बिजली के मोटा तार बहुत सारे पतले तारों से क्यों बना होता है? बल्कि यह एक मोटे तारों का यूज भी कर सकते हैं। आपके इस प्रश्न का उत्तर मैं बहुत ही संक्षेप में सटीक और सही आपको देना चाहूंगा। ताकि आपको आसानी से कम शब्दों में समझ में आ सके आपको ज्यादा कंफ्यूजन नहीं होगा। उसके लिए आपको अगर विद्युत के स्किन इफेक्ट के बारे में पता है तो आपको जल्दी समझ में आएगा नहीं है तो मैं वह भी बताता हूं क्योंकि इस चीज के लिए आपको स्किन इफेक्ट को समझना बहुत जरूरी है स्किन इफेक्ट क्या है उसका क्या प्रभाव होता है।
स्किन इफेक्ट के प्रभाव के कारण जो आवेश है, विद्युत आवेश तार के बाहरी सतह पर रहता है, जो उस तार के लिए त्वचा है। उसको अगर माना जाए तो उस पर ही आवेश रहता है। वह अंदर के भाग में नहीं रहता है तो हम अगर एक मोटा तार यूज करेंगे तो वह सिर्फ तार के सतह पर ही आवेश रहेगा। विद्युत धारा अधिक होने पर भी वह तार की सतह पर ही चलेगी और अधिक आवेश होने पर अधिक घर्षण होगा। जिससे की तार गर्म होगा। क्योंकि अगर आवेश को कम स्थान मिलेगा तो आवेश कम स्थान में होने कारण घर्षण होगा। जिससे गर्मी पैदा होगी और तार की अपनी क्षमता से कम पर वह काम करेगा। क्योंकि तार जो हम कोई भी धातु की यूज करेंगे आवेश के प्रवाह के लिए उतना अगर हम पतले पतले तारों को यूज करें तो उससे काफी कम में, हम वह आवेश को प्रवाह कर सकते हैं क्योंकि उसमें उसमें पतले-पतले तारों पर आवेश सतह पर रहेगा और बीच का भाव बहुत कम रहेगा तो ऐसे सतही भाग पतले पतले तारों को यूज करने पर अधिक बढ़ जाता है और पतले तारों में हम अधिक आवेश को प्रवाह कर सकते हैं एक सिंगल मोटे तार की अपेक्षा।
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