नई दिल्ली (एजेंसी)। देश को अपना 15वां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रूप में मिल गया है। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। मुर्मू राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की जगह लेगीं। गौरतलब हैं कि कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह होगा। ऐसे में आपके दिमाग में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि आखिर देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर बैठने वाले शख्स यानी राष्ट्रपति को आखिर शपथ कौन दिलाता है।और इनके पास कौन-कौन सी शक्तियां होती हैं। कौन-कौन सी सुविधाएं होती है। आइए इसके बारे में हम विस्तार से जानते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दिलाते है शपथ
राष्ट्रपति को चीफ जस्टिस पद की शपथ दिलाता है। यानी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भारत के प्रथम नागरिक को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाते हैं। अगर मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थित रहते है तो उनके जगह पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज राष्ट्रपति को शपथ दिलवाते हैं। राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 सालों के लिए होता है। जानकारी के लिए बता दें, संविधान के अनुच्छेद 60 में राष्ट्रपति को शपथ दिलाने को लेकर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।
सुविधाएं
- राष्ट्रपति को दिल्ली पुलिस की सुरक्षा दी जाती है।
- राष्ट्रपति को एक व्यक्ति के साथ प्रथम श्रेणी में मुफ्त ट्रेन और हवाई यात्रा की मिलती है सुविधा।
- गाड़ी और ड्राइवर की सुविधा।
- 5 लोगों का निजी स्टाफ भी मिलता है राष्ट्रपति को
- मुफ्त मेडिकल सुविधा भी दी जाती है।
- राष्ट्रपति को मुफ्त बिजली और पानी की सुविधा।
- वर्तमान में देश के राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपये प्रति महीने है।
- 2017 से पहले देश के राष्ट्रपति की सैलरी केवल 1.5 लाख रुपए प्रति महीने थी।
- वर्तमान में राष्ट्रपति को कहीं आने-जाने के लिए विशेष तौर पर बनी मर्सिडीज बेंज एस600 पुलमैन गार्ड गाड़ी मिलती है।
- राष्ट्रपति के फ्लीट में 25 वाहन होते हैं। राष्ट्रपति के पास स्पेशल बॉडीगार्ड होते हैं।
- स्टाफ के खर्च के लिए सरकार पूर्व राष्ट्रपति को 60 हजार रुपए मिलते हैं।
- पूर्व राष्ट्रपति के रूप में उन्हें रहने के लिए मुफ्त में बंगला, एक मोबाइल फोन, दो फ्री लैंडलाइन फोन और लाइफटाइम फ्री इलाज की सुविधा दी जाती है।
राष्ट्रपति की शक्तियां
- राष्ट्रपति भारत के रक्षा बलों का सुप्रीम कमांडर होता है।
- अनुच्छेद 72 के तहत राष्ट्रपति, किसी अपराध के लिये दोषी ठहराए गए किसी व्यक्ति सजा को माफ, निलबिंत या कम करने के साथ ही खत्म भी कर सकता है। राष्ट्रपति को मृत्युदंड पाए अपराधी की सजा पर भी फैसला लेने अधिकार है।
- भारत के चीफ जस्टिस, सर्वोच्च न्यायालय और राज्य के हाईकोर्ट के जजों, राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और दूसरे देशों में राजदूतों की नियुक्ति करता है।
- अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रपति, युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में देश में इमरजेंसी की घोषणा कर सकता है।
- अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति की तरफ से किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल होने की स्थिति में में राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर वहां राष्ट्रपति शासन लगा सकता है।
- राष्ट्रपति अनुच्छेद 80 के तहत साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले 12 व्यक्तियों का राज्य सभा के लिए मनोनयन कर सकता है।
- राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 360 के तहत भारत या उसके राज्य क्षेत्र के किसी भाग में वित्तीय संकट की दशा में वित्तीय आपात की घोषणा का भी अधिकार है।
- अनुच्छेद 75 के मुताबिक, ‘प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।
- लोकसभा चुनाव में जब किसी भी दल या गठबंधन को जब स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो इस स्थिति में राष्ट्रपति अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए ही सरकार बनाने के लिये दल विशेष को आमंत्रित करता है।
- सभी अंतरराष्ट्रीय समझौते और संधिया राष्ट्रपति के नाम पर ही होती हैं।
- संसद की तरफ से पारित कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनता है।
- अगर राष्ट्रपति चाहे तो उस विधेयक को कुछ समय के लिए रोक सकता है। वह विधेयक पर पुनर्विचार के लिए संसद को वापस भी भेज सकता है।
- यदि संसद दोबारा उस विधेयक पारित करती है तो राष्ट्रपति को उसपर हस्ताक्षर करना ही पड़ेगा।
- देश के सभी कानून और सरकार के प्रमुख नीतिगत फैसले राष्ट्रपति के नाम पर ही होते हैं।
- राष्ट्रपति अपने अधिकारों का इस्तेमाल मंत्रिपरिषद् की सलाह पर ही करता है।
- राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् को अपनी सलाह पर पुनर्विचार के लिए कह सकता है। लेकिन वहीं, सलाह फिर से मिलती है तो वह उसे मानने के लिए बाध्य होता है।
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