सराहनीय प्रयास। विधवा महिला प्रीतम कौर की खस्ताहातल मकान की चिंता हुई खत्म| Welfare Work
- डेरा श्रद्धालुओं ने कुछ ही घंटों में बदली खस्ताहालत घर की दशा
बरनाला(सच कहूँ/जसवीर सिंह)। ब्लॉक महल कलां अधीन आते गांव चीमा की विधवा महिला प्रीतम कौर को अपने खस्ताहालत मकान की खत्म हो गई गया है। ब्लाक महल कलां के (Welfare Work) डेरा श्रद्धालुओं ने कुछ घंटों में ही माता प्रीतम कौर के अति खस्ता हालत घर को गिरा कर नये सिरे से बनाने सहित रसोई और बाथरूम नया बनाने के बाद रंग रोगन कर माता को सौंप दिया है। इस संबंधी जानकारी देते ब्लॉक महल कलां के ब्लॉक भंगीदास हजूरा सिंह इन्सां ने बताया कि विधवा माता प्रीतम कौर पत्नी दरबारा सिंह निवासी चीमा काखस्ताहालत घर लंबे समय से गिरने की हालत में था व मामूली बारिश होने पर भी घर की छत में से जगह-जगह से पानी टपकने लग जाता था, जिस कारण माता को अपने खस्ताहालत घर के कारण हर समय पर अपनी जान की चिंता लगी रहती थी।
माता प्रीतम कौर ने पूज्य गुरू जी व साध-संगत का तहदिल से किया धन्यवाद
उन्होंने बताया कि माता के पति की तकरीबन 15 साल पहले मौत हो चुकी है, जिनके मरणोंपरांत विधवा महिला प्रीतम कौर की आर्थिक हालत कमजोर हो गई है, जिस कारण वह अपने घर की छत बदलने में भी असमर्थ थी। ब्लॉक भंगीदास ने बताया कि अपने खस्ता हालत अपने घर में अकेली रह रही माता ने गांव के ही पंद्रह मैंबर मलकीत सिंह इन्सां द्वारा ब्लॉक महल कलां की ब्लॉक समिति के पास अपने घर को गिरा कर नये सिरे से बनाने की अपील की थी।
समूह जिम्मेवारों ने विचार-विमर्श करने के बाद आज डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की पवित्र शिक्षाओं पर चलते ब्लॉक की समूह साध-संगत के सहयोग के साथ शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने कुछ ही घंटों में माता के घर की छत बदलने के अलावा माता को एक रसोई और एक बाथरूम भी बना कर दिया है। सेवादारों ने नये सिरे से तैयार किये नये घर को रंग रोगन कर माता प्रीतम कौर को सौंप दिया है। इस दौरान विधवा महिला प्रीतम कौर ने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां व साध-संगत का तहदिल से धन्यवाद किया।
सेवा कार्य में इन मिस्त्रियों ने निभाई सेवा | Welfare Work
जहां एक तरफ हाथ को हाथ खा रहा है वहीं डेरा श्रद्धालु अपना नफा – नुक्सान न देखते हुए मानवता भलाई को हमेशा ही प्राथमिकता देते हैं। इसी के अंतर्गत पूज्य गुरू संत डॉ. एमएसजी की पवित्र शिक्षाआें पर चलते अपने कीमती घरेलू व्यस्तताओं को एक तरफ रख कर जगरूप सिंह इन्सां व गुरप्रीत सिंह इन्सां, दलजीत इन्सां, रजिन्दर इन्सां व करमजीत कर्मा इन्सां, मलकीत सिंह ठीकरीवाला ने मिस्त्रियों के तौर पर इस महान कार्य में अपना भरपूर योगदान दिया।
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