Heart Attack: इटावा (एजेंसी)। हृदय रोग के मरीजों को सर्दी से बचाव करना बेहद जरूरी है। सर्दियों के दिनों में धमनियों के सिकुड़ने से हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के हृदय रोग विभाग के विशेषज्ञ विभागाध्यक्ष डॉ.सुभाष चंद्र ने बातचीत में कहा कि वैसे तो सर्दी हो या गर्मी मनुष्य के शरीर का तापमान एक समान रहता है, लेकिन सर्दी में वातावरण अधिक ठंडा होने के कारण शरीर को गर्म रखने के लिए हृदय को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धामनिया एवं शरीर की अन्य धामनियों में सिकुड़न आ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। Heart Attack
उन्होने कहा कि सर्दी के दिनों में वह मरीज अपना विशेष ख्याल रखें जो पहले से ही हृदय रोगी हैं उनमें हार्ट अटैक एवं हार्ट फेल की समस्या बढ़ जाती है। हृदय रोग से बचाव के लिए ध्यान रखें जो दवा चिकित्सक द्वारा दी जा रही है इसका नियमित रूप से सेवन करें, अगर किसी भी तरह की परेशानी हो तो विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। गुनगुने पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है क्योंकि यह धमनियों को सिकुड़ने से भी रोकता है। जो लोग सुबह शाम टहलना पसंद करते हैं वह समय में परिवर्तन करें जितना संभव हो सर्दी के दिनों में धूप निकलने पर ही घर से बाहर निकले और गर्म कपड़े पहन कर रहें। इसी के साथ खानपान का विशेष ख्याल रखें तली भुनी चिकनाई युक्त एवं ठंडी तासीर वाली चीजों को खाने से बचें। Heart Attack
डा चन्द्र ने बताया कि सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या व उससे होने वाली मृत्यु दर काफी ज्यादा बढ़ जाती है। यह देखा गया है कि पुराने व नए रोगियों में सर्दियों में हार्ट अटैक दो से तीन गुना अधिक होता है खासतौर से बुजुर्गों में कड़क ठंड में सुबह के समय हार्ट अटैक होने की संभावना अधिक होती है। उन्होने बताया कि हार्ट फेल्यर के मरीजों में सांस लेने में तकलीफ सर्दी के मौसम में कोहरे के दौरान अधिक होती है। ऐसे रोगी जो दबाव पर नियंत्रित चल रहे थे उनकी भी तबीयत अधिक सर्दी में खराब होने लगती इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें। हृदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष ने बताया कि हाइपरटेंशन के रोगियों में अचानक ब्लड प्रेशर का बहुत ज्यादा बढ़ना व नाक से खून आना सर्दियों के मौसम में बहुत ही आमबात है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक ब्रेन स्ट्रोक वह हार्ट फेल की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए इस तरह की कोई परेशानी हो तो विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।