नैनीताल। Zero Shadow Day 2023: दुनिया में अजब गजब किस्से सुनने को मिलते रहते हैं। कुछ अद्भुत घटनाएँ घटती रहती हैं। ऐसे ही दुनिया में शून्य परछाई वाला एक ऐसा दिन भी होता है, जब सूर्य की किरणें इंसान पर सीधी पड़ती है जिसके कारण व्यक्ति या वस्तु की छाया कुछ पल के लिए साथ छोड़ जाती है। क्योंकि उस समय सूर्य अक्षांश रेखा के ठीक ऊपर होता है। शुक्रवार को दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में शून्य परछाई वाला दिन रहा। Zero Shadow Day
नैनीताल के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डॉ. शशिभूषण पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना कर्क व मकर रेखा के बीच आने वाली अक्षांश रेखा के बीच ही होती है। कर्क रेखा यानी 23.5 अक्षांश पर 21-22 जून को हर साल दोपहर में परछाई जीरो हो जाती है यानि परछाई साथ छोड़ जाती है। उसी तरह 21-22 दिसंबर को दक्षिणी गोलार्ध में यह स्थिति बनती है। इसके बाद शून्य अक्षांश यानी विषुवत रेखा से 23.5 अक्षांश के बीच तिथि व स्थान के साथ जीरो शैडो की स्थिति बदलती रहती है और इस घटना की पुनरावृत्ति हर साल होती है। 18 अगस्त यानी शुक्रवार को मंगलौर, बंटवाल, सकलेशपुर, हासन, बिदादी, बेंगलुरु, दशरहल्ली, बंगारपेट, कोलार, वेल्लोर, अरकोट, अराक्कोनम, श्रीपेरंबटूर, तिरुवल्लुर, अवाडी, चेन्नई, आदि स्थानों मे जीरो शैडो डे रहेगा।
खगोल विज्ञानी के अनुसार पृथ्वी के अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी होने के कारण शून्य परछाई की स्थिति तो बनती ही है। ऋतु परिवर्तन भी इसी कारण होता है। भौगोलिक लिहाज से पृथ्वी को तीन महत्वपुर्ण रेखाओं में अंकित किया गया है, जो विषुवत, मकर व कर्क रेखा हैं। 27 अगस्त को शनि दर्शन का सुनहरा मौका होगा। इस खगोलीय घटना में शनि पृथ्वी के सर्वाधिक करीब पहुंचेगा और सुनहरे तारे की तरह चमकता नजर आएगा। इस खगोलीय घटना को अपोजिसन कहा जाता है, जिसमें पश्चिम में सूर्य अस्त हो रहा होगा तभी पूर्व दिशा से शनि उदय हो रहा होगा। डॉ. पांडेय के अनुसार इस महीने की आखिरी खगोलीय घटना सूपरमून की होगी, जिसे ब्लू मून भी कहा जाता है। अगस्त में पहला सूपरमून एक अगस्त हुआ था और अब दूसरा 31 अगस्त की रात देखने को मिलेगा।
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