पक्की छत्त मिली तो विधवा के छलके खुशी के आंसू

Widows tears of joy when she found a concrete roof
हनुमानगढ़, सच कहूँ/हरदीप सिंह। डेरा सच्चा सौदा सिरसा के सेवादार कोरोना महामारी के बीच भी अपनी जान की परवाह किए बगैर मानवता की सेवा में जी-जान से जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने हनुमानगढ़ टाउन में एक विधवा का आशियाना कुछ घंटों में खड़ा कर मानवता भलाई की अनूठी मिसाल कायम की है। जानकारी के अनुसार हनुमानगढ़ टाउन की अम्बेडकर कॉलोनी निवासी रानी पत्नी रामचन्द्र के पति का देहांत हो चुका है। परिवार में उसका एक बेटा है। लेकिन रहने के लिए छत्त नहीं होने के कारण रानी व उसका बेटा मुफलिसी की जिंदगी जी रहे थे। गत दिनों हुई बारिश में उन्हें अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। घरों में काम कर जैसे-तैसे अपने परिवार का गुजर-बसर कर रही रानी के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह खुद का मकान बना पाए।
लेकिन उसे किसी के जरिए पता चला कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार जरूरतमंद को मकान बनाकर देते हैं। इस पर विधवा रानी ने डेरा सच्चा सौदा के जिम्मेवारों से संपर्क कर अपनी दास्तां सुनाई तो डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार उसकी मदद को तुरंत आगे आए। इसके बाद शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने आपसी सहयोग से निर्माण सामग्री एकत्रित की और मकान का निर्माण शुरू कर दिया। चंद घंटों में देखते ही देखते मकान बनकर तैयार हुआ तो रानी की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। रहने के लिए आशियाना बनाकर देने पर विधवा रानी ने डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों का आभार जताया। रानी का कहना था कि डेरा सच्चा सौदा सेवादार उसके लिए मसीहा बनकर आए हैं। अगर वे नहीं होते तो शायद उसे कभी सिर ढ़कने के लिए पक्की छत्त नसीब नहीं होती। इस कार्य में वार्ड पार्षद शेरसिंह का भी सहयोग रहा। डेरा सच्चा सौदा सेवादारों ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए सरकार व प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के तहत मास्क पहनकर व सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख मकान बनाकर दिया।

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