दूसरे घरों में काम नहीं करोगी, तभी देंगे काम

Domestic Helpers

सजगता। कोरोना के खौफ के चलते लोग नहीं लेना चाहते रिस्क, बरत रहे सतर्कता (Domestic Helpers)

  • एक ही घर में काम करने की शर्त से घरेलू सहायिकाएं परेशान

  • एक से अधिक घरों में काम किए बिना नहीं हो सकता गुजारा

सच कहूँ/संजय मेहरा गुरुग्राम। काम तो मिलेगा पर शर्त ये है किसी दूसरे घर में काम नहीं करोगे…। कुछ इस तरह की शर्तों से आजकल घरेलू सहायिकाएं परेशान हैं। वे जिस घर में काम मांगने या काम करने जाती हैं, उन्हें यह सब सुनना पड़ता है। सिर्फ सुनना ही नहीं, अगर काम चाहिए तो यह शर्त माननी भी पड़ रही है। लेकिन इस शर्त को मानने से उनके सामने आर्थिक संकट बना रहता है। क्योंकि एक घर में काम करके उससे मिले पैसों से घर का गुजारा नहीं हो सकता। कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन के चलते बहुत कुछ अनलॉक हो चुका है। लॉकडाउन में काम करके थक चुके लोगों को अब मेड यानी घरेलू सहायिकाओं की जरूरत महसूस हो रही है। वहीं घरेलू सहायिकाएं भी बेरोजगार हैं और उन्हें रोजगार की जरूरत है।

क्या कहती हैं घरेलू सहायिकाएं

घरेलू सहायिका स्तुति, लक्ष्मी, मिताली, सुलक्षणा, दमयंती का कहना है कि वे पहले एक से अधिक घरों में काम करके 10 से 15 हजार रुपए तक कमा लेती थी, लेकिन अब एक ही घर में काम करने की शर्त मालिकों द्वारा लगाई जा रही है। इस कारण अब उन्हें मुश्किल से 2 से 3 हजार रुपए ही मिल रहे हैं। उनका कहना है कि अधिकांश घरों में छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसलिए लोग भी नहीं चाहते कि उनकी घरेलू सहायिका अन्य घरों में काम करें।

वे कोरोना के समय में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। कोरोना के चलते घरों में साफ-सफाई का काम भी बढ़ गया है। जरूरत से अधिक सावधानी बरतनी पड़ रही है। मास्क, सेनिटाइजर जरूरी कर दिए गए हैं। पहले जिस खुलेपन से घरों में काम किया जाता था, आज काम में डर भी लग रहा है। मकान मालिक भी डर रहे हैं और घरेलू सहायिकाएं भी। क्योंकि कोरोना तो किसी की वजह से भी फैल सकता है।

लॉकडाउन में चली गई थी घर, अब लौटी

लॉकडाउन से पहले तक कई-कई घरों में काम करके 10-15 हजार रुपए कमाने वाली घरेलू सहायिकाएं लॉकडाउन के दौरान अपने-अपने प्रदेशों में वापस चली गई थी। वहां पर भी समस्याएं कम नहीं हैं। रोजी-रोटी का संकट अपने घरों पर भी पैदा हो गया। कुछ समय तो सरकारी और संस्थाओं ने सहायता की, लेकिन अब अनलॉक होने के बाद स्थिति विकट हो गई है। लोगों ने सहायता करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में अब काम के लिए वापस लौटना मजबूरी बन गई। यहां लौटकर पता चला कि एक ही घर में वे काम कर सकती हैं। यह तो और भी विकट स्थिति है।

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