नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने के उपायों के बावजूद वर्ष 2016 में पंजाब में सात सौ करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का चार लाख 72 हजार टन गेहूं खुले में रखे जाने के कारण सड़ गया। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की संसद में पेश एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे स्थानों पर अनाज के भंडारण के कारण उसके सड़ने की शिकायत को दूर करने तथा ढके में अनाज भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने 2008 में निजी उद्यमी गारंटी योजना (पीईजी) की शुरुआत की थी।
रिपोर्ट के अनुसार
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2016 तक पंजाब में 53 लाख 56 हजार टन गेहूं का भंडारण कच्चे चबूतरों पर किया गया था जिनमें से सात सौ करोड रुपये से अधिक मूल्य के चार लाख 72 हजार टन गेहूं को जारी नहीं करने योग्य घोषत कर दिया गया। निजी उद्यमी गारंटी योजना के कार्यान्वयन में बिलम्ब के कारण राज्य की एजेंसियों और एफसीआई ने खुले में भारी मात्रा में गेहूं का भंडारण कर दिया था।
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