवरी को सबसे आगे महिलाएं ट्रैक्टर लेकर नेतृत्व करेगी और हर हाल में दिल्ली में प्रवेश किया जाएगा।

महिलाओं ने रोहतक के मकडोली टोल प्लाजा पर ट्रैक्टर मार्च का अभ्यास किया और तीन काले कानूनों के विरोध में सरकार का पुतला फूंका। साथ ही किसानों के समर्थन में छात्रों ने शहर में रैली भी निकाली। वहीं टोल प्लाजा पर लगातार किसानों का क्रमिक अनशन जारी है और टोल से वाहनों का आवागमन भी पूरी तरह से नि:शुल्क जारी है। किसानों का कहना है कि जब तक तीन कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते हैं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

सोमवार को आसपास के गांवों की भारी संख्या में महिलाएं ट्रेक्टर ट्राली लेकर मकडोली स्थित टोल प्लाजा पर चल रहे क्रमिक अनशन स्थल पर पहुंची। गांव बोहर निवासी अंग्रेजो देवी, मानसी, साहब कौर, प्रेम कौर, धनपति, पार्वती, लक्ष्मी, संतोष ने कहा कि यह सिर्फ किसानों का आंदोलन नहीं है, बल्कि हर वर्ग का आंदोलन है। आज हर वर्ग अपने हकों की लड़ाई के लिए सड़कों पर आंदोलन कर रहा है, लेकिन भाजपा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही हैै। सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए है और चंद पूजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह काले कानून लेकर आई है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाएं भी इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और वह तभी घर जाएंगी, जब सरकार इन काले कानूनों को रद्द कर देगी। महिलाओं ने कहा कि वह अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है और हर हाल में 26 जनवरी को दिल्ली जाएंगी।

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