नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने बारह सदस्यों का निलम्बन समाप्त करने की मांग को लेकर हंगामा किया जिसके करण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने सदस्यों के निलंबन का मामला उठाया और कहा कि इसका रचनात्मक समाधान निकाला जाना चाहिए । पिछले सप्ताह भी यह मामला उठा था और उसके निपटारे का आश्वासन दिया गया था। इसी दौरान विपक्ष के अनेक सदस्य खड़े हो गये। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस मामले पर सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है जिसके कारण विपक्ष व्यवधान करता है ।
नायडू ने कहा कि इस तरह से सदन का संचालन नहीं हो सकता
इससे पहले खड़गे ने कहा कि विपक्ष निलम्बन को समाप्त करने की मांग को लेकर लगातार सदन के नेता और सभापति से अनुरोध कर रहा है। कांग्रेस के उपनेता ने सदन के नेता से भी इस संबंध में बात की है लेकिन वे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अड़ियल रवैया अपना रही है इसलिए विपक्ष सदन में व्यवधान करता है। उन्होंने सदन से वाकआउट करने की भी बात कही और इसके बाद अपनी सीट से आगे बढ़ गये।
इस दौरान विपक्षी सदस्यों के खड़े रहने पर नायडू ने कहा कि इस तरह से सदन का संचालन नहीं हो सकता है । मुझे पता है कि निलंबन के मामले में क्या करना है। उन्होंने कहा कि सरकार को बयान देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी विपक्षी सदस्य खड़े रहे और अपनी बात कहते रहे । सभापति ने कहा कि वह सदन का संचालन नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए इसकी कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक स्थगित की जाती है। इस दौरान द्रमुक के तिरुची शिवा ने भी निलम्बित सदस्यों का निलम्बन समाप्त करने का अनुरोध किया। शून्यकाल के दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की झरना दास वैद्य ने स्कूलों में इंटरनेट की कमी का मामला उठाया लेकिन उसे शोरगुल के कारण नहीं सुना जा सका।
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