- हर सप्ताह हो रहा दर्जनों यूनिट रक्तदान
- हमें हैरानी यह है कि बिना किसी जान पहचान कैसे दौड़े चले आते हैं डेरा प्रेमी और तुरंत रक्तदान के लिए तैयार हो जाते हैं
चंडीगढ़(सच कहूँ/अनिल कक्कड़)। मैं ये मानता हूँ कि भगवान है और उसी के कारण ये पूरी सृष्टि काम कर रही है, लेकिन आज के दौर में इस घोर कलयुग और मतलबी दुनिया के जमाने में, सही मायने में भगवान के फरिश्ते देखे हैं तो वो डेरा प्रेमी हैं। ये विचार पीजीआई में उपचाराधीन एक थैलेसीमिया के मरीज के हैं। ऐसे ही विचार चंडीगढ़ पीजीआई, फोर्टिस, मैक्स एवं अन्य बड़े अस्पतालों में इलाज करवाने आए सैकड़ों लोगों के होते हैं, जब उन्हें इलाज के रक्त की जरूरत पड़ती है और उनके परिजन इधर-उधर दौड़ते हैं, तभी वे डेरा प्रेमियों के संपर्क में आते हैं और तुरंत उनके लिए रक्तदान मुहैया हो जाता है। वहीं इस सप्ताह डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने रक्तदान कर 34 मरीजों के जीवन को बचाने में सहयोग किया। चंडीगढ़ में रोजाना सैकड़ों लोग हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों से अपने इलाज के लिए आते हैं और यहा उन्हें रक्त की आवश्यकता होती है, ऐसे में डेरा सच्चा सौदा के सेवादार उनकी बिना किसी जान-पहचान और भेदभाव के मदद करते हैं।
डेरा सच्चा सौदा के सेवादार और रक्तदान समिति के जिम्मेवार राजेश इन्सां ने बताया कि उनके पास रोजाना रक्तदान के लिए कॉल्स आती हैं। ऐसे में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए स्थानीय साध-संगत के सहयोग से वे पुरजोर कोशिश करते हैं कि रक्तदान के लिए किसी भी मरीज को मुश्किल न आए और उसका इलाज हो सके। राजेश इन्सां ने बताया कि इस सप्ताह में सेवादारों ने कुल 34 यूनिट रक्त मुहैया करवाया, जिनमें 3 यूनिट प्लेटलैट्स भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह हैप्पी इन्सां, राजेश इन्सां, नायब इन्सां, जगतार इन्सां, साहिल इन्सां, रमनदीप इन्सां, अजय इन्सां, जयपाल इन्सां, आरुष इन्सां, सुरेश इन्सां, रवि कुमार, प्रमोद इन्सां, जसविंद्र इन्सां, सिकंदर इन्सां, गौरव चोपड़ा इन्सां, राजू इन्सां, वरिंद्र इन्सां ने रक्तदान किया जबकि बाकि का रक्तदान मास्टरकॉर्ड द्वारा मरीजों को मुहैया करवाया गया।
55 बार रक्तदान कर चुके हैं राजेश इन्सां
डेरा सच्चा सौदा के सेवादार राजेश इन्सां ने इस सप्ताह एक थैलेसीमिया मरीज के लिए रक्तदान किया। राजेश 55 बार रक्तदान कर चुके हैं। बकौल राजेश उन्हें रक्तदान की प्रेरणा पूज्य गुरु जी से मिली है और वे लगातार रक्तदान के क्षेत्र में साध-संगत के सहयोग से जरूरतमंद मरीजों की मदद कर रहे हैं। राजेश ने बताया कि वे वट्सअप गु्रप पर एक्टिव हैं और उनके पास रोजाना मरीजों के परिजनों से रक्त के लिए कॉल आते हैं। ऐसे में राजेश के कांटैक्ट में आसपास के हजारों सेवादार हैं, जो 3 महीने के अंतराल के बाद निरंतर रक्तदान करते हैं और वे कॉल आने पर रक्तदान के लिए तैयार रहते हैं।
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