चुनावी रण रहा है हिसार लोकसभा क्षेत्र, राजघरानों के दिग्गज आमने-सामने
हिसार (सच कहूँ/संदीप सिंहमार)। Lok Sabha Election 2024: देश की लोकतंत्र के पर्व को सफल मुकाम तक पहुंचाने के लिए लोकसभा चुनाव को सात चरणों में करवाया जा रहा है। हिसार सहित हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों के लिए आने वाली 25 में को मतदान होगा। वर्तमान में सभी सीटों पर चुनावी बिसात बिछ चुकी है। सभी उम्मीदवार अपने-अपने पक्ष में मतों की अपील करने के लिए मतदाताओं के दरवाजा पर पहुंच रहे हैं। Hisar News
हिसार लोकसभा क्षेत्र में पहली बार बड़ा ही रोचक मुकाबला होने वाला है, क्योंकि इस बार इस लोकसभा चुनाव में भजनलाल परिवार अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव से बाहर है और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की वारिस आमने-सामने है। रणजीत सिंह चौटाला जहां भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं तो नैना चौटाला जननायक जनता पार्टी की कैंडिडेट है। वहीं सुनैना चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल की प्रत्याशी है तो वहीं जयप्रकाश उर्फ जेपी कांग्रेस के उम्मीदवार है। यहाँ यह बात याद रहे की जयप्रकाश को भी राजनीति में लेकर आने वाले चौधरी देवीलाल ही थे। इसलिए यह कहा जा सकता है कि मुख्य दलों के प्रत्याशियों के वारिस चौधरी देवीलाल ही थे। अब इन्हीं के बीच चुनावी जंग है।
हमेशा जातिगत आधार पर टीका रहा है हिसार का चुनाव | Hisar News
हालांकि चुनाव आयोग में किसी भी जाति,धर्म व संप्रदाय के आधार पर चुनाव लड़ना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है, लेकिन यह भी सच्चाई है की हिसार लोकसभा क्षेत्र में जब भी चुनाव हुआ है, वह जातिगत आधार पर भी हुआ है। यहां जाट नॉन जाट की राजनीति हमेशा हावी रही है। पर इस बार गौर करें तो रणजीत चौटाला, नैना चौटाला, सुनैना चौटाला व जय प्रकाश चारों मुख्य दलों को प्रत्याशी जाट जाति से हैं। ऐसी स्थिति में मतदाता असमंजस में फंसा हुआ है। इस बार मतदाता मौन भी है। अभी तक मतदाता किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में खुलकर नहीं आया है। यही वजह है कि खुद प्रत्याशी भी इस बार अपनी ताकत का एहसास नहीं कर पा रहे।
17 लाख 64 हजार मतदाताओं के हाथ में कमान
हिसार लोकसभा क्षेत्र में करीब 17 लाख 64 हजार मतदाताओं पर आधारित सियासी पिच सज चुकी है और यहां पर शुरूआती खिलाड़ी के रूप में भाजपा के रणजीत सिंह सबसे पहले मैदान में उतरे थे। इसके बाद इंडियन नेशनल लोकदल ने सुनैना चौटाला तो जननायक जनता पार्टी ने नैना चौटाला को अपना उम्मीदवार बनाया। सबसे अंत में इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस पार्टी ने कलायत के विधायक एवं पूर्व सांसद जयप्रकाश जेपी को अपना उम्मीदवार घोषित किया। सभी उम्मीदवारों का चुनावी अभियान फिलहाल अपने-अपने चरम पर चल रहा है। पर हरियाणा का सबसे अधिक चर्चा में रहने वाला लोकसभा क्षेत्र हिसार ही है। जहां हर किसी पार्टी के उम्मीदवार को लोगों के सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
पहली बार कांग्रेस के रामकिशन बने थे हिसार के सांसद
हरियाणा गठन के बाद 1967 में हुए चुनाव मे हिसार लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के रामकिशन ने सोशलिस्ट पार्टी के मनीराम को हराया। रामकिशन को 1 लाख 15 हजार 963 वोट मिले जबकि मनीराम को 1,08,784 वोट मिले। इसके बाद 1971 में हुए संसदीय चुनाव में 1977 के चुनाव में हिसार सीट से महज दो ही उम्मीदवार मैदान में थे। भारतीय लोकदल की लहर चल रही थी। Hisar News
भारतीय लोकदल से उम्मीदवार इंद्र सिंह ने कांग्रेस के जसवंत सिंह को 2 लाख 43 हजार 384 वोटों के बड़े अंतर से पराजित कर दिया। इसके बाद इस सीट पर मनीराम के एक युग का आगाज हुआ। जनता पार्टी सेक्लूर से साल 1980 में मनीराम ने 1,92,074 वोट प्राप्त करते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार मनीराम को 93 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। उस चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार इंद्र सिंह को 93,228 वोट मिले।
जब बीरेंद्र सिंह ने ओमप्रकाश चौटाला दी थी मात | Hisar News
साल 1984 का चुनाव हिसार सीट पर बड़ा दिलचस्प रहा। चौधरी देवीलाल के बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने पहली बार लोकसभा चुनाव में ताल ठोकी। उनके सामने हिसार सीट पर उम्मीदवार थे सर छोटू राम के नाती बीरेंद्र सिंह । बीरेंद्र सिंह ने 2 लाख 51 हजार 367 वोट लेते हुए चौटाला को करीब 51 हजार वोटों के अंतर से हराया। 1989 के चुनाव में बीरेंद्र सिंह ने हिसार सीट पर फिर से ताल ठोक दी। इस बार जनता दल की लहर के बीच जयप्रकाश ने उन्हें करीब 45 हजार वोटों से हरा दिया। 1991 के चुनाव में कांग्रेस के नारायण सिंह ने 2,33,012 वोट लेते हुए जनता पार्टी के जयप्रकाश को करीब 26 हजार वोटों से हराया।
तीन बार सांसद रहे चुके हैं जयप्रकाश उर्फ जेपी
कई बरस चौ. देवीलाल के साथ सियासत करने के बाद जयप्रकाश हरियाणा विकास पार्टी में आ गए थे और 1996 में जयप्रकाश ने हविपा की टिकट पर हिसार सीट से चुनाव लड़ा। जेपी 3,06,402 वोट लेते हुए एसएपी के गौरीशंकर को करीब पौने 2 लाख वोटों से हराते हुए दूसरी बार सांसद बने। साल 1998 के शुरूआत में देवीलाल ने समता पार्टी से किनारा करते हुए स्वयं का हरियाणा राष्ट्रीय लोकदल बना लिया। 1998 के चुनाव में हिसार से हलोदरा के सुरेंद्र सिंह बरवाला ने हविपा के ओमप्रकाश जिंदल को हराया। 1999 में लगातार दूसरी बार सुरेंद्र बरवाला सांसद बने। इस बार उन्होंने कांग्रेस के बीरेंद्र सिंह को हराया। 2004 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जयप्रकाश तीसरी बार लोकसभा में पहुंचे। जेपी ने इस बार सुरेंद्र बरवाला को हराया।
भजनलाल की सियासत पर लगा ग्रहण
साल 2009 में भजनलाल हिसार सीट से सांसद बने। 2011 में भजनलाल का निधन हो गया। अक्तूबर 2011 में हुए उपचुनाव में कुलदीप बिश्रोई ने अजय सिंह चौटाला को पराजित किया तो साल 2014 के चुनाव में दुष्यंत ने कुलदीप को हरा दिया। 2019 के चुनाव में तत्कालीन कांग्रेसी नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को हराकर भाजपा की टिकट पर बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह सांसद बने। रोचक बात यह है कि वर्तमान में बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो चुके है और कुलदीप बिश्नोई व उनके बेटे भव्य बिश्नोई अब भाजपा का दामन थाम चुके हैं। Hisar News
कुलदीप बिश्नोई लड़ना चाहते थे चुनाव
भव्य बिश्नोई वर्तमान में आदमपुर विधानसभा से विधायक है। उनके पिता कुलदीप बिश्नोई हिसार लोकसभा सीट से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। पर भाजपा आलाकमान ने हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह को हिसार से मैदान में उतारा है। हिसार में भाजपा कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी व पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद रहे थे,तब भी कुलदीप बिश्नोई समारोह में नहीं पहुँचे थे। इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रणजीत सिंह चौटाला के नामांकन समय से भी कुलदीप बिश्नोई व भव्य बिश्नोई ने दूरी बनाए रखी।
मनोहरलाल की टिप्पणी से भड़के कुलदीप व चंद्रमोहन बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई भारतीय जनता पार्टी से टिकट न मिलने से मायूस है, वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की उनके पिता एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल पर की गई टिप्पणी से नाराज हैं। मनोहर लाल की इस टिप्पणी से भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ही नहीं बल्कि कांग्रेस नेता चंद्रमोहन बिश्नोई भी नाराज है। चंद्रमोहन बिश्नोई ने दो दिन पहले चंडीगढ़ में हुए कांफ्रेंस के दौरान इतना भी कहा था की मनोहर लाल एक जिम्मेदार पद पर रहे हैं। उन्हें ऐसा बयान देने पर शर्म आनी चाहिए थी।
किसानों का मुआवजा व पानी की है मुख्य समस्या
हिसार लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 2021 से किसानों का मुआवजा सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। इस मुद्दे को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा का हिसार लघुसचिवालय के समक्ष पक्का मोर्चा चल रहा है। पर इतना लंबा समय बीतने के बावजूद भी किसानों के मुआवजे की समस्या का हल नहीं हो पाया है। इसी तरह पेयजल व सिंचाई के पानी की समस्या भी हिसार लोकसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। यह नहीं है कि हिसार लोकसभा क्षेत्र के शहर में गांव में जलघर नहीं है। जलघर तो है पर जलघर के टैंक पानी से खाली हैं। Hisar News
पेयजल को लेकर हाहाकार
ग्रामीण क्षेत्रों में तो गर्मी के दिनों में पानी को हाहाकार लेकर मच जाता है। वर्तमान में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। अब लोगों का यह कहना है की जो सरकार उनके पानी की समस्या का हल करेगी, हम उसी को अपना मतदान करेंगे। यही वजह है कि जब भी कोई प्रत्याशी किसी ग्रामीण क्षेत्र में वोटो की अपील के लिए जाता है तो उनसे सबसे पहला सवाल पानी का ही किया जाता है।
क्या पाकिस्तान में जाता है हिसार के हिस्से का पानी | Hisar News
इस समस्या का जिक्र देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान हिसार के सेक्टर 1-4 में आयोजित चुनावी रैली के दौरान खुद भी किया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आपके हिस्से का पानी कांग्रेस ने पाकिस्तान को दे दिया। अब वह पानी हिसार के लोगों को दिया जाएगा। लेकिन इस पानी की समस्या पर आज तक दोबारा किसी भी नेता ने कोई काम नहीं किया।
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