नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने एक वकील की या-या से एलर्जी जताते हुए इस अनौपचारिक शब्द का इस्तेमाल करने पर आलोचना की। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में निकलकर सामने आई है। सीजेआई को वकील का यह अंदाज पसंद नहीं आया और उन्होंने वकील को याद दिलाया कि वे कोर्ट रूम में हैं, ‘कॉफी शॉप में नहीं।’ Supreme Court
रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को एक जनहित याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की। याचिका में सेवा विवाद से संबंधित याचिका को पहले खारिज करने की आंतरिक जांच की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने पुणे के एक वादी से कहा, ‘‘आप एक न्यायाधीश को प्रतिवादी बनाकर जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं? इसमें कुछ गरिमा होनी चाहिए। आप यह नहीं कह सकते कि मैं न्यायाधीश के खिलाफ आंतरिक जांच चाहता हूं। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे।’’
”क्षमा करें, हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।’’
पीठ ने कहा, ‘‘वे भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए। आप यह नहीं कह सकते कि मैं न्यायाधीश के खिलाफ आंतरिक जांच चाहता हूं क्योंकि आप पीठ के समक्ष सफल नहीं हुए। क्षमा करें, हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।’’ वादी ने श्रम कानूनों के तहत अपनी बर्खास्तगी से संबंधित याचिका को अब सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ द्वारा खारिज किए जाने के बाद जनहित याचिका दायर की। कार्यवाही की शुरूआत में, मुख्य न्यायाधीश ने उस समय नाराजगी व्यक्त की जब वादी ने न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा सहित पीठ के सवालों का “हां” के बजाय “हां-हां” में जवाब दिया। “यह ‘हां-हां’ क्या है। यह कॉफी शॉप नहीं है। मुझे इस ‘हां-हां’ से बहुत एलर्जी है। सीजेआई ने कहा, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। Supreme Court
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