मालेरकोटला : आखिर कब सुलझेगी मालेरकोटला की ट्रैफिक समस्या?

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मालेरकोटला में लगते ट्रैफिक जामों कारण शहर का बुरा हाल | Traffic Problem

मालेरकोटला(सच कहूँ/गुरतेज जोशी )। नवाबी शहर मालेरकोटला में ट्रैफिक समस्या के चलते लोगों में परेशानी दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है, शहर के बाजारों में गलत पार्किंग के चलते जहां लम्बे जाम देखने में आते हैं, वहीं स्कूलों की छुट्टी के समय रोजमर्रा की लगते जामों के कारण आम जनता परेशान हो चुकी है, स्थानीय दिल्ली गेट में मौजूद बैंकों और उर्दू अकैडमी के आगे पार्किंग बेढंगी होने के कारण आम जनता की मुश्किलें दिन प्रति दिन बढ़ रही हैं। इसी कड़ी में स्थानीय सरहन्दी गेट पीपल वाला चौंक, लोहा बाजार जहां ट्रांसपोर्टों की मौजुदगी के कारण लगे जामों में आम जनता ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चे भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, वहीं किसी भी समय किसी असुखद घटना के घटने का अंदेशा सदा बना रहता है।

उल्लेखनीय है कि शहर में कई स्थानों पर प्रशासन की ओर से बोर्ड लगाए हुए हैं कि प्रात:काल 7 बजे से शाम 7 बजे तक शहर में भारी ट्रैफिक की मनाही है परंतु सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाकर बड़ी गाड़ियां व भारी वाहन शहर में बिना किसी रोक टोक से घुमते फिरते हैं जिस पर प्रशासनिक कार्रवाई की तुरंत जरूरत है। इनको कभी भी ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारियों ने नहीं रोका और कभी भी चालान नहीं काटा।

लोगों की मांग है कि इस समस्या का जल्दों से जल्द हल निकाला जाये। उक्त समस्या के हल के लिए शहरी प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस के तुरंत दखल की जरूरत है, इस सम्बन्धित आम जनता के साथ बातचीत की गई तो समाज सेवीं बेअंत किंगर ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस मालेरकोटला ट्रैफिक को कंट्रोल करने में नाकाम सिद्ध हो रही है, जिसका कारण प्रशासनिक ढील है।

क्या कहना है ट्रैफिक इंचार्ज का |Traffic Problem

इस संबंधी जब ट्रैफिक इंचार्ज मालेरकोटला करनजीत जेजी के साथ बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि शहर में वाहनों की बहुतायत के कारण व स्थानीय जरग चौक में पुल बनने कारण ट्रैफिक की समस्या आ रही है, उन्होंने कहा कि वह ट्रैफिक नियमों की उल्लंघना करने वालों के चालान भी काटते हैं।

क्या कहना है एसएसपी मालेरकोटला का | Traffic Problem

  • एसएसपी बराड़ ने बात करते बताया कि पुलिस की ओर से जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है।
  • स्कूली बच्चों को ट्रैफिक नियमों संबंधी जागरूक किया जा रहा है।
  • उन्होंने कहा कि इन बच्चों की उम्र 16 से 18 साल है।
  • इन्होंने करीब बड़ी उम्र तक वाहन चलाने हैं।
  • इन बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी होनी अति जरूरी है।
  • जब पत्रकारों ने चौंक में लगे फ्लेक्सी बोर्डों और बैंकों आगे रास्ता रोकते वाहनों की तरफ उनका ध्यान करवाया
  • उन्होंने कहा कि जल्दी ही कार्यकारी अधिकारी के साथ बातचीत करके इस समस्या को दूर किया जाएगा।

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