एक वक्त था जब 10+2 करने के बाद छात्रों के पास ज्यादा विकल्प नहीं होते थे और वे यह सोचकर टेंशन में रहते थे कि आखिर वे ऐसा क्या विषय या कोर्स चुनें जो उनके भविष्य को संवारने में मदद कर सकता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब 12वीं के बाद विभिन्न कोर्सों और विकल्पों की असीम लाइनें खुली हैं, जिनमें से छात्र अपनी पसंद और स्कोप के हिसाब से चुन सकते हैं। लेकिन चुनाव करते वक्त छात्रों को यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि जो कोर्स या फिर लाइन वे चुन रहे हैं उसमें कितनी संभावनाएं हैं। कुछ बातें हैं जिनका छात्र कोर्स का चयन करते वक्त जरूर ध्यान रखें:
1- सबसे पहले तो यह देखें कि आप जो कोर्स चुनने जा रहे हैं उसका क्या नफा-नुकसान और फायदा है। यानी भविष्य के लिहाज से वह कोर्स आपके लिए कितना फायदेमंद होगा, यह देखें।
2- 12वीं के बाद कोर्सेज को लेकर तरह-तरह के विज्ञापन और कैंपेन चलाए जाते हैं ताकि छात्रों को लुभाया जा सके। लेकिन छात्र उनके झांसे में न आएं और अच्छी तरह से जांच-पड़ताल करके ही कोर्स चुनें।
3- कोर्स का चयन करते वक्त छात्र अपनी रुचि का भी ध्यान रखें। इंजीनियरिंग और आईटी की बढ़ती डिमांड को देखते हुए आप इसमें करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन अगर आपकी इन दोनों क्षेत्रों में रुचि नहीं है तो इन क्षेत्रों में जाने की गलती बिल्कुल भी न करें।
4- अपने दोस्तों या फिर अन्य छात्रों की देखा-देखी कोई कोर्स या जॉब न चुनें।जो भी कोर्स या संस्थान चुनें उसकी मान्यता, फैकल्टी और प्लेसमेंट परफॉर्मेंस की जानकारी जरूर करें। इससे आप ठगी का शिकार होने से बच जाएंगे।
- यहां आपको कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जिन्हें आप 12वीं के बाद अपने करियर के तौर पर चुन सकते हैं:
प्रफेशनल कोर्सेज
प्रफेशनल कोर्सेज का अपना ही जलवा है। छात्र चाहें तो 12वीं के बाद इन कोर्सेज का चुनाव कर सकते हैं। वे चाहें तो आईटी और मैनेजमेंट से जुड़े कोई कोर्स कर सकते हैं। बैचलर आफ बिजनस मैनेजमेंट (बीबीए), बैचलर आॅफ कम्प्यूटर ऐप्लिकेशंस (बीसीए), डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट, डिप्लोपा इन होटल मैनेजमेंट ऐंड कैटरिंग टेक्नॉलजी, बैचलर इन इन्फॉरमेशन टेक्नॉलजी (बीआईटी), प्रमोशन ऐंड सेल्स मैनेजमेंट, ट्रैवल ऐंड टूरिज्म, फैशन डिजाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, पब्लिक रिलेशन जैसे कई प्रफेशनल कोर्सेज हैं, जो खूब डिमांड में हैं। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें नौकरी का काफी स्कोप है।
डिफेंस सर्विसेज
अगर आप देश के लिए कुछ करना चाहते हैं तो इसके लिए भी विभिन्न कोर्सेज हैं। जैसे कि नैशनल डिफेंस सर्विसेज। कई स्कूल एनडीए की परीक्षी की तैयारी 11वीं कक्षा से ही कराने लग जाते हैं। छात्र 12वीं कक्षा में भी इस एग्जाम को दे सकते हैं। क्लियर होने पर आपकी एनडीए में सीधे ट्रेनिंग और उससे संबंधित पढ़ाई शुरू हो जाती है।
कॉमर्स और कंप्यूटर साइंस
की बढ़ती डिमांड
कॉमर्स के फील्ड में भी काफी विकल्प हैं, जिनमें से छात्र अपनी पसंद से चुन सकते हैं। इस स्ट्रीम के छात्र भविष्य में एमबीए, सीएस, सीए, फाइनैंशल ऐनालिस्ट जैसे क्षेत्रों में सुनहरा करियर बना सकते हैं। कंप्यूटर साइंस कोर्स की डिमांड काफी बढ़ गई है। कई कॉलेजों में बीएससी (आॅनर्स) कंप्यूटर साइंस कोर्स है। यह कोर्स करने के बाद करियर आप्शन की कोई कमी नहीं है।
आर्ट्स का भी है बोलबाला
भले ही कई छात्र और पैरंट्स आर्ट्स को अन्य स्ट्रीम्स के मुकाबले कमतर आंकते हों, लेकिन सच तो यही है कि आर्ट्स के क्षेत्र में भी असीम संभावनाएं हैं। आर्ट्स स्ट्रीम के छात्र 12वीं के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी कर सकते हैं। पहले लोग मानते थे कि आर्ट्स के क्षेत्र में ज्यादा संभावनाएं नहीं हैं, लेकिन आज इसमें करियर के लिए ढेरों आप्शन्स उपलब्ध हैं। आर्ट्स में ऐसे कई विषय हैं, जिनकी पढ़ाई करके आप सरकारी और निजी क्षेत्रों में अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं। आप इकनॉमिक्स, साइकॉलजी, हिस्ट्री, फिलॉसफी आदि में ग्रेजुएट कर सकते हैं। आर्ट्स से ग्रैजुएशन के बाद आप सिविल सर्विसेज में जा सकते हैं। इसके अलावा एमबीए, जर्नलिज्म, मार्केट ऐनालिसिस, टीचिंग, एंथ्रोपोलॉजी, ह्यूमन रिसोर्स, एमएसडब्यू आदि में भी आपके सामने कई विकल्प मौजूद हैं।
शानदार स्कोप वाली स्ट्रीम है साइंस
साइंस स्ट्रीम दो मेन ग्रुप्स पीसीबी और पीसीएम में बंटी है। हालांकि अब बहुत से स्कूल्स स्टूडेंट्स को पीसीएमबी, बायोटेक्नोलॉजी या कंप्यूटर्स जैसे सब्जेक्ट्स भी आफर करते हैं, जिससे इस फील्ड में कोर्सेज की वैराइटी बढ़ी है। शायद इसीलिए स्टूडेंट्स के सामने एप्रोप्रिएट कोर्स सेलेक्ट करना चैलेंजिंग है। ऐसे में स्टूडेंट्स को सिर्फ अपने इंटरेस्ट पर फोकस करना चाहिए।
एकेडमिक्स
अगर कन्वेंशनल अंडरग्रेजुएट कोर्स की बात करें, तो स्टूडेंट्स पीसीएम या जेडबीसी ग्रुप से बीएससी कर सकते हैं। वहीं कुछ अलग करने की चाह हो, तो स्टूडेंट्स को साइंस की किसी स्पेशलाइज्ड ब्रांच से अंडरग्रेजुएट कोर्स करना चाहिए। ऐसे कोर्सेज रिसर्च में हेल्पफुल होते हैं।
- पॉपुलर सब्जेक्ट्स
एग्रीकल्चर
बायोटेक्नोलॉजी
फॉरेंसिक साइंस
कंप्यूटर साइंस
फिजिक्स
केमिस्ट्री
बॉटनी
जूलॉजी
मैथ्स
बायोकेमिस्ट्री
- प्रोफेशनल कोर्सेज
अगर आपने इंजीनियर या डॉक्टर बनने के लिए साइंस स्ट्रीम ली है, तो आपको जेईई मेन्स व नीट एग्जाम सहित दूसरे इंजीनियरिंग व मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम्स देने चाहिए। जिन स्टूडेंट्स को इन एग्जाम्स में मनचाही सफलता नहीं मिलती, वे पैरामेडिकल कोर्सेज या फिर कंप्यूटर एप्लिकेशन्स से रिलेटेड कोर्सेज करके इस फील्ड से जुड़ सकते हैं।
एमबीबीएस
बीडीएस
बी फार्मा
बीएचएमएस
इंजीनियरिंग
बीसीए
बीआर्क
बीएफटेक
- कॉमर्स के कोर्सेज हैं हाइली इंप्लॉयबल
कॉमर्स एक ऐसी स्ट्रीम है, जिसके एकेडमिक और प्रोफेशनल दोनों ही कोर्सेज के फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स बेहतरीन हैं। यही नहीं, इसमें स्टूडेंट्स एकेडमिक कोर्स करने के साथ-साथ प्रोफेशनल कोर्स भी कर सकते हैं।
एकेडमिक्स
एकेडमिक कोर्सेज की बात करें, तो स्टूडेंट्स बीकॉम, बीकॉम आॅनर्स, बैचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए), बैचलर आॅफ बिजनेस स्टडीज (बीबीएस), बैचलर इन एकाउंटिंग एंड फाइनेंस (बीएएफ) और बीए इकोनॉमिक्स का कोर्स कर सकते हैं। जहां बीकॉम सिंपल ग्रेजुएट कोर्स है, वहीं बाकी सभी स्पेशलाइज्ड अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्सेज हैं। यह सभी कोर्सेज तीन साल के हैं।
प्रोफेशनल कोर्सेज
प्रोफेशनल कोर्सेज जॉब ओरियेंटेड तो हैं ही साथ ही स्टूडेंट्स के अंदर इंडस्ट्री में काम करने की एक्पर्टीज भी डेवलप करते हैं। इन्हें अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के साथ भी परस्यू किया जा सकता है। जो स्टूडेंट्स कॉपोर्रेट, बैंकिंग, टैक्सेशन या बिजनेस सेक्टर में एक प्रोफेशनल की तरह खुद को देखते हैं, वे इन्हें आॅप्ट कर सकते हैं। हालांकि ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुसार डिजाइन किए गए इन कोर्सेज को कंप्लीट करना आसान नहीं है, लेकिन हार्डवर्क के जरिए इन कोर्सेज के अलग-अलग लेवल्स को क्वॉलिफाई किया जा सकता है।
- पॉपुलर कोर्सेज
कंपनी सेक्रेट्री (सीएस)
चार्टर्ड एकाउंटेंसी (सीए)
चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर
कॉस्ट मैनेजमेंट एकाउंटिंग
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