Modi 3.0 Cabinet: नरेंद्र मोदी देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर 9 जून की शाम शपथ लेने जा रहे है, और इस शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राषट्रपति भवन में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वहीं ऐसे में कुछ आम चर्चा होती दिख रही है कि मोदी सरकार के नए कैबिनेट में कौन-कौन से नए चेहरे होंगे। वहीं ये चर्चा और दिलचस्प इसलिए हो जाती हैं क्योंकि इस बार केंद्र में बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हैं। ऐसे में उसे एनडीए के घटक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाना पड़ रहा हैं, और इस स्थिति में ये बात तो साफ हैं कि इस बार की कैबिनेट में बीजेपी के साथ-साथ टीडीपी और जेडीयू के नेताओं को भी मौका दिया जाएगा, गठबंधन की राजनीति के तहत पीएम मोदी अपने अन्य सहयोगी दलों का भी ख्याल रखेंगे, इसलिए मोदी कैबिनेट में मंत्री और राज्यमंत्री का पद अब कुछ नए चेहरों को भी मिलना तय हैं।
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बिहार और झारखंड से है ये नाम | Modi 3.0 Cabinet
नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में बिहार और झारखंड से कई सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता हैं, मिली जानकारी के अनुसार इस लिस्ट में जिन सांसदों का नाम सबसे आगे चल रहा है वो हैं जनता दल यूनाइटेड से ललन सिंह, संजय झा, सुनील कुमार और रामनाथ ठाकुर, लोकजनशक्ति पार्टी से चिराग पासवान का नाम भी सामने आ रहा हैं।
टीडीपी से कौन बन सकता है मंत्री
तेलुगु देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर राममोहन नायडू का नाम प्रस्तावित कर सकते हैं, जानकारी के अनुसार टीडीपी नई कैबिनेट में अपनी पार्टी के लिए कम से कम 3 या फिर 4 पद मांग सकते हैं।
शिंदे अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में दिला सकते है मौका | Modi 3.0 Cabinet
मिली जानकारी के अनुसार अभी तक जो खबर सामने आई है, उसके मुताबित महाराष्ट्र से एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं को मोदी कैबिनेट मे भेजने पर विचार कर रहे हैं, हालांकि एकनाथ शिंदे ने अभी तक इसे लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी हैं।
किन मौजूदा सांसदों ने हारा चुनाव | Modi 3.0 Cabinet
इस बार के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के कई मौजूदा कैबिनेट मंत्री चुनाव हार चुके हैं, इस लिस्ट में स्मृति ईरान से लेकर राजीव चंद्रशेखर जैसे नाम भी शामिल हैं, मोदी कैबिनेट के अन्य जो मंत्री इस बार चुनाव हारे हैं, उनमें शामिल है अजय मिश्रा, सुभाष सरकार, अर्जुन मुंडा, कैलाश चौधरी, कल्याण, एल मरुगन, निसिथ प्रमाणिक, संजीव बालियान, भगवंत खूबा, कौशल किशोर, महेंद्रनाथ पांडेय, कपिल पाटिल, रावसाहेबी दानवे, भरती पवार, साधवी निरंजन ज्योति, भानुप्रताप, वी मुरली धऱन, और आरके सिंह शामिल हैं।
मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है ये सांसद
मनोहर लाल: मनोहर लाल हरियाणा में साढे नौ साल तक सीएम रहे हैं, संघ पीएम नरेंद्र मोदी और शाह से काफी घनिष्ठता हैं, पीएम मोदी के कहने पर उन्होंने सीएम की कुर्सी छोड़ दी थी, हालांकि उनके सीएम रहते ही बीजेपी के खिलाफ राज्य में सत्ता विरोधी लहर बनी हुई हैं, 4 महीने बार राज्य में फिर चुनाव होने हैं। बीजेपी नहीं चाहेगी कि उनकी वजह से राज्य में फिर से पार्टी के खिलाफ नाराजगी बढे, ऐसी स्थिति में संभव हैं कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व फिलहाल उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने में परहेज करें।
राव इंद्रजीत: बता दें की राव इंद्रजीत छठी बार सांसद बने हैं, अहीरवाल बेल्ट में उनका दबदबा हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ के अहीरवाल बेल्ट में धर्मबीर को जिताने में उनकी भूमिका काफी अहम रही है। अहीरवाल बेल्ट में 14 विधानसभा क्षेत्र हैं, राज्य सरकार बनाने में इस बेल्ट की भूमिका अहम होती हैं, विधानसभा चुनाव को देखते हुए राव इंद्रजीत को केंद्र के मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता हैं, मगर इस बार उनका दबदबा कुछ कम हुआ हैं, वह लड़खड़ाते हुए ही जीते हैं, दरअसल पैतृक इलाके में उन्हें कम वोट मिले हैं।
कृष्णापाल गुर्जर: लगातार 3 जीत हासिल करने वाले कृष्णापाल गुर्जर 2014 और 2019 की केंद्र की सरकार में मंत्री रहे हैं, पीएम मोदी के साथ उनकी अच्छी दोस्ती हैं, मोदी के साथ उन्होंने संगठन में काम भी किया हैं, इस बार उनका काफी विरोध था, इसके बावजूद वह अपनी सीट जीतने पर कामयाब रहे, ऐसे में इस बार भी वे मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं, हालांकि विधानसभा चुनाव में जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को देखते हुए मंत्री बनना उनका मुश्किल हो सकता हैं।
धर्मबीर सिंह: जीत की हैट्रिक लगाने वाले धर्मबीर सिंह भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं, हरियाणा में जाट बिरादरी से आने वाले बीजेपी के वे इकलौते सांसद हैं, लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ जाट बिरादरी की नाराजगी साफ तौर पर देखी गई हैं, जाट बेल्ट में बीजेपी को एक भी सीट नही मिली हैं, आने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी जाटों की नाराजगी नहीं झेलना चाहती हैं, इसलिए जाटों को बीजेपी से जोड़ने के लिए धर्मबीर को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता हैं।
UP: 2024 में ये चेहरे बन सकते हैं मंत्री
इस समय मौजूद हालतों को देखते हुए अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल का तीसरी बार मंत्री बनना तय हैं, जबकि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी यूपी के कोटे और सहयोगी दल के मुखिया होने के नाते केंद्र में मंत्री बन सकते हैं, इसके अलावा एनडीए का कोई अन्य सहयोगी ओपी राजभर-संयज निषाद एक भी सीट नहीं जीत सका हैं, इसलिए बीजेपी को अपने कोर्ट से उन्हें मंत्री पद देना पड़ सकता हैं,वहीं जातीय समीकरण बनाने के लिए पुराने मंत्रियों की जगह उनकी ही जाति के नए चेहरों को जगह दी जा सकती है।
ब्राह्मण चेहरे के तौर पर है इनके नाम
बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में महेंद्रनाथ पांडे, अजय मिश्रा टेनी ब्राह्मण चेहरे थे। ऐसे में उनकी जगह कम से कम एक ब्राहाण मंत्री यूपी से जरूर होगा, संभावना है कि योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को केंद्र में मौका मिल जाए, जितिन ने पीलीभीत से चुनाव जीता हैं।
इसके अलावा राज्यसभी सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा या पूर्व मंत्री महेश शर्मा को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती हैं, यूपी के सीनियर बीजेपी लीडर लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम भी इस लिस्ट में शामिल हो सकता हैं।
दलित समुदाय से कौन बनेगा मंत्री?
उत्तर प्रदेश से कम से कम दो दलित समाज के मंत्री बनाए जा सकते हैं, आगरा से चुनाव जीते एसपी सिंह बघेल के अनुभव को देखते हुए उनको मोदी कैबिनट में मौका मिल सकता हैं, तो वहीं हाथरस से चुनाव जीते अनूप वाल्मीकि को भी जगह मिल सकती हैं।
OBC फैक्टर को साधने की कोशिश
ओबीसी फैक्टर का ध्यान भी मोदी 3.0 सरकार बनाते समय रखना होगा, लिहाजा बुलंदशहर से चुनाव जीते भोला सिंह, महराजगंज से चुनाव जीते पंकज चौधरी और बरेली से चुनाव जीते छत्रपाल गंगवार में से किसी को मंत्री बनाया जा सकता हैं। वहीं पिछली सरकार में महिला मंत्रियों मे स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति और अपना दल की अनुप्रिया पटेल थी, लेकिन इस बार सिर्फ 2 महिलाएं यूपी से चुनकर संसद पहुंची हैं, अनुप्रिया पटेल और हेमा मालिनी, इसलिए अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनना तय माना जा रहा हैं, जबकि युवा चेहरे के तौर पर शाहजहांपुर से चुनाव जीतकर आए अरुण सागर को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।