बठिंडा : गेज सिंह इन्सां की मृत देह मेडीकल रिसर्च के लिए दान

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गांव पक्का कलां में हुआ तीसरा शरीरदान | (Body Donate)

बठिंडा/पक्का कलां(पुशपिन्दर सिंह )। डेरा सच्चा सौदा की पवित्र प्रेरणाओं के अंतर्गत ब्लाक रामां-नसीबपुरा अधीन आते गांव पक्का कलां के एक डेरा श्रद्धालू के मरणोंपरांत उसकी तरफ से किए गए प्रण को पूरा करते उसके पारिवारिक सदस्यों ने (Body Donate) मृत देह को मैडीकल रिसर्च के लिए दान कर दिया। सच-कहूँ के सेवादार प्यारा सिंह इन्सां ने जानकारी देते बताया कि उनके चाचा गेज सिंह इन्सां निवासी पक्का कलां बीते दिन अपनी स्वासों रूपी पूंजी पूरी कर कुल मालिक के चरणों में जा बिराजे। उनके मरणोंपरांत उसके पारिवारिक सदस्यों तेज कौर, रानी कौर, वीरपाल कौर, परमजीत कौर इन्सां, गुरमीत कौर, बेअंत कौर, बूटा सिंह इन्सां (सेवक ट्रैफिक समिति) ने उनकी अंतिम इच्छा अनुसार मृत देह को हेरिटेज इंस्टीट्यूट आफ मैडीकल विज्ञान वारानसी ( उत्तर प्रदेश) को मैडीकल रिसर्च के लिए दान कर दिया।

+‘‘गेज सिंह इन्सां अमर रहे’’ के नारों के साथ पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों, ब्लॉक की साध-संगत और गांववासियों ने मृत देह को एम्बूलैस द्वारा उनके निवास स्थान से बस स्टैंड तक काफिले के रूप में अंतिम विदाई दी। इस मौके ब्लॉक के हरपाल चंद इन्सां, भोला सिंह इन्सां, हरबंस लाल इन्सां, गुरप्रीत सिंह, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादार बहन/भाई, रिश्तेदार, गांवनिवासी व अन्य साध संगत उपस्थित थी।

गांव पक्का कलां के तीन इन्सां लगे मानवता के लेखे | (Body Donate)

  • गांव पक्का कलां में तीन डेरा श्रद्धालु मरणोंपरांत मानवता के लेखे लग गए।
  • इससे पहले गांववासी रुलदू राम इन्सां व निर्मला रानी इन्सां की मृत देह मैडीकल रिसर्च के लिए दान की है।
  • दोनों एक ही परिवार के सदस्य थे।
  • जब गेज सिंह इन्सां की मृत देह का अंतिम संस्कार करने की बजाय मृत देह को मैडीकल रिसर्च के लिए रवाना किया जा रहा था।
  • गांव के लोग काफिला देख कर डेरा सच्चा सौदा की तरफ से चलाए जा रहे ऐसे मानवता भलाई कामों की काफी प्रशंसा कर रहे थे।

मरणोपरांत शरीरदान करना प्रंशसनीय प्रयास | (Body Donate)

गांव के पूर्व सरपंच बलकरन सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी की ओर से चलाए जा रहे मानवता भलाई के कार्यों की प्रशंसा करते कहा कि धन्य हैं ऐसे डेरा श्रद्धालु जो अपने पूज्य गुरू जी की तरफ से दी प्रेरणाओं पर चलते हुए रूढ़िवादी सोच छोड़ कर शरीरदान जैसे महान कार्य कर रहे हैं जो मैडीकल रिसर्च के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।

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