जानें, समय से 20 लाख वर्ष पहले ही क्यों विलुप्त हुए डायनासोर

Dinosaur

बीजिंग (एजेंसी)। हाल ही में एक अध्ययन से पता चला है कि डायनासोर (Dinosaur) समय से करीब 20 सालही विलुप्त होना शुरू हो चुके थे और 6.6 करोड़ वर्ष पूर्व हुई विनाशकारी घटनाएं संभवत: उनका अंतिम दौर था। अमेरिकी विज्ञान पत्रिका प्रोसीडिंग्स आॅफ द नेशनल एकेडमी आॅफ साइंसेज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गैर-उड़नशील डायनासोर में कम जैव विविधता होने के कारण वे अन्य सरीसृपों के मुकाबले लगभग लगभग 20 लाख वर्ष पहले ही विलुप्त हो गए।

चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने शेनयांग बेसिन में लगभग 150 मीटर मोटी एक स्तरीकृत- जीवाश्म समृद्ध अनुक्रम से 1,000 से ज्यादा डायनासोर के अंडे के छिलकों का नमूना एकत्रित किया था। अध्ययन के अनुसार, यह बेसिन उत्तर पश्चिमी चीन के शानक्सी प्रांत में है जो लेट क्रेटेशियस युग में सबसे बड़ी मात्रा में डायनासोर का घर रहा है। शोधकर्ताओं को यहां केवल तीन डायनासोर का अंडशेल टैक्सा प्राप्त हुआ है जो लगभग 6.82 करोड़ से 6.64 करोड़ के बीच जमा तलछटों में दो समूहों को दशार्ते हैं।

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जानें, डायनासोर के बारे में… | Dinosaur

डायनासोर (Dinosaur) जिसका अर्थ यूनानी भाषा में बड़ी छिपकली होता है लगभग 16 करोड़ वर्ष तक पृथ्वी के सबसे प्रमुख स्थलीय कशेरुकी जीव थे। यह ट्राइएसिक काल के अंत (लगभग 23 करोड़ वर्ष पहले) से लेकर क्रीटेशियस काल (लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पहले), के अंत तक अस्तित्व में रहे, इसके बाद इनमें से ज्यादातर क्रीटेशियस -तृतीयक विलुप्ति घटना के फलस्वरूप विलुप्त हो गये। जीवाश्म अभिलेख इंगित करते हैं कि पक्षियों का प्रादुर्भाव जुरासिक काल के दौरान थेरोपोड डायनासोर से हुआ था और अधिकतर जीवाश्म विज्ञानी पक्षियों को डायनासोरों के आज तक जीवित वंशज मानते हैं। हिन्दी में डायनासोर शब्द का अनुवाद भीमसरट है जिस का संस्कृत में अर्थ भयानक छिपकली है।

डायनासोर पशुओं के विविध समूह थे। जीवाश्म विज्ञानियों ने डायनासोर के अब तक 500 विभिन्न वंशों और 1000 से अधिक प्रजातियों की पहचान की है और इनके अवशेष पृथ्वी के हर महाद्वीप पर पाये जाते हैं। कुछ डायनासोर शाकाहारी तो कुछ मांसाहारी थे। कुछ द्विपाद तथा कुछ चौपाये थे, जबकि कुछ आवश्यकता अनुसार द्विपाद या चतुर्पाद के रूप में अपने शरीर की मुद्रा को परिवर्तित कर सकते थे। कई प्रजातियां की कंकालीय संरचना विभिन्न संशोधनों के साथ विकसित हुई थी, जिनमे अस्थीय कवच, सींग या कलगी शामिल हैं। हालांकि डायनासोरों को आम तौर पर उनके बड़े आकार के लिए जाना जाता है, लेकिन कुछ डायनासोर प्रजातियों का आकार मानव के बराबर तो कुछ मानव से छोटे थे। डायनासोर के कुछ सबसे प्रमुख समूह अंडे देने के लिए घोंसले का निर्माण करते थे और आधुनिक पक्षियों के समान अण्डज थे।

ऊँची उपापचय दर वाले सक्रिय प्राणी

“डायनासोर” शब्द को 1842 में सर रिचर्ड ओवेन ने गढ़ा था और इसके लिए उन्होंने ग्रीक शब्द (डीनोस) “भयानक, शक्तिशाली, चमत्कारिक” +(सॉरॉस) “छिपकली” को प्रयोग किया था। बीसवीं सदी के मध्य तक, वैज्ञानिक समुदाय डायनासोर को एक आलसी, नासमझ और शीत रक्त वाला प्राणी मानते थे, लेकिन 1970 के दशक के बाद हुये अधिकांश अनुसंधान ने इस बात का समर्थन किया है कि यह ऊँची उपापचय दर वाले सक्रिय प्राणी थे।

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