बढ़े तापमान ने बिगाड़ा समीकरण, दिन मेंं धूप खिलने से हो रहा गर्मी का अहसास
- बोले: जनवरी में बरसात नहीं हुई और फरवरी के पहले सप्ताह में ही होने लगा गर्मी का अहसास
ओढां। (सच कहूँ/राजू) पिछले 4-5 दिनों से मौसम में आई तब्दीली ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उकेर दी हैं। तापमान में बढ़ोतरी होने के चलते दिन मेंं धूप खिलने के चलते गर्मी का अहसास होने लगा है। ऐसे में किसान गेहूं की फसल को लेकर चिंतित देखे जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल को इस समय ठंड की जरूरत है, लेकिन तापमान में हुई बढ़ोतरी गेहूं को नुक्सान पहुंचा रही है। अगर यही स्थिति रही तो गेहूं के उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ेगा। उनका कहना है कि विगत वर्ष भी मार्च में काफी गर्मी पड़ने के चलते उत्पादन कमजोर रहा। किसानों ने बताया कि इस बार वैसे भी ठंड देरी से शुरू हुई। जनवरी में उम्मीद थी कि बरसात होगी, लेकिन नहीं हुई।
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बरसात की कमी तो कुछ दिन पड़ी कड़ाके की ठंड व धुंध ने पूरी कर दी, लेकिन इस समय मौसम में आई तब्दीली के चलते गेहूं को नुक्सान हो सकता है। गेहूं को इस समय ठंड की जरूरत है, लेकिन पिछले करीब एक सप्ताह से तापमान में बढ़ोतरी चल रही है। वहीं कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में ये बदलाव गेहूं के लिए विपरीत साबित होगा।
इस बार पूरा दिसंबर बीत जाने के बाद भी ठंड नहीं पड़ी। जनवरी में कुछ दिन ठंड व धुंध रही, जिसके चलते गेहूं की फसल पर काफी अच्छा असर रहा। लेकिन पिछले 4-5 दिनों से बढ़ा तापमान उत्पादन समीकरण बिगाड़ने का काम रहा है। अगर यही स्थिति रही तो गेहूं समय से पूर्व ही बाली निकाल लेगी और दाना कमजोर हो जाएगा। अगर इस समय थोड़ी-बहुत बरसात व ठंड हो जाए तो गेहूं के लिए राम बाण साबित होगी।
– चेतराम दादरवाल (नुहियांवाली)।
खरीफ की फसल बर्बाद होने के चलते इस बार रबी की फसल से उम्मीदें हैं। लेकिन इस समय बढ़ा तापमान गेहूं की फसल पर विपरीत असर डाल रहा है। कभी मौसम की मार तो कभी खाद-बीज या पानी नहीं। कृषि घाटे का सौदा बनकर रह गई है। गेहूं को इस समय ठंड या बरसात की जरूरत है, लेकिन तापमान इस समय विपरीत चल रहा है। जोकि किसानों के लिए चिंता का विषय है।
-जग सिंह (लक्कड़ांवाली)।
इस बार गर्मी अधिक रही है, ठंड तो 1 माह भी नहीं हुई। फरवरी माह शुरू होते ही गर्मी का अहसास होने लगा। मौजूदा तापमान गेहूं की फसल के लिए नुक्सानदायक है। जनवरी में कुछ दिन कोहरा जमने के चलते सरसों की फसल को नुक्सान हुआ। रबी की फसल से काफी उम्मीद है। लेकिन मौसम उम्मीदों पर पानी फेरने का काम कर रहा है। तापमान में बढ़ोतरी गेहूं की फसल के उत्पादन पर काफी विपरीत असर डालेगी।
– रणवीर जाखड़ (बनवाला)।
गेहूं में पूरा सीजन 5 से 6 बार सिंचाई की जरूरत होती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से तापमान में हुई बढ़ोतरी के चलते मजबूरन 2 बार अतिरिक्त सिंचाई करनी पड़ेगी। वहीं उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। गर्मी की वजह से पौधे की बढ़वार नहीं हो रही। समय से करीब 10 दिन पूर्व ही बालियां निकलने लगी हैं। अब तो अगर थोड़ी सी बरसात हो जाए तो वरदान साबित होगी। अन्यथा इस समय का मौसम गेहूं के लिए काफी नुक्सानदायक साबित होगा। बिजाई के समय भी गर्मी का प्रकोप रहा। जिसके चलते सही तरीके से बढ़वार नहीं हुई।
– नायब सिंह (बीरूवालागुढ़ा)।
पिछले कुछ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी चल रही है। ऐसे में गेहूं के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ना स्वाभाविक है। ये मौसम गेहूं के प्रतिकूल है। समय से पूर्व ही गेहूं बालियां निकालने लगी हैं। मौसम की मार ये होगी कि बाली में दाना कमजोर पड़ जाएगा। किसानों को अतिरिक्त सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ेगी।
-रमेश सहु, सहायक तकनीक अधिकारी (कृषि विभाग ओढां)।
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