वाहनों की रफ्तार पर लगे ब्रेक, गेहूं की फसल को होगा फायदा
हनुमानगढ़। (सच कहूँ न्यूज) इलाके में मंगलवार को कड़ाके की सर्दी ने कहर ढहाया। दोपहर तक समूचा इलाका घने कोहरे में लिपटा रहा। वहीं, कोहरे की धुंध के कारण विजिबिलिटी कम हो गई। लोगों की तेज सर्दी के कारण दिनचर्या भी प्रभावित हो गई। अल सुबह हवा चलने और नमी बढऩे से लोग परेशान हुए। शीतलहर व कड़ाके की ठंड और धुंध के चलते लोग सुबह करीब 9 बजे तक अपने घरों में दुबके रहे। ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा लेते हुए नजर आए। मॉर्निंग वॉक के लिए निकले लोग पूरी तरह ऊनी कपड़ों में लिपटे नजर आए। तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। कोहरे में उन्हीं लोगों ने सफर तय किया जिन्हें किसी जरूरी कार्य से जाना था।
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ठंड बढऩे से बाजार में लोगों की आवाजाही बिल्कुल कम नजर आई। इस मावठ की सर्दी से रबी की फसल गेहूं, जौ, चना, सरसों को फायदा होने की संभावना है। शीतलहर का पाला पड़ा तो इन फसलों को ज्यादा नुकसान भी हो सकता है। इससे पहले मंगलवार सुबह लोग उठे तो उन्हें हर तरफ बस कोहरा ही कोहरा नजर आया। सुबह कुछ मीटर दूर तक देख पाना भी मुश्किल था। सबसे ज्यादा परेशानी सुबह स्कूल जाने में बच्चों को हुई। सुबह देर तक घना कोहरा छाया रहा। कोहरा इतना था कि चार कदम आगे का स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था। घने कोहरे ने वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिए। सड़कों पर वाहन रेंग-रेंग कर चलते नजर आए। जिन्होंने कोहरे के दौरान सफर किया उन्होंने फॉग लाइट का सहारा लिया। कोहरे संग सर्दी बढऩे से गर्म कपड़ों की मांग बढ़ गई है। मंगलवार को बाजार में कपड़ों की दुकानों पर अधिक भीड़ देखी गई।
लोगों ने सर्दी से बचाव के लिए फुल जैकेट के अलावा अन्य गर्म कपड़ों की खरीदारी की। बाजार में बच्चों के कपड़ों की मांग ज्यादा देखी गईद्ध कोहरे एवं सर्दी ने विशेषकर बुजुर्गांे एवं बच्चों की परेशानी बढ़ा दी है। मंगलवार को बच्चे कोहरे के बीच ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचे। कोहरे के दौरान जहां यातायात प्रभावित हुआ वहीं गेहूं की फसल के लिए कोहरा फायदेमंद साबित होगा। गेहूं उत्पादक किसान कोहरे को देख खुश हो रहे हैं। क्योंकि इससे पहले तक रबी की फसलों में नमी नहीं होने के कारण किसानों को खेतों में सिंचाई तक करनी पड़ रही थी। किसानों का कहना है कि कोहरा उत्पादन बढ़ाने में सहायक होगा। गेहूं की फसल से अच्छे उत्पादन लेने के अनुसार यह तापमान भी पूरी तरह से अनुकूल है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले कुछ दिन तक हालात ऐसे ही बने रहने की उम्मीद है। इस दौरान तापमान में और गिरावट आएगी।
गेहूं के लिए कड़ाके की ठंड जरूरी
सर्दियों के मौसम में ओस से फसलों के पौधे पानी अवशोषित करते हैं। ओस से अवशोषित पानी से पौधों में नमी बनी रहती है। तेज तापमान होने पर फसलों पर अच्छा असर नहीं पड़ता है। तेज तापमान से पत्तियां जल्दी मुरझाने लगती है। उन पर पीलापन आने लगता है। इससे पैदावार प्रभावित होती है। कृषि अधिकारियों के अनुसार सोमवार तक मौसम में ठंड नहीं होने से गेहूं की फसल पर असर पड़ रहा था। कड़ाके की सर्दी नहीं पडऩे से गेहूं की बढ़वार नहीं होने व इसका उत्पादन पर असर पडऩे की संभावना थी। अभी करीब एक सप्ताह तक सर्दी में तेजी नहीं आने के आसार हैं। मौसम बदलेगा और सर्दी बढ़ेगी। इससे फसलों को फायदा मिलेगा।
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