गोद लिया बच्चा नहीं होगा फैमिली पेंशन का हकदार
नई दिल्ली। Employees Pension Rules : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पति की मौत के बाद सरकारी कर्मचारी की विधवा अगर बच्चा गोद लेती है तो वह फैमिली पेंशन का हकदार नहीं होगा। पूरी जानकारी जानने के लिए पढ़ना जारी रखें … Pension News
मामला महाराष्ट्र के नागपुर के श्रीधर चिमुरकर का साल 1993 में सरकारी नौकरी (government employees) से रिटायर होने का है। 1994 में उनकी मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद 1996 में उनकी पत्नी माया मोतघरे ने राम श्रीधर चिमुरकर को बेटे के रूप में अपनाया था। तब कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी कर्मचारी के जीवनकाल के दौरान कानूनी रूप से गोद लिए गए बच्चे फैमिली पेंशन के हकदार हैं।
आपकी जरूरत की खबर में आज हम जानेंगे कि फैमिली पेंशन पाने के क्या-क्या नियम हैं? वह बच्चों को कब तक मिलती है, इसमें मृतक के माता-पिता का क्या हक होता है और अनुकम्पा की नौकरी लेने पर पेंशन कैसे और कितनी मिलती है।
एक्सपर्ट्स की राय :- | Pension News
सवाल: फैमिली पेंशन पाने के क्या नियम हैं?
जवाब: नौकरी से रिटायरमेंट के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट कई कर्मचारियों को पेंशन देती है। कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार के उन लोगों को फैमिली पेंशन दी जाती है जो उस पर आश्रित हों। फैमिली पेंशन किस आधार पर दी जाती है, इसके बारे में डिपार्टमेंट आॅफ पेंशन एंड पेंशनर्स वैल्फेयर फैमिली पेंशन से जुड़े कुछ नियम बताता है।
फैमिली पेंशन से जुड़े नियम :- Pension News
सरकारी सेवक का फैमिली पेंशन पर कोई कंट्रोल नहीं होगा। कर्मचारी यह तय नहीं कर सकता कि उसके बाद पेंशन किसे दी जाएगी। सरकारी सेवक किसी को नॉमिनेट नहीं कर सकता। उसकी मौत के बाद परिवार के सदस्यों को ही फैमिली पेंशन दी जाएगी। कम से कम 1 साल तक लगातार नौकरी करने के बाद ही किसी सरकारी कर्मचारी को फैमिली पेंशन दी जाएगी।
सवाल: बच्चों को कितने समय तक फैमिली पेंशन मिलती है?
जवाब: सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर बच्चों को फैमिली पेंशन मिलने के कुछ नियम होते हैं जो निम्नलिखित हैं:-
बच्चों के मामले में फैमिली पेंशन सबसे पहले बड़े बच्चे को मिलती है। यदि परिवार में जुड़वां बच्चे हैं तो दोनों को बराबर- बराबर फैमिली पेंशन मिलेगी।
अविवाहित बेटे को फैमिली पेंशन उसके 25 साल पूरे करने तक या शादी करने तक या नौकरी करने तक मिलती है।
अगर पति-पत्नी दोनों सरकारी नौकरी करते थे और दोनों की मौत हो जाती है तो जीवित बच्चों को माता और पिता दोनों की यानी दो फैमिली पेंशन मिलेंगी।
अगर सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद पति या पत्नी कोई बच्चा गोद ले तो उसे परिवार का सदस्य नहीं माना जाएगा। वह फैमिली पेंशन का हकदार नहीं होगा।
दिव्यांग बच्चों के लिए फैमिली पेंशन के नियम | Pension News
अगर सरकारी कर्मचारी की संतान दिव्यांग है (शारीरिक व मानसिक रूप से) और 25 साल की उम्र होने के बाद भी कमाई का कोई साधन नहीं हैं, तो उसे जिंदगीभर फैमिली पेंशन दी जाएगी।
आजीवन फैमिली पेंशन दिव्यांग बच्चों को तभी दी जाएगी, जब उससे छोटा कोई भाई-बहन न हो।
अगर बच्चा माइनर है तो गार्जियन के जरिए फैमिली पेंशन दी जाएगी।
शारीरिक और मानसिक दिव्यांग बच्चों को उनके विवाह के बाद भी फैमिली पेंशन दी जाएगी।
बेटी के लिए फैमिली पेंशन के नियम | Pension News
अविवाहित या विधवा या तलाकशुदा बेटी को फैमिली पेंशन उसकी शादी या दूसरी शादी तक या उसके नौकरी करने तक दी जाएगी। इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है।
बेटी को 25 साल के बाद पेंशन तभी मिलेगी, जब मृतक के सारे अविवाहित बच्चे 25 साल की उम्र पार कर लें या कमाना शुरू कर दें।
अगर मृतक का कोई दिव्यांग बच्चा भी है तो उसे पहले फैमिली पेंशन मिलेगी। जब उसकी योग्यता फैमिली पेंशन के लिए खत्म होगी तभी अविवाहित, तलाकशुदा या विधवा बेटी को फैमिली पेंशन मिलेगी।
अगर सरकारी कर्मचारी के जीवित रहते हुए उसकी बेटी के तलाक का प्रोसिजर कोर्ट में शुरू हुआ है और कर्मचारी की मौत के बाद तलाक मिलता है, तो भी वह फैमिली पेंशन पाने के लिए योग्य होगी।
सवाल: क्या किसी कंडीशन में फैमिली पेंशन मिलने का हक छीना भी जा सकता है?
जवाब: हां, बिल्कुल। फैमिली पेंशन मिलने का हक तब छीना जा सकता है जब पेंशन पाने वाला, सरकारी कर्मचारी की हत्या का दोषी या हत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया जाता है। ऐसी स्थिति में उस सदस्य के बाद जो भी योग्य सदस्य होता है, उसे फैमिली पेंशन दी जाती है। Pension News
सवाल: मृतक की पत्नी अगर दूसरी शादी कर ले तो क्या उसे पेंशन मिलती रहेगी?
जवाब: मृतक के पति या पत्नी को फैमिली पेंशन आजीवन दी जाती है। मृतक की पत्नी की अगर कोई संतान नहीं है और उसके पास कमाई का कोई साधन नहीं है, तो दूसरी शादी करने पर भी उसे पेंशन दी जाती है।
सवाल: अगर मृतक की पत्नी नौकरी कर ले तो क्या वह पेंशन की हकदार होगी?
जवाब: मृतक की पत्नी अगर अनुकम्पा की नौकरी लेती है तो वह फैमिली पेंशन की हकदार नहीं होगी।
सवाल: गोद लिए हुए बच्चे को भी क्या पेंशन मिलेगी?
जवाब: गोद लिए हुए बच्चे के पास बायोलॉजिकल चाइल्ड जितने ही राइट्स होते हैं। इसलिए गोद लिया हुआ बच्चा भी फैमिली पेंशन का हकदार होगा। हालांकि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद गोद लिए गए बच्चे को पेंशन नहीं मिलेगी।
सवाल: क्या गोद लिया हुआ बच्चा भी अनुकम्पा की नौकरी कर सकता है? Pension News
जवाब: हां, बिल्कुल। अगर गोद लिया हुआ बच्चा उस नौकरी के लिए योग्य है तो वह अनुकम्पा की नौकरी कर सकता है।
सवाल: क्या मृतक की लिव इन पार्टनर को पेंशन या अनुकम्पा की नौकरी का अधिकार है?
जवाब: लिव-इन पार्टनर को शादी जैसा दर्जा दिया गया है, मगर इसे शादी नहीं माना गया है। इसलिए लिव-इन पार्टनर को पेंशन या अनुकम्पा की नौकरी नहीं मिलेगी। मगर लिव-इन रिलेशनशिप में पैदा हुए बच्चों को पेंशन और अनुकम्पा की नौकरी का अधिकार है। इसके लिए उन्हें बाकी बच्चों से एनओसी लेना होगा। Pension News
सवाल: माता-पिता को फैमिली पेंशन मिलने को लेकर क्या नियम हैं?
जवाब: माता-पिता को फैमिली पेंशन मिलने को लेकर नियम
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद अगर कोई जीवित विधवा या योग्य बच्चे नहीं हैं और अगर माता-पिता पूरी तरह से मृतक पर निर्भर थे, तो उन्हें फैमिली पेंशन दी जाएगी। इस स्थिति में पहले मां को और उसके बाद पिता को फैमिली पेंशन मिलेगी। माता-पिता को जो फैमिली पेंशन दी जाएगी, वह उनकी मृत्यु तक दी जाएगी।
सवाल: मृतक के माता-पिता और पत्नी अगर अलग रहते हैं तो क्या दोनों को अलग-अलग पेंशन मिलेगी?
जवाब: नहीं, ऐसा नहीं होगा। एक ही पेंशन मिलेगी।
सवाल: क्या अनुकम्पा की नौकरी लेने के लिए पत्नी को मृतक के माता-पिता की परमिशन की जरूरत होती है?
जवाब: अगर कोई सरकारी कर्मचारी विवाहित है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो अनुकम्पा की नौकरी लेने के लिए पत्नी को उसके माता-पिता से एनओसी की जरूरत होगी। Pension News
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