…जब पूज्य गुरू जी के दयालु हृदय में हमदर्दी के झरने फूट पड़े!

Gurmeet Ram Rahim
...जब पूज्य गुरू जी के दयालु हृदय में हमदर्दी के झरने फूट पड़े!

Source of inspiration: जहां सब कुछ पानी अपने साथ बहाकर ले गया हो, जहां भूकंप से गांवों के गांव, बड़ी-बड़ी इमारतें ढ़ह गई हों, जहां समुद्र टापूवों को निगल गया होे, जहां लोगों के रैन-बसेरों को बर्फ बना दिया गया हो व जहां गांवों के गांव 35-35 फुट गहरे पानी में डूब गए हों, वहां मदद करने कौन आएगा? वहां पहुंचते हैं पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के नेतृत्व में बनी शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर विंग के सेवादार। यह वह सेवादार हैं जो पूज्य गुरू जी की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए प्राकृतिक आपदाओं में फंसे लोगों की मदद के लिए तुरंत ही पहुंच जाते हैं। Gurmeet Ram Rahim

सन् 2006 को अगस्त महीने में राजस्थान के जिला बाड़मेर में भयानक बाढ़ आई। इस बाढ़ ने सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया और लाखों की गिनती में लोग इससे प्रभावित हुए। 200-200 फुट ऊंचे टीलों वाला व रेतीला राजस्थान का यह जिला बाड़मेर बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। लगभग 100 घंटे लगातार मुसलाधार बारिश ने उन कच्चे मिट्टी के टीलों को ऐसे बिखेर दिया जैसे तरबूज बिखरता है व बारिश का पानी वहां 30-30 फुट तक भर गया। इस बात पर चाहे आपको विश्वास न हो लेकिन यह सच्चाई है क्योंकि धरती की ऊपरी सतह पर रेत ही रेत है लेकिन नीचे जिप्सम व पत्थर है। जहां पानी जमा हो गया वह नीचे नहीं जा सकता। बारिश का पानी लगभग तीन महीनों तक वहीं जमा रहा व बहुत से गांवों का तो नामों निशान ही खत्म हो गया।

सैकड़ों बुजुर्ग-बच्चे व पशु जो बाढ़ की भेंट चढ़ गए

वहां के निवासी अपनी जान बचाने के लिए ऊंचे-ऊंचे टीलों व खुले आसमान में जा बैठे व तपती धूप व चल रही अंधेरियोें में दिन काटने के लिए मजबूर हो गए। उन लोगों के पास न पहनने के लिए कपड़ा, न खाने के लिए अन्न व न ही कोई बर्तन क्योंकि बाढ़ की मार ने कुछ भी उठाने का मौका ही नहीं दिया। सैकड़ों बुजुर्ग-बच्चे व पशु जो बाढ़ की भेंट चढ़ गए। उनका गम भी दिलों में ही समा कर रह गया।

कहते हैं जब प्रकृति अपना कहर बरपाती है तो उस समय उनकी पुकार सुनकर खुद-खुदा चलकर इस धरती पर आता है उनकी संभाल करने। बाढ़ पीड़ितों की चीख-पुकार सुनकर उनके प्रति हमदर्दी के झरने फूट पड़े पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के दयालु हृदय में। असमर्थ स्थानीय प्रशासन डिप्टी कमिशनर (जिला कलैक्टर), एडीसी व जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारी डेरा सच्चा सौदा मौजपुर धाम, बुधरवाली (राजस्थान) में पूज्य गुरू जी से मिलने पहुंचे व बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए अपील की,

लेकिन शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर विंग की एक टीम को तो पूज्य गुरू जी ने पहले ही बाढ़ संभावित क्षेत्र में सर्वे के लिए भेजकर पूरी घटना की जानकारी मंगवा ली थी व राहत व खाद्य सामग्री की पहली खेप के आठ बड़े ट्रक रवाना होने के लिए बिल्कुल तैयार खड़े थे। कुली, गुली, जुली (रोटी, कपड़ा और मकान) यह तीन वस्तुएं जरूरी हैं इन्सान को जिंदगी जीने के लिए। Gurmeet Ram Rahim

लिटिल रोजिज ब्लॉक व शाह सतनाम जी ब्वॉयज स्कूल-कॉलेज का विशेष योगदान

इन बातों का ध्यान रखते हुए खाने के लिए साफ-सुथरा गेहूं का आटा(परिवार मुताबिक 5-5 व 10-10 किलो की बंद थैलियां), नमक, मिर्च, हल्दी, आचार आदि के साथ रसोई के लगभग सभी बर्तन (जरूरत अनुसार), कंबल, चादरें, बच्चों के रेडीमेड कपड़े, कपड़े धोने वाला साबुन, चप्पलें व सिर ढ़कने के लिए आरजी प्रबंध के रूप में त्रिपालें भाव एक हजार परिवारों के लिए राहत सामग्री तैयार की गई।

राहत सामग्री की पहली खेप डेरा सच्चा सौदा व मानवता भलाई केन्द, मौजपुर धाम बुधरवाली से खुद पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने जिला श्री गंगानगर के जिला कलैक्टर व लालगढ़ मिल्ट्री छावनी के लैफ्टीनैंट कर्नल ओपी कासनिया की मौजूदगी में जिला बाड़मेर के प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ित परिवारोें के लिए रवाना की, जिसमें शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थाएं (शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल व कॉलेज के लिटिल रोजिज ब्लॉक व शाह सतनाम जी ब्वॉयज स्कूल व कॉलेज का बटर लॉयन ब्लॉक) का भी विशेष योगदान रहा। Gurmeet Ram Rahim

World Blood Donor Day 2024: जरूरतमंदों के लिए वरदान बना बापू मग्घर सिंह जी ‘इंटरनेशनल ब्लड सैंटर’