Bharat: भारत देश में इंडिया की जगह भारत को संवैधानिक तौर पर मान्यता देने को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस मामले ने उसे वक्त लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर जब राष्ट्रपति की ओर से जी20 कार्यक्रम के लिए मेहमानों को भेजे गए निमंत्रण पत्र में ‘इंडिया’ के स्थान पर भारत शब्दों का उपयोग किया गया। notebandi
वहीं देश में सभी विपक्ष पुरजोर तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं। विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि उसके इंडिया गठबंधन के डर के कारण भाजपा ने देश का नाम तक बदलने का मन बना लिया है, विपक्ष इसे अंबेडकर और संविधान का अपमान तक बता रहा है और अब चर्चा यहां तक शुरू हो गई कि संसद के आगामी विशेष सत्र में देश का नाम आधिकारिक तौर पर बदलकर भारत रख दिया जाएगा। नई संसद में देश का नाम पुराने गौरव के साथ जोड़कर रखने और इंडिया नाम रखने के पीछे गुलामी के दिनों से जुड़ा हुआ कारण बताया है।
वही इसको लेकर काफी गंभीरता से सोचने की भी आवश्यकता है, दरअसल यदि भारत का नाम बदला जाता है तो कई चीजों में बदलाव की आवश्यकता होगी, जो कि देश के लिए एक बार में संभव नहीं है। अगर सरकार आधिकारिक तौर पर इंडिया को बदलकर भारत रख देती हैं तो सरकार को कोई संस्थानों सहित आरबीआई का नाम भी बदलना पड़ सकता है।
हालांकि सरकार ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है। ऐसे में इतने गंभीर मुद्दे पर अटकलें लगाना उचित नहीं है, लेकिन अगर हम मान भी लें कि सरकार अधिकारी तौर पर देश का नाम बदल देगी, तब भी वह दोबारा नोटबंदी लागू करने का जोखिम नहीं उठाएगी। क्योंकि पिछली बार नोटबंदी का असर भारत को लंबे समय तक झेलना पड़ा था। ऐसे में देश दोबारा यह खतरा नहीं उठा सकता।
वहीं यदि सरकार भारत के स्थान पर भारत शब्द को देश के आधिकारिक नाम के रूप में मान्यता देती है, तो रुपए पर भारतीय रिजर्व बैंक का नाम बदलना अनिवार्य हो जाएगा क्योंकि किसी देश की मुद्रा उसकी संप्रभुता का प्रमाण होती है और किसी अन्य शब्द को उसे देश के नाम के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।