माता कर्माे देवी इन्सां की मृत देह पर शोध करेंगे मेडिकल के छात्र
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बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा
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सेवा कार्यों व शालीन स्वभाव के चलते हमेशा रहेंगी स्मरणीय : सुरजीत इन्सां
सच कहूँ/राजू, ओढां। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी अपने गुरु के वचनों पर चलते हुए जीते-जी जहां मानव सेवा में अग्रणी रहते ही हैं वहींं मरणोपरांत भी कुछ ऐसा कार्य कर जाते हैं जिसके लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाता है। इसका उदाहरण ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब के मंडी कालांवाली निवासी माता कर्माे देवी इन्सां के रूप में देखने को मिला। मंडी कालांवाली निवासी 15 मेंबर मुकेश इन्सां की माता 70 वर्षीय कर्माे देवी इन्सां रविवार रात्रि सचखंड जा विराजी। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थी। उन्होंने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज से नाम शब्द लिया हुआ था। कर्माे देवी के मरणोपरांत उनके पुत्र मुकेश इन्सां ने अपनी माता की मृत देह नेशनल कॉलेज ऑफ आयुर्वेदा एंड हॉस्पिटल, बरवाला में दान कर दी। शरीरदान से पूर्व उनकी आंखें दान की गई। सचखंडवासी को अंतिम विदाई देने हेतु साध-संगत के अलावा अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
अंतिम इच्छा थी शरीरदान करने की
मुकेश इन्सां ने बताया कि उनकी माता ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मरणोपरांत शरीरदान करने के लिए प्रतिज्ञा पत्र भरा था। उन्होंने परिवार के समक्ष ये इच्छा व्यक्त की थी कि मरणोपरांत उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान कर दी जाए। ब्लॉक भंगीदास सुरजीत इन्सां ने बताया कि कर्माे देवी इन्सां मंडी कालांवाली के कर्मठ सेवादारों में गिनी जाती थीं। वे शाह सतनाम जी ग्रीन-एस वैल्फेयर फोर्स विंग की सदस्य थीं। उन्होंने शाही कैंटीन में सेवा के अलावा मंडी में बहनों की भंगीदास सेवादार के रूप में भी लंबे समय तक सेवा कार्य किया। उन्होंने बताया कि माता कर्माे देवी ने अनेक लोगों को डेरा सच्चा सौदा से जोड़ते हुए उन्हें बुराइयों से दूर किया था। अपने सेवा कार्यांे व शालीन स्वभाव के चलते माता कर्माे देवी इन्सां हमेशा स्मरणीय रहेंगी।
सैल्यूट के साथ फूलों से सजी गाड़ी में किया रुखस्त
कर्माे देवी इन्सां को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन-एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में साध-संगत, गणमान्य लोग व ब्लॉक कमेटी के सदस्य पहुंचे। उन्होंने ‘सचखंडवासी कर्मो देवी इन्सां अमर रहे’ के नारे लगाकर व सैल्यूट कर उनकी देह को फूलों से सजी गाड़ी में रुखस्त कर दिया। इससे पूर्व डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा-बेटी एक समान के तहत उनकी अर्थी को कंधा देने की रस्म उनकी बेटियों वीनू इन्सां, रेखा इन्सां, प्रवीण इन्सां व पुत्रवधु सिमरन इन्सां ने निभाई। उनकी शव यात्रा मंडी में जिन जगहों से होकर निकली वहां लोगों ने प्रशंसा करते हुए कहा कि ये होती है नि:स्वार्थ सेवा।
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