What Smells Do Snakes Hate: डॉ. संदीप सिंहमार। सांप एक ऐसा जीव है जिसके सामने आते ही हर कोई डर के मारे कांपने लगता है। पर इतना भी याद रहे की सभी सांप जहरीले नहीं होते और सांप कभी भी पहले वार नहीं करता। सिर्फ जब आत्मरक्षा की बात आती है तब सांप अपना फन उठाता है। फिर भी क्या दुनिया में कोई ऐसी चीज है जिसकी गढ़ मात्र से ही सांप अपने आप दूर भाग जाता है। बिल्कुल ऐसी चीज हैं और वह आपके घर की रसोई में आमतौर पर देखने को मिलती हैं। पर वह कौन सी चीज हैं वह कौन से ऐसे खाद्य पदार्थ हैं,जिनकी गंध मको सांप बर्दाश्त नहीं कर सकता। इस लेख में आज हम उन्हें सभी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं। आमतौर पर सोशल मीडिया पर सांपों के बारे में भ्रामक प्रचार वी डरावनी बातें देखने को मिलती हैं। लेकिन इस बारे में हाल ही में हुए रिसर्च में सामने आया कि ऐसी कई चीज़ें हैं, जिनकी गंध सांपों को बेचैन कर डर भागने के लिए मजबूर कर देती हैं। सांप मिट्टी के तेल जिसे किरोसिन ऑयल भी कहा जाता है की गंध बर्दाश्त नहीं कर सकते। जिस जगह पर मिट्टी का तेल रखा हो उसे जगह पर सांप जाना भी पसंद नहीं करते।
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इन 14 चीजों की गंध बर्दाश्त नहीं कर पाते सांप | What Smells Do Snakes Hate
हालांकि एनिमल वेबसाइट एज़-एनिमल में 14 चीजें बताई गई हैं, जिनकी गंध से ही सांप अपने आप चले जाते हैं। इनमें लहसुन और प्याज़ प्रमुख हैं। इसके अलावा, पुदीना, लौंग, तुलसी, दालचीनी, सिरका, नींबू और सबसे महत्वपूर्ण अमोनिया गैस भी हैं। पर अमोनिया गैस को कभी भी घर में खुले तौर पर नहीं रखना चाहिए। यही अमोनिया गैस आपकी बेहोशी का कारण भी बन सकती है। कई बार धुएं से भी सांप प्रभावित हो जाते हैं और दूर भाग जाते है। सांपों को इन सभी चीजों की गंध बहुत बेचैन कर देती है। यही वहज है कि इनसे दूर भागने की कोशिश करते हैं।
आत्मरक्षा के लिए फन उठाता है सांप
वैसे तो सांप किसी को हानि नहीं पहुंचाता लेकिन खतरा नजर आने पर ही अपने पास आत्मरक्षा के हथियार के रूप में घातक जहर का इस्तेमाल करता है और डंक मार देता है। ऐसी स्थिति में साँप खतरनाक जीव बन जाते हैं। लोगों में सांपों का डर बना हुआ है। सांपों से हर कोई दूर रहना चाहता है। पर हम ऊपर बताई गई घरेलू तकनीक के माध्यम से सांपों को घर से दूर रख सकते हैं। यदि इनमें से कोई भी चीज घर में है तो सांप खुद ही वहां से चला जाता है।
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भारत में सांपों की 300 प्रजातियाँ | What Smells Do Snakes Hate
भारत में साँपों की लगभग 300 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें से लगभग 60 जहरीले हैं, जिनमें भारतीय कोबरा, कॉमन क्रेट, रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर शामिल हैं। भारत में पाए जाने वाले गैर विषैले सांपों में रैट स्नेक, भारतीय अजगर और भारतीय रॉक अजगर शामिल हैं। सांप पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कृंतक आबादी को नियंत्रित करते हैं और प्रकृति के संतुलन को बनाए रखते हैं। इसलिए कभी कहीं रास्ते में किसी को सांप दिखाई देता है तो उसे छेड़ना नहीं चाहिए। यहाँ भारत में पाए जाने वाले कुछ विषहीन साँपों के बारे में बता रहे हैं, कभी भी किसी इंसान को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
इंडियन रॉक पाइथन
इंडियन रॉक पाइथन भारत में सबसे बड़ी साँप प्रजातियों में से एक है, जो अपने प्रभावशाली आकार और ताकत के लिए जाना जाता है। यह एक गैर विषैला कंस्ट्रिक्टर है, जिसका अर्थ है कि यह अपने शिकार को पूरी तरह से निगलने से पहले उसे दबाने के लिए उसे निचोड़ता है। भारतीय रॉक पाइथन जंगलों से लेकर घास के मैदानों तक कई तरह के आवासों में पाए जाते हैं और स्तनधारियों और पक्षियों का आहार लेते हैं। पर इंसान को कभी अपना शिकार नहीं बनाते।
खेती के लिए फायदेमंद होता है चूहा सांप
चूहा सांप पूरे भारत में पाया जाने वाला एक आम गैर विषैला सांप है। यह अपने पतले और फुर्तीले शरीर के लिए जाना जाता है, जिससे यह पेड़ों पर चढ़ सकता है और जमीन पर तेज़ी से चल सकता है। चूहा सांप उत्कृष्ट पर्वतारोही होते हैं और कृंतक, पक्षियों और अंडों के कुशल शिकारी होते हैं। वे कृंतक आबादी को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिससे वे किसानों के लिए फायदेमंद होते हैं।
चैकर्ड कीलबैक अर्थात ज़ेनोक्रोफिस पिस्केटर
इसे “वॉटर स्नेक” के नाम से भी जाना जाता है। चेकर्ड कीलबैक एक गैर विषैला साँप है जो आमतौर पर नदियों, तालाबों और दलदलों जैसे जल निकायों के पास पाया जाता है। इसके शरीर पर काले और पीले रंग के चेकर पैटर्न होते हैं। चेकर्ड कीलबैक मछली, मेंढक और अन्य जलीय जीवों को खाते हैं। वे बेहतरीन तैराक होते हैं और अपनी जलीय जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं।
ब्रोंज़बैक ट्री स्नेक
ब्रोंज़बैक ट्री स्नेक एक पतला और फुर्तीला गैर विषैला साँप है, जो मुख्य रूप से वृक्षवासी है, जिसका अर्थ है कि यह अपना अधिकांश समय पेड़ों पर बिताता है। यह अपने कांस्य रंग के तराजू के लिए जाना जाता है और इसे भारत भर में कई तरह के वन आवासों में पाया जा सकता है। ब्रोंज़बैक ट्री स्नेक छिपकलियों, मेंढकों और छोटे पक्षियों को खाते हैं। अपने शिकार को पकड़ने के लिए अपनी तेज़ चाल और चढ़ाई करने की क्षमता का उपयोग करते हैं।
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कॉमन वुल्फ स्नेक
कॉमन वुल्फ स्नेक भारत में पाया जाने वाला एक गैर विषैला सांप है, जो अपने विशिष्ट काले रंग और शरीर पर सफ़ेद या पीले रंग की पट्टियों के लिए जाना जाता है। अपने नाम के बावजूद, कॉमन वुल्फ स्नेक मनुष्यों के लिए हानिरहित है और मुख्य रूप से छोटे सरीसृपों और उभयचरों को खाता है। यह अक्सर शहरी क्षेत्रों में पाया जाता है, जिसमें बगीचे और कृषि क्षेत्र शामिल हैं। ये भारत में पाई जाने वाली विविध गैर विषैले साँप प्रजातियों के कुछ उदाहरण हैं। प्रत्येक प्रजाति पारिस्थितिकी तंत्र में एक अनूठी भूमिका निभाती है और क्षेत्र की जैव विविधता में योगदान देती है।