लेके कहां कुछ वापिस जाना यह शरीर भी दान है…

Where to go back, this body is also a donation ...

इंसानियत। मेडिकल रिसर्च के काम आएगी मोहन लाल इन्सां की मृतक देह

  • बेटियों ने अर्थी को कंधा देकर बेटा-बेटी के भेदभाव को मिटाने का दिया संदेश

सुरेवाला (राहुल अरोड़ा)। ले के कहां कुछ वापिस जाना ये शरीर भी दान है…ये कोई जुमला नहीं बल्कि हकीकत है। मानवता भलाई के सिरमौर सर्व धर्म संगम डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु की। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा पर चलते हुए डेरा अनुयायी जीते जी तो मानवता भलाई के लिए आगे रहते ही हैं, लेकिन मरणोंपरांत भी इंसानियत के लिए ऐसी मिसाल दे जाते हैं जिससे हर कोई उन्हें सलाम करता है। ऐसा ही कर दिखाया है सुरेवाला निवासी मोहन लाल इन्सां ने। जिन्होंने मरणोपरांत मैडीकल रिसर्च के लिए अपना शरीर दान किया।

उनका पार्थिव शरीर रिसर्च के लिए भेज दिया है। जीते जी भी मोहन लाल बत्तरा मानवता भलाई कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। मरणोपरांत भी मृत देह जीएस मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर हापुड़ (यूपी) का दान कर मानवता पर परोपकार किया। जानकारी के अनुसार मोहन लाल बत्तरा पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। मोहन लाल बत्तरा की मृत्यु के पश्चात उनके पुत्र दीपक इन्सां, पुत्रियां सीमा रानी इन्सां व नीतू बाला इन्सां ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरी करते उनका पार्थिक शरीर दान किया।

  • बेटों के साथ मिलकर बेटियों ने दिया अर्थी को कंधा

ब्लॉक भगवानपुरा के 15 मैंबर अमर पाल इन्सां व दर्शन सिंह इन्सां ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा की मुहिम ‘बेटा-बेटी एक समान’ के तहत मोहन लाल इन्सां की अर्थी को बेटे के साथ उनकी बेटियों ने कन्धा दिया। मोहन लाल इन्सां के पार्थिव शरीर को डेरा अनुयायियों की मौजूदगी में परिजनों ने नम आंखों से अन्तिम विदाई दी। इस मौके अशोक कुमार (45 मैंबर), हरि सिंह (45 मैंबर), राजेश कुमार (15 मैंबर), अमर पाल इन्सां (15 मैंबर), दर्शन सिंह इन्सां, सुजान बहन सुखजीत कौर सहित शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सदस्यों सहित रिश्तेदार मौजूद रहे।

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