सुप्रीम कोर्ट इस मामले में रिव्यू पिटिशन पहले खारिज कर चुका है
नई दिल्ली(एजेंसी)।सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ समलैंगिक मुद्दे सहित चार अहम मामलों पर आज से सुनवाई शुरू करेगी मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच ने मामले को संवैधानिक बेंच को रेफर किया था। समलैंगिकता अपराध की श्रेणी में रखा जाए या नहीं, यह बेंच तय करेगी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में रिव्यू पिटिशन पहले खारिज कर चुका है, जिसके बाद सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) दाखिल किया गया था जो पहले से बड़े बेंच को भेजा गया था।
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी
इस याचिका में धारा-377 के कानूनी प्रावधान को चुनौती दी गई है। धारा-377 के तहत कानूनी प्रावधान है कि दो बालिग भी अगर सहमति से अप्राकृतिक संबंध बनाते हैं तो वह अपराध माना जाएगा और इस मामले में 10 साल तक कैद या फिर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। याचिका में कहा गया है कि 377 के तहत जो प्रावधान है वह संविधान के खिलाफ हैं।
बता दें कि शीर्ष अदालत ने 11 दिसंबर 2013 को समलैंगिकता को अपराध घोषित कर दिया था। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गईं और जब उन्हें भी खारिज कर दिया गया तो प्रभावित पक्षों ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की ताकि मूल फैसले का फिर से परीक्षण हो।
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