हर किसी की नजरें जीटी रोड पर पाकिस्तान की ओर टिकी हुई थीं
अमृतसर [sach kahoon]। शुक्रवार को वाघा-अटारी सीमा पर पहुंचे तो सीमा के इस तरफ बेसब्री से उनका इंतजार कर रही जनता का जोश देखने लायक था। इसके बाद पाकिस्तान ने कागजी कार्रवाई के नाम पर काफी वक्त लगाया और यह वक्त बेसब्री से इंतजार में गुजरे। फिर वो वक्त भी आ गया, जिसका सभी को बेसब्री से इंतजार था। आखिरकार पाकिस्तान ने देश के इस वीर सपूत को भारत को सौंप दिया। पाकिस्तानी रेंजर्स ने अपनी तरफ का गेट खोला और इधर बीएसएफ ने भी पाकिस्तान की ओर जाने वाला गेट खोल दिया।
भारतीय जमीन पर पहुंचते ही वीर सपूत ने कहा कि वतन लौटकर खुश हूं।
इधर स्टैंड्स तक लोगों को पहुंचने नहीं दिया गया था। भारत की ओर से बीटिंग रिट्रीट को कैंसिल कर दिया गया था, लेकिन पाकिस्तान ने अपनी ओर बीटिंग रिट्रीट का आयोजन किया। स्टैंड्स से बाहर हजारों लोग मौजूद थे और पूरे वातावरण में ‘अभिनंदन…अभिनंदन’, ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंज उठे। हर किसी की नजरें जीटी रोड पर पाकिस्तान की ओर टिकी हुई थीं। उधर से भारतीय गाड़ी में सीना ताने विंग कमांडर अभिनंदन आते नजर आए तो जनता का जोश और हिलोरे मारने लगा।
अभिनंदन के अभिनंदन के लिए वाघा बॉर्डर पर हजारों लोग मौजूद थे। इसके अलावा देशभर में उनके सुरक्षित लौट आने के लिए दुआएं होती रहीं। पाकिस्तान के एक-एक कदम पर नजर रखी जा रही थी। ऐसे में हर किसी को अभिनंदन के वापस लौट आने की उम्मीद तो थी, लेकिन पाकिस्तान पर भरोसा कम होने के कारण आशंका भी बनी हुई थी। खैर जैसे ही अभिनंदन ने हिंदुस्तान की धरती पर कदम रखा, वैसे ही हर तरफ खुशी की लहर दौड़ पड़ी। खुद अभिनंदन की खुशी का भी कोई ठिकाना नहीं रहा। भारतीय जमीन पर पहुंचते ही इस वीर सपूत ने कहा कि वापस अपने वतन लौटकर खुश हूं।
तीन दिन तक पाकिस्तान की गिरफ्त में रहने के बाद अभिनंदन वापस लौटे तो जैसे हर किसी ने राहत की सांस ली। अभिनंदन के परिजनों के साथ ही पूरा देश आज खुश है। देश का वीर योद्धा वापस लौट आया है, इसलिए लोगों की आंखों में खुशी के आंसू हैं।
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