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सरकार दे रही नशीले पदार्थ बेचने का लाइसेंस, पर नशा रोकने की जिम्मेदारी समाज की अब सीनियर ‘धाकड़’ को पता होगा कक्षा में कौन कर रहा है नशा?
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स्कूल,कॉलेज व विश्वविद्यालयों में नशा रोकने के लिए बनेगी कमेटी
हिसार। (सच कहूँ/संदीप सिंहमार) नशा नाश की जड़ है। यह बात सर्वमान्य है। इस बात को समाज प्रशासन व सरकार सभी स्वीकार करते आए हैं। हमारे सभी धर्मों में भी नशों से दूर रहने की बात कही गई है। हरियाणा सरकार ने भी प्रदेश को नशा मुक्त करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है। इस अभियान का नाम है ‘धाकड़’…। पर सबसे बड़ी विडंबना की बात यह है कि नशों की प्रवृत्ति को रोकने के लिए जिस प्रकार के सीनियर अधिकारी यह एक्शन प्लान बना रहे हैं, वही सरकार खुद नशीले व मादक पदार्थ बेचने के लाइसेंस देती है।
उदाहरण के तौर पर अंग्रेजी व देसी शराब की दुकानों की नीलामी खुद सरकारी तौर पर की जाती है। दूसरी तरफ यही सरकार इन ‘दारू’ के ठेकों का जिक्र न करते हुए प्रदेश में नशा मुक्ति अभियान चला रही है। यह सबसे बड़ा चिंतन का विषय है। इस नशीले पेय पदार्थ से अब तक पता नहीं कितने परिवार उजड़ चुके हैं। यह कहे इस बोतल के बंद पानी में अब तक लाखों बह चुके हैं तो भी किसी प्रकार की अतिशयोक्ति नहीं होगी। आज पूरी दुनिया में 32 बिलियन यूएस डॉलर का नशा का अवैध कारोबार चल रहा है जबकि भारत में केवल हिरोइन का 20 लाख करोड़ रूपए का कारोबार हो रहा है।
नशा मुक्ति के लिए धाकड़ कार्यक्रम
उन्होंने कहा ड्रग तस्करी के द्वारा कुछ देशों ने भारत के साथ अप्रत्यक्ष युद्ध छेड़ा हुआ है जिससे वो अवैध तरीके से नशीले पदार्थ भारत में भेजकर हमारी युवा शक्ति को नशीले पदार्थों की लत लगाकर देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
नशा मुक्ति के लिए धाकड़ कार्यक्रम का आगाज बुधवार को नशा मुक्ति के लिए धाकड़ कार्यक्रम का आगाज किया गया।
इस मौके पर हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सभागार में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो के प्रमुख श्रीकांत जाधव मुख्य रूप से मौजूद रहे। इतना ही नहीं हिसार रेंज के मंडलायुक्त चंद्रशेखर,हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर बीआर कंबोज, 4 जिलों के उपायुक्त, 4 जिलों के पुलिस अधीक्षक, हिसार स्थित तीन विश्वविद्यालयों के अधिकारी गण वह विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स ब्यूरो के प्रमुख श्रीकांत यादव ने कहा कि नशा केवल भारत में ही नहीं अपितु इसने पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिया हुआ है। उन्होंने कहा इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ-साथ समाज का सहयोग बहुत जरूरी है।
ऐसा होगा एक्शन प्लान
प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए एक्शन प्लान के तहत स्कूल, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में धाकड़ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इसके तहत क्लास के पांच बच्चों का एक ग्रुप बनाया जाएगा जो सुस्त, एकाकी रहने वाले व चोरी छिपे नशा करने वाले बच्चों की पहचान करेंगे, उसकी सूचना क्लास टीचर यानि सीनियर धाकड को देंगे। सीनियर धाकड सूचना मिलने के बाद संबंधित प्रिंसिपल, हैड मास्टर को रिर्पोट करेंगे जो नोडल धाकड कहलाएगा। इस कार्यक्रम के सुपरविजन के लिए राज्य, जिला, उपमंडल, कलस्टर और गांव व वार्ड स्तर पर मिशन टीमें बनाई जाएंगी जो नशे से ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग, उपचार व पुनर्वास के लिए काम करेंगी।
प्रयास व साथी की भी मिलेगी मदद
दो मोबाइल एप प्रयास व साथी शुरू की गई हैं। प्रयास एप के लिए ग्राउंड लेवल की टीमें बनाई जाएंगी, जो प्रदेश में कितने लोग नशा करने के आदि हैं, कौन सा नशा करते हैं, नशा मुक्त करने के लिए कहां पर दाखिल करवाना है, पूरा डेटा रहेगा जबकि साथी एप में एलोपैथी व आयुर्वेदिक मेडिसन मैन्यूफेक्चरिंग से लेकर सप्लाई तक का पूरा ब्योरा देना होगा।
फोटो कैप्शन 20 हिसार 4-अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीकांत जाधव, कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज, मंडलायुक्त चंद्रशेखर श्रोताओं को नशा के विरूद्ध शपथ दिलाते हुए।
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